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Bubonic Plague का मामला सामने आया, यह क्या है? क्या आपको चिंतित होना चाहिए?

1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 50 मिलियन लोग मारे गए, जिसे 'ब्लैक डेथ' के नाम से जाना जाता है.

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Bubonic Plague: ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) वापस आ गया है. मानव इतिहास की सबसे घातक महामारियों में से एक, 'ब्यूबोनिक प्लेग' का एक ताजा मामला हाल ही में अमेरिका के ओरेगॉन में पाया गया, जिससे दुनिभर की चिंता बढ़ गई है.

अमेरिका के ओरेगन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने 2005 के बाद से राज्य में ब्यूबोनिक प्लेग के पहले मामले की पुष्टि की. रिपोर्टों के अनुसार, आशंका है कि मरीज को एक बीमार पालतू बिल्ली से यह बीमारी हुई.

1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 50 मिलियन लोग मारे गए, जिसे 'ब्लैक डेथ' के नाम से जाना जाता है. तो, क्या ये नया मामला चिंता का कारण है? ब्यूबोनिक प्लेग को इतना घातक क्यों माना जाता है? यह कैसे फैलता है और आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? जानते हैं इस आर्टिकल में.

Bubonic Plague का मामला सामने आया, यह क्या है? क्या आपको चिंतित होना चाहिए?

  1. 1. क्या है ये नया मामला?

    अमेरिका के ओरेगन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने 2005 के बाद से राज्य में ब्यूबोनिक प्लेग के पहले मामले की पुष्टि की. डेसच्यूट्स काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मरीज का एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.

    उन्होंने कहा कि व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जारी नहीं की गई है. बीमारी का तुरंत पता चल गया और व्यक्ति को इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दी गईं. मरीज की कंडीशन अब स्थिर है. व्यक्ति और बिल्ली के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया गया और एहतियाती इलाज भी किया गया.

    इलाज के बावजूद बिल्ली को बचाया नहीं जा सका.

    पिछले सप्ताह की शुरुआत में अधिकारियों ने जारी बयान में राहत व्यक्त की कि बीमारी की तुरंत पहचान की गई और इलाज किया गया, जिससे कम्युनिटी के लिए संभावित जोखिम कम हो गए.

    डेसच्यूट्स काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रिचर्ड फॉसेट ने एक प्रेस रिलीज में कहा, "निवासी और उनके पालतू जानवरों के सभी करीबी संपर्कों से संपर्क किया गया है और बीमारी को रोकने के लिए दवा दी गई है."

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  2. 2. ब्यूबोनिक प्लेग क्या है?

    ब्यूबोनिक प्लेग, एक जूनोटिक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है. वाई पेस्टिस आमतौर पर छोटे जानवरों और उनके पिस्सू (fleas) में पाया जाता है.

    1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 50 मिलियन लोग मारे गए, जिसे 'ब्लैक डेथ' के नाम से जाना जाता है.

    भारत में, प्लेग1800 के दशक के अंत में आया और इतिहासकारों के अनुसार 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई. हालांकि, वास्तविक संख्या कहीं अधिक मानी जाती है.
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  3. 3. ब्यूबोनिक प्लेग कैसे फैलता है?

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह तीन मुख्य तरीकों से फैल सकता है:

    • पिस्सू (flea) का काटना: चूहों जैसे संक्रमित जानवरों को खाने वाले 'पिस्सू' के काटने पर येर्सिनिया पेस्टिस जीवाणु मनुष्यों तक पहुंच सकते हैं.

    • संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क: संक्रमित जानवरों, खासतौर से चूहों, गिलहरियों और खरगोशों के टिशूज और शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से इन्फेक्शन हो सकता है.

    • सांस की बूंद: दुर्लभ मामलों में, न्यूमोनिक प्लेग से पीड़ित जानवरों या मनुष्यों की सांस की बूंदों के माध्यम से फैल सकता है.

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  4. 4. ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण क्या हैं?

    यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, ब्यूबोनिक प्लेग के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

    • अचानक बुखार और ठंड लगना

    • सिरदर्द और शरीर में दर्द.

