सर्दियां चल रही है, गर्म कंबल, एक अच्छी किताब और एक कप गर्म कॉफी के साथ अक्सर आराम करने का ख्याल मन में आता रहता है. लेकिन ठंड का मौसम अपने साथ न केवल फ्लू या खांसी का जोखिम लेकर आता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए 'कफिंग' भी.
हां, आपने उसे सही पढ़ा है.
2017 में, "कफिंग सीजन" को कोलिन्स डिक्शनरी द्वारा 'वर्ड ऑफ द ईयर' के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था और कहा जा सकता है कि यह पहली बार था, जब इस शब्द ने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया था. डिक्शनरी ने 'कफिंग सीजन' को ऑटम (Autumn) और सर्दियों के मौसम के उस पीरियड को कहा है, "जब सिंगल लोग कैजुअल अफेयर के बजाय एक स्थाई रिश्ते की तलाश करते हैं".
गूगल ट्रेंड्स के डेटा से पता चलता है कि इस शब्द के लिए सर्च इंटरेस्ट 2013 से लगातार बढ़ी है और हर साल अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत में स्पाइक देखे गए हैं.
मौसम में बदलाव के कारण हमारा एक साथी ढूंढने की जरूरत महसूस करना अजीब नहीं लगता? तो, क्या 'कफिंग सीजन' सही में एक वास्तविक घटना है? या क्या यह बस क्लिक्स बढ़ाने के लिए एक और ध्यान खींचने वाला क्यूट आइडिया है?
फिट ने यह जानने के लिए एक्सपर्ट्स से बात की.
कफिंग सीजन के पीछे के साइंस को समझते हैं
अमेरिका स्थित मनोवैज्ञानिक और पब्लिश्ड रिसर्चर तान्या पर्सी वसुनिया के अनुसार, कफिंग कुछ खास चीजों से उत्पन्न होती है.
उन्होंने कहा, "जब ठंड बढ़ती है, तो हमारा शरीर बाहर के तापमान में बदलाव और सूरज की रोशनी की कमी के अनुसार रिएक्ट करता है. इसका रिजल्ट यह होता है कि हम दूसरे लोगों की तरफ खिंचते हैं."
वसुनिया बताती हैं कि इस घटना को तीन एंगल से समझा जा सकता है:
एक इवोल्यूशनरी दृष्टिकोण
एक साइकोलॉजिकल दृष्टिकोण
एक बायोलॉजिकल दृष्टिकोण
"बायोलॉजिकल रूप से, जब अंधेरा या ठंड होती है, तो ब्रेन में सेरोटोनिन कम हो जाता है, जिससे मूड खराब हो जाता है. सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर (SAD) भी इससे जुड़ा हुआ है. साथी और प्यार की तलाश इस खराब मूड को कम करने में मदद करती है. यही कारण है कि सेक्स और शारीरिक स्पर्श से सेरोटोनिन को बढ़ावा मिलता है और मूड बेहतर होता है."तान्या पर्सी वसुनिया
उत्सव और शादी का मौसम भारत में कफिंग को ट्रिगर करता है
साइकोलॉजिकल रूप से कहें तो, अक्सर ज्यादा आइसोलेशन (अकेलापन) अनुभव होने पर लोग साथी की तलाश करते हैं, खास कर से ठंड के महीनों में जब वे घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं. पश्चिम में यह एक आम ट्रेंड है. लेकिन भारत में, यह शादी और त्योहारी सीजन से अधिक जुड़ा हो सकता है.
वसुनिया कहती हैं, ''भारत में, शादी के मौसम के दौरान इस घटना का एक खास कल्चरल अर्थ होता है.''
"उस समय बहुत सारा रोमांस और सोशल एक्टिविटी होती है, जिससे किसी के साथ रहना अधिक मजेदार हो जाता है. किसी साथी के बिना फंक्शनों में भाग लेने से अकेलापन महसूस हो सकता है, खासकर जब दूसरे लोग अपने रिश्तों को सेलिब्रेट कर रहे हों. ऐसे समय में, साथी और सपोर्ट की तलाश करना एक स्वाभाविक रिस्पांस है."पर्सी वसुनिया ने फिट को बताया
मैचमेकर और रिलेशनशिप कोच, राधिका मोहता ने बताया कि कफिंग सीजन उत्सव के माहौल, छुट्टियों के दौरान वॉर्म्थ और साथ की इच्छा और अकेलेपन से बचने के लिए, से प्रेरित होता है.
इससे निपटने के लिए लोग कम्पैनियनशिप चाहते हैं, भले ही वह शॉर्ट-टर्म हो.
उन्होंने आगे बताया, “जब बात आती है कफिंग सीजन के दौरान डेटिंग स्ट्रेटजी की, हम अक्सर इसे फिल्मों में देखते हैं. लोग आने वाले वैलेंटाइन डे या ग्रुप ट्रिप के लिए एक डेट ढूंढने के लिए एक-दूसरे को चुनौती दे सकते हैं."
"कभी-कभी, लोग एक-दूसरे को सपोर्ट करने के लिए समझौता करते हैं जब तक कि उन्हें अधिक स्थायी पार्टनर नहीं मिल जाते, यह सुनिश्चित करते हुए कि चीजें अजीब न हों या दूसरे उन पर सवाल न उठाएं. यही इसका एसन्स है."राधिका मोहता
कफिंग-संबंधित व्यवहार की पहचान कैसे करें?
