अगर हम दूध की किस्मों की बात करें, तो कैमल मिल्क को एकदम से विदेशी श्रेणी में रख दिया जाता है. लेकिन भारत में, राजस्थान और कच्छ की खानाबदोश जनजातियां इस दूध के औषधीय गुणों को लंबे समय से जानती हैं. यह इस दमदार जानवर के आहार से भी जुड़ा मामला है. रेगिस्तान में पाई जाने वाली हजारों जड़ी-बूटियां अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर हैं, जो ऊंटों का भी भोजन हैं.
पश्चिमी देश कैमल मिल्क की अहमियत जान चुके हैं और अब हम भी यहां भारत में इसे री-डिस्कवर कर रहे हैं. कैमल मिल्क की मांग बढ़ रही है और इसमें अमेरिकी रियलिटी स्टार, किम कार्दशियां की भी थोड़ी भागीदारी हो सकती है.
कैमल मिल्क जिस कीमत पर बेचा जा रहा है, उसे जानकर आपको हैरानी जरूर होगी.
भारतीय बाजार में कैमल मिल्क
किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आपको कई किस्म के कैमल मिल्क प्रोडक्ट दिख जाएंगे. फ्रोजेन मिल्क, मिल्क पाउडर, चॉकलेट, साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट. एक ब्रांड जो इन सबमें अलग दिखता है, वो है अद्विक फूड्स. यह भारत में कैमल मिल्क लॉन्च करने वाली पहली कंपनी थी, जिसने अमूल कंपनी को पीछे छोड़ भारत में कैमल मिल्क लॉन्च किया था.
बीकानेर के रहने वाले सिविल इंजीनियर हितेश राठी एक आइडिया लेकर आए, जो कुछ साल पहले वाकई एकदम अनूठा था. उन्होंने स्थानीय उत्पादकों से कैमल मिल्क इकट्ठा कर दिल्ली में मार्केटिंग करने की छोटी सी शुरुआत की थी. वह बताते हैं कि अपनी कंपनी के पहले डिलीवरी ब्वॉय वो खुद थे.
जो लोग हमें आर्डर देते थे, उन्हें दूध पहुंचाने मैं खुद गुड़गांव से नोएडा जाता. बाजार में सबसे पहले आने के नाते, हमारा काम कठिन था. सबसे पहले, लोगों को कैमल मिल्क पीने के फायदों के बारे में जागरूक करना और फिर इसके बाद उन्हें प्रीमियम प्राइस का भुगतान करने के लिए राजी करना.हितेश राठी, फाउंडर, अद्विक फूड्स
हितेश को अब डिलीवरी ब्वॉय की तरह दौड़ना नहीं पड़ता है.
अद्विक फूड्स ने दो प्रसंस्करण इकाइयां (प्रोसेसिंग यूनिट) लगा ली हैं, एक राजस्थान में और एक कच्छ में और अब वो भारत की हर ई-कॉमर्स साइट पर मौजूद हैं. वो एक महीने में 6000 लीटर कैमल मिल्क इकट्ठा करते हैं. फ्रीज ड्राइंग टेक्नीक का इस्तेमाल करके बनाए गए एक किलो मिल्क पाउडर को 6300 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बेचा जाता है.
हम जानते हैं कि हमारे ग्राहक एक खास वर्ग से आते हैं, जो इन प्लेटफॉर्म पर खरीदारी करते हैं और आमतौर पर शहरों में रहते हैं, इसलिए हम उन्हें बाजार देते हैं. अब हम अमेज़ॉन यूएस, ई बे वगैरह में भी पंजीकृत हो चुके हैं. हम गर्व से कह सकते हैं कि हम पहली भारतीय कंपनी हैं, जो विदेशों में कैमेल मिल्क की सप्लाई करती है.हितेश राठी, फाउंडर, अद्विक फूड्स
अमूल ने गुजरात के कुछ चुनिंदा मार्केट में कैमल मिल्क लॉन्च कर दिया है. अमूल के कैमल चॉकलेट पहले से ही बाजार में हैं. इससे पहले फिट से बात करते हुए अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा था,
हमारे प्लांट में एक दिन में 10-15 हजार किलो लीटर कैमल मिल्क की प्रोसेसिंग की क्षमता है. कैमल मिल्क को स्टोर करना और प्रोसेसिंग करना, गाय के दूध से कतई अलग नहीं है और दोनों की एक समान शेल्फ लाइफ है. हम इसे चिकित्सकीय गुणों वाले एक प्रीमियम दूध के रूप में देखते हैं और हम इसे इसी रूप में बाजार में पेश करेंगे.आर एस सोढ़ी, प्रबंध निदेशक, जीसीएमएमएफ लिमिटेड
कैमल मिल्क, पाउडर के रूप में नहीं बल्कि तरल रूप में बोतलों और पाउचों में बेचा जाएगा. हालांकि श्री सोढ़ी ने ये नहीं बताया कि दूध किस कीमत पर बेचा जाएगा. लेकिन उनकी डिस्ट्रीब्यूशन रणनीति को जानते हुए निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उनके बाजार में आने से कीमतें कम होंगी.
काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि कैमल मिल्क के फायदों के बारे में भारतीय बाजार में कितनी जागरुकता पैदा की जा सकती है.
सेहत के लिए कितना फायदेमंद है कैमल मिल्क?
एमीरेट्स जर्नल ऑफ फूड एंड कल्चर में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, रक्त में ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन के स्तर को कम करने की क्षमता के कारण कैमल मिल्क खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
डायबिटीज और कैमल मिल्क पर हुए पिछले सभी शोधों पर किए गए एक अन्य अध्ययन ने ब्लड शुगर को कम करने, इंसुलिन रेजिस्टेंस में कमी लाने और लिपिड प्रोफाइल में सुधार करने में इसकी भूमिका को उजागर किया.
कई शोध पत्रों के मुताबिक, इंसानी दूध की तरह कैमल मिल्क में मौजूद एंटीबॉडी, इम्युनिटी (प्रतिरक्षण) का निर्माण करने और संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा में मदद करते हैं.
The Washington Post में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गाय के दूध की तुलना में कैमल मिल्क में पांच गुना विटामिन C और 10 गुना आयरन होता है. यह भी माना जाता है कि गाय के दूध की तुलना में कैमल मिल्क में कम फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है.
इसमें लैक्टोज से एलर्जी देने वाला प्रोटीन नहीं पाया जाता है.
कैमल मिल्क से जुड़े और भी औषधीय फायदे हैं, लेकिन इनका दावा करने के लिए पर्याप्त शोध नहीं किया गया है. जिन लोगों ने इस दूध को चखा है, उनका कहना है कि आपके नियमित दूध की तुलना में इसका स्वाद थोड़ा नमकीन होता है.
तो क्या आप भी इसका एक घूंट पीने के ख्वाहिशमंद हैं?
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