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#LetsTalkSex: सेक्स के बारे में पूरी तरह से गलत हैं ये आम धारणाएं

हम शर्त लगाते हैं कि आप भी इनमें से कुछ पर यकीन करते होंगे.

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वो कौन सी चीज है, जिसके बारे में आप बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन अमल निश्चित रूप से कर सकते हैं? हां, हम सब जानते हैं कि आपके दिमाग में क्या जवाब आया. तो चलिए उसी के बारे में बात भी करते हैं!

सेक्स.

महिलाओं के शरीर के बारे में सबके पास राय है, खासकर जब बात सेक्स की आती है. हम सभी ने इंटरनेट पर कुछ ना कुछ पढ़ रखा है या “शुभचिंतकों” से सेक्शुअल हेल्थ के बारे में कुछ सुन रखा है जो कि गलत ही निकलता है. और सेक्स के बारे में तरह-तरह की प्रचलित धारणाओं से भी कोई मदद नहीं मिलती है.

इसलिए हमने तय किया कि कुछ तथ्यों को दुरुस्त कर लिया जाए. हम शर्त लगाते हैं कि आप भी इनमें से कुछ पर यकीन करते होंगे.

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सेक्स के बारे में आम मिथक

सेक्स के बारे में ये हैं कुछ आम धारणाएं:

कोई महिला पीरियड्स के दौरान गर्भवती नहीं हो सकती

कई महिलाएं और उनके पार्टनर प्रेग्नेंसी से बचने के लिए, पीरिड्स को अनप्रोटेक्टेड सेक्स संबंध बनाने के खुले मौके के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं.

हालांकि पीरिड्स के दौरान प्रेग्नेंसी की संभावना कम है, फिर भी जोखिम तो है. किन्हीं दो महिलाओं का पीरियड्स एक तरह से काम नहीं करता है, इसलिए एकतरफा तौर पर सामान्यीकरण नहीं किया जा सकता है.

स्पर्म स्खलन के बाद 3 दिनों तक महिला की वेजाइना में जीवित रह सकता है. आपके पीरिड्स के दिनों की संख्या और आपके पीरियड के कितने दिनों के बाद आप ओवुलेशन शुरू करती हैं, इसे देखते हुए इस बात की संभावना है कि स्पर्म तब भी मौजूद हों, जब आपका पीरियड खत्म होता है और आपके एग्स रिलीज होते हैं.

महिला की वजाइना नियमित सेक्स से ‘ढीली’हो जाती है

वजाइना के बारे में बोलने को हर किसी के पास कुछ ना कुछ है. यह सबसे ज्यादा प्रचलित मिथकों में से एक है, जिसे सच के रूप में स्वीकार किया गया है. यह पूरी तरह से गलत धारणा है कि एक बार जब वजयजय खिंच जाती है, तो वह हमेशा के लिए खिंच जाती है.

आपकी वजाइना कुंवारी के तौर पर “टाइट” और लगातार सेक्स के चलते “लूज” नहीं हो जाती है. उत्तेजित होने पर वेजाइना में मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, और फिर बाद में सामान्य हो जाती हैं.

सेक्स करने से वेजाइना स्थाई रूप से नहीं फैलती है. ये कही जाने वाली सिर्फ पुरानी बातें हैं, इसलिए अपने दिमाग को अंधकार-युग से बाहर निकाल कर सोचें!

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हस्तमैथुन आपके लिए ठीक नहीं है

नहीं, मस्टरबेशन आपके पार्टनर को धोखा देने जैसा नहीं है और यह निश्चित रूप से बुरा या सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है. वास्तव में, कई सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट इसको सेहत के लिए अच्छा मानते हैं.

फिट के साथ पहले हुई एक बातचीत में, यूके बेस्ड लेखक और मनोचिकित्सक लुसी बेरेसफोर्ड, जो नियमित रूप से लिखने के साथ, सेक्शुअल हेल्थ और रिश्तों पर एक रेडियो शो करती हैं, ने कहा था:

रोजाना मस्टरबेशन करने में कोई खराबी नहीं है. यह खुद को शानदार शांति देने वाला और तनाव दूर करने का एक अच्छा तरीका है.

आप पूरी बातचीत यहां देख सकते हैं:

LIVE: Talking sex and relationships with Lucy Beresford, a psychotherapist and author. Join in and ask your questions about sexual and emotional health!

Posted by Fit on Friday, November 3, 2017
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प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए ‘पुल-आउट’ विधि काम करती है

आपकी खामख्याली तोड़ने के लिए माफ करें, लेकिन अगर आपका पार्टनर एजेकुलेशन से पहले पुलआउट कर लेता है तो भी आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं. यहां तक कि अगर आपका पार्टनर आउटसाइड आ गया है, तो भी एक संभावना है कि स्पर्म आपकी स्किन के जरिये आपकी वेजाइना तक अपना रास्ता तय कर सकते हैं. तो, आपके पार्टनर को सही वक्त पर पुलआउट करने के लिए बहुत अधिक नियंत्रण की जरूरत होगी.

और यह तरीका आपको STD (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज) से भी नहीं बचाता है, इसलिए हमेशा प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें.

और यहां तक कि आंकड़े भी भरोसा नहीं जगाते. जैसा कि ऑनलाइन पोर्टल WebMD कहता है:

ज्यादातर कपल ये काम परफेक्शन से नहीं कर पाते हैं. इस तरीके का इस्तेमाल करने वाले जोड़ों में लगभग 25% प्रेग्नेंट हो जाते हैं.

सभी ऑर्गेज्म वजाइनल होते हैं

माफ करें दोस्तों, लेकिन क्या आपने कभी ‘क्लिटरिस’ के बारे में सुना है? हां, अक्सर सुना होगा, एक महिला का सबसे खास स्थान क्लिटरिस होता है, वजाइना नहीं. इसलिए वजाइनल ऑर्गेज्म पाने के लिए बार-बार पेनिट्रेशन हमेशा मदद नहीं कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जब ऑर्गेज्म (चरम-सुख) की बात आती है, तो इसका ‘सबके लिए एक ही तयशुदा नुस्खा’ नहीं हो सकता. अलग-अलग महिलाएं अलग-अलग ऑर्गेज्म महसूस करती हैं और अक्सर, कई महिलाओं के लिए क्लिटोरल स्टिमुलेशन उनकी जन्नत की सीढ़ी है.

सच्चाई तो ये है कि, एसेंसियल्स ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी के अनुसार, ‘जो महिलाएं सेक्स के दौरान क्लाइमेक्स पर पहुंचती हैं, उनमें 25 प्रतिशत को पेनेरेटिव सेक्स के माध्यम से ऑर्गेज्म हासिल होता है, जबकि एक बड़े हिस्से 75 प्रतिशत को क्लिटोरल स्टिमुलेशन की अतिरिक्त जरूरत होती है.’

(अपनी सेक्शुअल हेल्थ का ख्याल रखना किसी भी दूसरे स्वास्थ्य देखभाल जितना ही जरूरी है. चाहे वह सेक्स, पीरियड्स या प्रेग्नेंसी के बारे में हो, अगर आपके सेक्सुअल हेल्थ पर और सवाल हैं, तो अपने सवाल SexEd@thequint.com पर भेजें.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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