भारत की बड़ी दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने एक्सपेरिमेंटल एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिवीर को सिप्रेमी नाम से बेचेगी. सिप्रेमी रेमडेसिवीर का जेनेरिक वर्जन है. कंपनी इस दवा की कीमत 5,000 रुपये से कम रखेगी.
रेमडेसिवीर COVID-19 संक्रमण के संदिग्ध या कंफर्म मरीजों के लिए अमेरिकी एफडीए से स्वीकृत एकमात्र इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (ईयूए) इलाज है.
अमेरिकी दवा निर्माता गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला को इसके मैन्यूफैक्चरिंग-मार्केटिंग के लिए लाइसेंस को मंजूरी दी थी.
रविवार को कंपनी ने एक बयान में कहा कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सिप्ला को रेगुलेटरी अप्रूवल दे दी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिप्ला के साथ-साथ प्राइवेट भारतीय दवा कंपनी हेटेरो लैब्स को भी मंजूरी मिली है. हेटेरो लैब्स 100 मिलीग्राम डोज 5,000 से 6,000 रुपये तक के कीमत पर बेचेगी.
रिस्क मैनेजमेंट प्लान के हिस्से के रूप में सिप्ला इस दवा के इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग मुहैया कराएगी, मरीज के सहमति वाले डॉक्यूमेंट(कंसेंट डॉक्यूमेंट) के बारे में सूचित करेगी, पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस कराएगी और साथ ही भारतीय मरीजों पर एक चौथे फेज का क्लीनिकल ट्रायल कराएगी. कंपनी ने आगे कहा है कि इसकी आपूर्ति सरकार और ओपन मार्केट के जरिए की जाएगी.
सिप्ला के एमडी और ग्लोबल सीईओ, उमंग वोहरा ने रविवार को लॉन्च का ऐलान करते हुए कहा कि, "सिप्ला भारत में मरीजों के लिए रेमडेसिवीर को लाने के लिए गिलियड के साथ मजबूत पार्टनरशिप की सराहना करती है. हमने COVID-19 महामारी से प्रभावित लाखों जिंदगियों को बचाने के सभी संभावित उपायों को तलाशने में भारी निवेश किया है, और ये लॉन्च इस दिशा में एक जरूरी मील का पत्थर है."
एसीटीटी-1 (एडेप्टिव कोविड-19 ट्रीटमेंट ट्रायल 1)स्टडी के मुताबिक, अमेरिका, यूरोप और एशिया में 60 से ज्यादा सेंटर्स पर 1,063 मरीजों पर रेमडेसिवीर के एक रैंडम क्लिनिकल ट्रायल से पता चला है कि इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीजों की क्लिनिकल रिकवरी की रफ्तार प्लैसिबो की तुलना में तेज है.
(-रॉयटर्स और IANS इनपुट के साथ)
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