ADVERTISEMENTREMOVE AD

पॉडकास्ट|‘मुझे कैंसर होने के बाद मेरी 5 साल की बेटी मैच्योर हो गई’

‘डॉक्टर ने जब कीमोथेरेपी की बात कही, तो मैं डर गई.’

Updated
फिट
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

'सर्वाइविंग कैंसर' एक कैंसर सर्वाइवर और उनके डॉक्टर से ‘फिट’ की बातचीत है. इस एपिसोड में हमने बात की नई दिल्ली में फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉ मोहित अग्रवाल और एक 33 साल की गवर्नमेंट स्कूल टीचर और 5 साल की बच्ची की मां रोमा सिंह से.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रोमा सिंह लखनऊ से कुछ किलोमीटर दूर एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. वो अपने साथी टीचरों के साथ रोजाना स्कूल आती-जाती हैं. घर पर, रोमा की एक 5 साल की बेटी है. रोमा की शादी के छह साल हो चुके हैं. साल 2017 में पहली बार रोमा को ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चला.

मटर के दाने जैसी छोटी सी गांठ उनके शरीर से निकाली गई, लेकिन कुछ महीनों के बाद उन्हें फिर से कैंसर हो गया. अब वो इस बात पर हंसती हैं कि पहली बार उनके डॉक्टर फोर्टिस, शालीमार बाग के डॉ मोहित अग्रवाल ने जब कीमोथेरेपी की बात की थी, तब उन्होंने डर के कारण इनकार कर दिया था.

रोमा कहती हैं, 'जो इस बारे में नहीं जानता है, उसके लिए कीमो बहुत ही डरावना शब्द है.' डॉ मोहित कहते हैं कि ये भयानक जरूर लगता है, लेकिन ये समझना जरूरी है कि कीमोथेरेपी का मतलब सिर्फ एक चीज नहीं है. ये कई तरह की दवाइयों का कॉम्बिनेशन है. जो भी मेडिसिन बैक्टीरिया से लड़ती है, उसे एंटीबायोटिक कहते हैं, लेकिन कई तरह की एंटीबायोटिक मौजूद हैं, यही बात कीमोथेरेपी के लिए भी सही है.

दोबारा कैंसर होने के बाद रोमा कीमोथेरेपी के लिए तैयार हुईं.

0

जानकारी और जल्दी डिटेक्शन की अहमियत

‘डॉक्टर ने जब कीमोथेरेपी की बात कही, तो मैं डर गई.’
रोमा बताती हैं कि सबसे बड़ी चुनौती अपने परिवार को कैंसर के बारे में बताना होता है
(फोटो: iStock)

रोमा कहती हैं कि कैंसर के मामले में सबसे बड़ी चुनौती अपने परिवार को ये बताना होता है कि आपको कैंसर है. वो आगे बताती हैं कि जानकारी की कमी और कैंसर को लेकर जो स्टिग्मा है, इस वजह से इसका नाम ही किसी को उदास और परेशान करने के लिए काफी है. इसलिए, रोमा के लिए अपने परिवार को ये भरोसा दिलाना जरूरी था कि वो पूरा ट्रीटमेंट कराएंगी और पूरी तरह से ठीक होकर वापस आएंगी.

कैंसर से जुड़ी दूसरी जरूरी बात इसके बारे में जल्दी पता चलने (डिटेक्शन) की है. रोमा के मामले में कैंसर का बिल्कुल ठीक समय में पता चला गया. जिससे समय पर उनका इलाज हो सका और वो ठीक हो गईं.

डॉ मोहित इस बात पर जोर डालते हैं कि कैंसर का जल्द डिटेक्शन ही सारा अंतर लाता है. अक्सर लोग सालों से गांठों को नजरअंदाज करते हैं और कैंसर को बढ़ने देते हैं. जब वो ट्रीटमेंट के लिए आते हैं, केस काफी कॉम्प्लिकेटेड हो जाता है. इसलिए रेगुलर चेकअप और सही जानकारी रखनी चाहिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बाल झड़ना और खूबसूरती से जुड़ी शंका

रोमा कहती हैं, 'मुझे सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम अपने पति से मिला.' जब उनका कीमो शुरू हुआ और उनके बाल झड़ने लगे, रोमा के पति ने कभी इसका जिक्र नहीं किया कि उनमें कोई बदलाव आया है.

डॉ अग्रवाल ने हमेशा उन्हें भरोसा दिया कि बाल खोना सिर्फ कुछ समय के लिए है और आश्वासन दिया कि वो पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी.

पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग के दौरान रोमा को देखकर लगा कि डॉ अग्रवाल बिल्कुल ठीक कह रहे थें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×