    • दर्दनाक, सूजी हुई लिम्फ नोड्स (बुबोज), आमतौर पर कमर, बगल या गर्दन में.

    • थकान और कमजोरी.

    • मिचली और उल्टी.

    • तेजी से विकसित हो रहे सेप्टीसीमिया (ब्लड पॉइजनिंग) से शॉक लग सकता है.

    • गंभीर मामलों में गैंग्रीन (Gangrene).

    • न्यूमोनिक प्लेग के मामलों में, लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है.

    यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लक्षण गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं और तेजी से बढ़ सकते हैं, जिससे इलाज न किए जाने पर लाइफ-थ्रेटनिंग रिस्क हो सकता है.

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  5. 5. इसका इलाज क्या है?

    • एंटीबायोटिक्स: स्ट्रेप्टोमाइसिन, जेंटामाइसिन या डॉक्सीसाइक्लिन जैसे एंटीबायोटिक दवाओं को सही समय पर देने से बुबोनिक प्लेग के इलाज और प्रिवेंशन में मदद हो सकती है.

    • सपोर्टिव केयर: हाइड्रेशन, पेन मैनेजमेंट और रेस्पिरेटरी सपोर्ट जैसे सहायक उपायों की मदद से लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.

    • आइसोलेशन: जब बीमारी न्यूमोनिक प्लेग में बदल जाती है, जो बीमारी का अधिक संक्रामक रूप है, तो रोगी को दूसरों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आइसोलेशन की आवश्यकता हो सकती है.

    • संपर्क का पता लगाना: संक्रमित रोगियों के निकट संपर्क में रहे व्यक्तियों की पहचान करना और उनका इलाज करना बीमारी को आगे फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.

    • पब्लिक हेल्थ मेजर्स: रोडेंट कंट्रोल, फ़्ली इरेडिकेशन और प्रिवेंटिव मेजर्स जैसे पब्लिक हेल्थ इंटरवेंशन को लागू करने से बुबोनिक प्लेग के प्रकोप के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.

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  6. 6. संक्रमण से बचने के लिए मैं क्या सावधानियां बरत सकता हूं?

    रोडंट्स के संपर्क से बचें: रोडंट्स, उनके घोंसलों और कूड़े के साथ संपर्क कम से कम करें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह बीमारी फैली हुई है.

    रोडेंट कंट्रोल: रोडेंट आबादी को कंट्रोल करने के लिए उपाय लागू करें, जैसे इमारतों की दरार को सील करना, फूड सोर्सेज को सुरक्षित करना और कीटनाशकों का उपयोग करना.

    पिस्सू के काटने से बचना: उन क्षेत्रों में जहां बुबोनिक प्लेग फैला है, पिस्सू के काटने से बचने के लिए इन्सेक्ट रिपेलेंट्स का उपयोग करें और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें.

    पालतू जानवरों की देखभाल: सुनिश्चित करें कि आपके पालतू जानवरों का नियमित रूप से पिस्सू का इलाज किया जाए और उन्हें उन क्षेत्रों में घूमने की अनुमति देने से बचें जहां वे संक्रमित जानवरों के संपर्क में आ सकते हैं.

    जल्द इलाज: आपमें बुबोनिक प्लेग के लक्षण विकसित हों, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें, खासकर अगर आप रोडेंट या पिस्सू के संपर्क में रहे हों.

    पब्लिक हेल्थ मेजर्स: टीकाकरण अभियान, क्वारंटाइन मेजर्स और सार्वजनिक शिक्षा पहल सहित बुबोनिक प्लेग के प्रकोप के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की सिफारिशों का पालन करें.

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  7. 7. क्या एक और ब्यूबोनिक प्लेग महामारी फैलने का खतरा है?

    नहीं, एक और 'ब्लैक डेथ' के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मेडिकल एक्सपर्ट्स इस बीमारी के ओरेगॉन से बाहर फैलने या मनुष्यों में मृत्यु का कारण बनने की आशंका नहीं रखते हैं.

    यूएस सीडीसी के अनुसार, 1930 के दशक तक बुबोनिक प्लेग का प्रकोप बहुत अधिक चिंता का विषय नहीं रह गया था.

