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World Food Safety Day 2019: फूड सेफ्टी को लेकर चिंता क्यों?

दूषित खाने से होती है हर साल 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत.

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आज पहला वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया जा रहा है. वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाने का लक्ष्य ये सुनिश्चित करना है कि हम जो भोजन खाते हैं, वो पूरी तरह से सुरक्षित हो.

यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली की ओर से दिसंबर 2018 में 2019 से हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाने का फैसला लिया गया था.

इस साल की थीम ‘खाद्य सुरक्षा, सभी की जिम्मेदारी’ पर आधारित है. ये हम सभी की जिम्मेदारी है कि खेतों से हमारी प्लेट तक पहुंच रही खाने की चीजें सुरक्षित हों और हमारी सेहत को नुकसान न पहुंचाएं.

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फूड सेफ्टी को लेकर चिंता क्यों?

एक अनुमान है कि दुनिया भर में 60 करोड़ मामले खाने से जुड़ी बीमारियों के होते हैं. इसका मतलब है कि हर 10 में से 1 शख्स दूषित खाना खाने के बाद बीमार पड़ता है.

खाद्य जनित बीमारियां बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से दूषित भोजन या पानी के जरिए शरीर में प्रवेश करने की वजह से होती हैं.

हर साल करीब 420,000 लोगों की मौत दूषित खाने से होती है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर-जनरल डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस कहते हैं कि इन मौतों को पूरी तरह से रोका जा सकता है.

असुरक्षित खाना हमारी सेहत और अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरा है. वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे के जरिए WHO का लक्ष्य दूषित खाने से होने वाली बीमारियों का बोझ घटाना है.

वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे सरकारों, उत्पादकों, संचालकों और उपभोक्ताओं के साथ असुरक्षित भोजन के खतरों के बारे में जागरुकता बढ़ाने का एक अनूठा मौका है. 
डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस, डायरेक्टर-जनरल, WHO

फूड सेफ्टी की चिंता का हल तभी किया जा सकता है, जब अंतरराष्ट्रीय निकाय, सरकारें, निर्माता और उपभोक्ता इसे अपनी साझा जिम्मेदारी मानेंगे.

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