राधिका "कफिंग सीजन" के दौरान ध्यान रखने योग्य तीन प्रमुख व्यवहार बताती हैं:
लव बॉम्बिंग: लव बॉम्बिंग उसे कहते हैं जब कोई आप पर तेजी से प्यार बरसाता है, जिसका गोल आपको खुश करना और जल्द से जल्द जीतना होता है. वे आपकी हर बात से सहमत हो सकते हैं, बहुत अधिक अफेक्शन से आपका प्यार जीत लेने की कोशिश कर सकते हैं.
जल्दबाजी में भविष्य की योजना बनाना: एक और वार्निंग सिग्नल है, जब कोई व्यक्ति रिश्ते की शुरुआत में ही भविष्य की बड़ी योजनाएं बनाने लग जाता है. जैसे कि वे कुछ ही डेट्स के बाद आपसे शादी करने की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं, भले ही आप अभी भी एक-दूसरे को अच्छे से नहीं जानते हों. आपको थोड़ा जानने के तुरंत बाद, वे भी आपकी तरह बात करने लगते हैं, आपकी इच्छाओं को रिफ्लेक्ट करते हैं और इस प्रकार आपको मनिप्युलेट कर सकते हैं.
नार्सिसिस्ट व्यवहार: तीसरा चिंताजनक व्यवहार है जब कोई आपको नीचा दिखाने की कोशिश करता है, जो एक नार्सिसिस्ट व्यवहार हो सकता है. वे आपको अपमानित कर सकते हैं, आपकी भावनाओं पर ध्यान नहीं दे सकते हैं या आपको उनका पीछा करने के लिए मनिप्युलेट करने के लिए हर्ट करने वाले कमेंट कर सकते हैं. यह व्यवहार अलग-अलग अटैचमेंट स्टाइल में रूटेड हो सकता है, खासकर जब एक व्यक्ति दूसरे को दूर करने की कोशिश करता है, जिससे पीछा करने और एंजाइटी की डायनामिक पैदा होती है.
"यह पुश-पुल तकनीक अक्सर पिकअप आर्टिस्ट द्वारा आकर्षण पैदा करने के तरीके के रूप में सिखाई जाती है. ऐसे व्यवहार को पहचानना जरुरी है और इसे वास्तविक आकर्षण के रूप में समझने की गलती न करें, क्योंकि यह अस्वस्थ और ईमोशनली ड्रेनिंग हो सकता है."राधिका मोहता, रिलेशनशिप एक्सपर्ट
क्या कफिंग सीजन एक 'स्वस्थ' व्यवहार है?
वसुनिया के अनुसार व्यवहार कितना स्वस्थ है, यह व्यक्ति पर निर्भर करता है. कफिंग एक विशेष सीजन के दौरान एक साथी की तलाश करने और फिर यह देखने जैसा है कि यह काम करता है या नहीं, जैसा कि सिचुएशनशिप.
एक्सपर्ट ने कहा, "यह अरेंज्मेंट सपोर्ट दे सकता है, लेकिन इमोशनल सेफ्टी और शर्तों और एक्स्पेक्टेशन के बारे में क्लियर कम्युनिकेशन एक स्वस्थ अनुभव के लिए बेहद जरुरी है."
तान्या इस दौरान डेटिंग को लेकर सतर्क रहने की सलाह देती हैं.
“आपको इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या यह माहौल रिश्ते के लिए आपकी इच्छा को प्रभावित कर रहा है या आप वास्तव में तैयार हैं. अपने पार्टनर के साथ बात करना जरूरी है यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके इरादे एक हों और बाद में आप दोनों कैसा महसूस करते हैं उसके आधार पर फ्यूचर पर निर्णय ले सकते हैं.पर्सी वसुनिया ने फिट को बताया
मेंटल हेल्थ के नजरिए से, यह जानना महत्वपूर्ण है कि आप किसी रिश्ते में वास्तव में क्या चाहते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं और साथी की तलाश कर रहे हैं, तो अपनी मोटिवेशंस और एक्सपेक्टेशंस को समझना जरुरी है.
किसी रिश्ते को शुरू करते समय आपके इरादे उसके नेचर पर प्रभाव डालते हैं, चाहे वह शॉर्ट-टर्म हो या लॉन्ग-टर्म.
एक और महत्वपूर्ण पहलू क्लियर बाउंड्री सेट करना है. कफिंग सीजन एनवायरनमेंटल बदलावों से प्रभावित होता है और इससे रिश्ते में तेजी आ सकती है. लॉन्ग-टर्म योजनाओं में जल्दबाजी करने से निराशा और रिश्तों पर बोझ पड़ सकता है.
वसुनिया के अनुसार, सबसे स्वस्थ मानसिकता, मौसम, शादी का सीजन, साथियों का दबाव या दूसरे लोगों का रिश्तों में होना जैसे एक्सटर्नल फैक्टरों की परवाह किए बिना अकेले रहकर भी संतुष्ट महसूस करना है. यह सेल्फ-एश्योरेन्स आपको अपने लिए समझदार और स्वस्थ विकल्प चुनने देता है.
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