    वर्तमान में हर साल वैश्विक स्तर पर प्लेग के कुछ हजार मामले सामने आते हैं, मुख्य रूप से मेडागास्कर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और पेरू में. इन क्षेत्रों में मृत्यु दर लगभग 11% है.

    ऐसा इसलिए है क्योंकि अब हमारे पास बहुत प्रभावी एंटीबायोटिक्स हैं, जो येर्सिनिया पेस्टिस से निपटने में सक्षम हैं, साथ ही हाइजीन प्रक्टिस और बीमारी की समझ में भी सुधार हुआ है.

    यूएस सीडीसी के अनुसार, प्लेग के सभी रूपों का आम तौर पर उपलब्ध एंटीबायोटिक दवाओं से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है और प्रारंभिक उपचार से जीवित रहने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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क्या है ये नया मामला?

अमेरिका के ओरेगन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने 2005 के बाद से राज्य में ब्यूबोनिक प्लेग के पहले मामले की पुष्टि की. डेसच्यूट्स काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मरीज का एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.

उन्होंने कहा कि व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जारी नहीं की गई है. बीमारी का तुरंत पता चल गया और व्यक्ति को इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दी गईं. मरीज की कंडीशन अब स्थिर है. व्यक्ति और बिल्ली के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया गया और एहतियाती इलाज भी किया गया.

इलाज के बावजूद बिल्ली को बचाया नहीं जा सका.

पिछले सप्ताह की शुरुआत में अधिकारियों ने जारी बयान में राहत व्यक्त की कि बीमारी की तुरंत पहचान की गई और इलाज किया गया, जिससे कम्युनिटी के लिए संभावित जोखिम कम हो गए.

डेसच्यूट्स काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रिचर्ड फॉसेट ने एक प्रेस रिलीज में कहा, "निवासी और उनके पालतू जानवरों के सभी करीबी संपर्कों से संपर्क किया गया है और बीमारी को रोकने के लिए दवा दी गई है."

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ब्यूबोनिक प्लेग क्या है?

ब्यूबोनिक प्लेग, एक जूनोटिक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है. वाई पेस्टिस आमतौर पर छोटे जानवरों और उनके पिस्सू (fleas) में पाया जाता है.

1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 50 मिलियन लोग मारे गए, जिसे 'ब्लैक डेथ' के नाम से जाना जाता है.

भारत में, प्लेग1800 के दशक के अंत में आया और इतिहासकारों के अनुसार 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई. हालांकि, वास्तविक संख्या कहीं अधिक मानी जाती है.

ब्यूबोनिक प्लेग कैसे फैलता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह तीन मुख्य तरीकों से फैल सकता है:

  • पिस्सू (flea) का काटना: चूहों जैसे संक्रमित जानवरों को खाने वाले 'पिस्सू' के काटने पर येर्सिनिया पेस्टिस जीवाणु मनुष्यों तक पहुंच सकते हैं.

  • संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क: संक्रमित जानवरों, खासतौर से चूहों, गिलहरियों और खरगोशों के टिशूज और शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से इन्फेक्शन हो सकता है.

  • सांस की बूंद: दुर्लभ मामलों में, न्यूमोनिक प्लेग से पीड़ित जानवरों या मनुष्यों की सांस की बूंदों के माध्यम से फैल सकता है.

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ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण क्या हैं?

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, ब्यूबोनिक प्लेग के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • अचानक बुखार और ठंड लगना

  • सिरदर्द और शरीर में दर्द.

  • दर्दनाक, सूजी हुई लिम्फ नोड्स (बुबोज), आमतौर पर कमर, बगल या गर्दन में.

  • थकान और कमजोरी.

  • मिचली और उल्टी.

  • तेजी से विकसित हो रहे सेप्टीसीमिया (ब्लड पॉइजनिंग) से शॉक लग सकता है.

  • गंभीर मामलों में गैंग्रीन (Gangrene).

  • न्यूमोनिक प्लेग के मामलों में, लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लक्षण गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं और तेजी से बढ़ सकते हैं, जिससे इलाज न किए जाने पर लाइफ-थ्रेटनिंग रिस्क हो सकता है.

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इसका इलाज क्या है?

  • एंटीबायोटिक्स: स्ट्रेप्टोमाइसिन, जेंटामाइसिन या डॉक्सीसाइक्लिन जैसे एंटीबायोटिक दवाओं को सही समय पर देने से बुबोनिक प्लेग के इलाज और प्रिवेंशन में मदद हो सकती है.

  • सपोर्टिव केयर: हाइड्रेशन, पेन मैनेजमेंट और रेस्पिरेटरी सपोर्ट जैसे सहायक उपायों की मदद से लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.

  • आइसोलेशन: जब बीमारी न्यूमोनिक प्लेग में बदल जाती है, जो बीमारी का अधिक संक्रामक रूप है, तो रोगी को दूसरों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आइसोलेशन की आवश्यकता हो सकती है.

  • संपर्क का पता लगाना: संक्रमित रोगियों के निकट संपर्क में रहे व्यक्तियों की पहचान करना और उनका इलाज करना बीमारी को आगे फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.

  • पब्लिक हेल्थ मेजर्स: रोडेंट कंट्रोल, फ़्ली इरेडिकेशन और प्रिवेंटिव मेजर्स जैसे पब्लिक हेल्थ इंटरवेंशन को लागू करने से बुबोनिक प्लेग के प्रकोप के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.

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रोडंट्स के संपर्क से बचें: रोडंट्स, उनके घोंसलों और कूड़े के साथ संपर्क कम से कम करें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह बीमारी फैली हुई है.

रोडेंट कंट्रोल: रोडेंट आबादी को कंट्रोल करने के लिए उपाय लागू करें, जैसे इमारतों की दरार को सील करना, फूड सोर्सेज को सुरक्षित करना और कीटनाशकों का उपयोग करना.

पिस्सू के काटने से बचना: उन क्षेत्रों में जहां बुबोनिक प्लेग फैला है, पिस्सू के काटने से बचने के लिए इन्सेक्ट रिपेलेंट्स का उपयोग करें और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें.

पालतू जानवरों की देखभाल: सुनिश्चित करें कि आपके पालतू जानवरों का नियमित रूप से पिस्सू का इलाज किया जाए और उन्हें उन क्षेत्रों में घूमने की अनुमति देने से बचें जहां वे संक्रमित जानवरों के संपर्क में आ सकते हैं.

जल्द इलाज: आपमें बुबोनिक प्लेग के लक्षण विकसित हों, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें, खासकर अगर आप रोडेंट या पिस्सू के संपर्क में रहे हों.

पब्लिक हेल्थ मेजर्स: टीकाकरण अभियान, क्वारंटाइन मेजर्स और सार्वजनिक शिक्षा पहल सहित बुबोनिक प्लेग के प्रकोप के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की सिफारिशों का पालन करें.

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क्या एक और ब्यूबोनिक प्लेग महामारी फैलने का खतरा है?

नहीं, एक और 'ब्लैक डेथ' के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मेडिकल एक्सपर्ट्स इस बीमारी के ओरेगॉन से बाहर फैलने या मनुष्यों में मृत्यु का कारण बनने की आशंका नहीं रखते हैं.

यूएस सीडीसी के अनुसार, 1930 के दशक तक बुबोनिक प्लेग का प्रकोप बहुत अधिक चिंता का विषय नहीं रह गया था.

वर्तमान में हर साल वैश्विक स्तर पर प्लेग के कुछ हजार मामले सामने आते हैं, मुख्य रूप से मेडागास्कर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और पेरू में. इन क्षेत्रों में मृत्यु दर लगभग 11% है.

ऐसा इसलिए है क्योंकि अब हमारे पास बहुत प्रभावी एंटीबायोटिक्स हैं, जो येर्सिनिया पेस्टिस से निपटने में सक्षम हैं, साथ ही हाइजीन प्रक्टिस और बीमारी की समझ में भी सुधार हुआ है.

यूएस सीडीसी के अनुसार, प्लेग के सभी रूपों का आम तौर पर उपलब्ध एंटीबायोटिक दवाओं से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है और प्रारंभिक उपचार से जीवित रहने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

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