मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की एक स्टडी बताती है कि दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है.
साल 2016 और 2019 के बीच टेस्ट किए गए 10 लाख से ज्यादा सैंपल्स पर की गई स्टडी के नतीजे:
- कोलेस्ट्रॉल की जांच कराने वाले 10 में से 4 दिल्ली वासियों की रिपोर्ट में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई या बॉर्डरलाइन हाई पाया गया.
- 10 में से 5 लोगों में बैड कोलेस्ट्रॉल अपने अधिकतम लेवल पर पाया गया.
- 10 में से 8 लोगों में गुड कोलेस्ट्रॉल जरूरी स्तर से कम था.
- 10 में से 4 दिल्ली वासियों में ट्राइग्लिसराइड हाई या बॉर्डरलाइन हाई पाया गया.
हाई कोलेस्ट्रॉल: चिंता का विषय क्यों?
कोलेस्ट्रॉल शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाने वाला वैक्सी और फैट जैसा तत्व है. ब्लड में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है. इसलिए कोलेस्ट्रॉल पर काबू पाकर आप दिल की बीमारियों, हार्ट अटैक का खतरा घटा सकते हैं.
दिल्ली में मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड की चीफ पैथालॉजिस्ट डॉ गीता चोपड़ा कहती हैं, "हाई कोलेस्ट्रॉल के कोई लक्षण नजर नहीं आते, इस वजह से लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है."
गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल
टोटल कोलेस्ट्रॉल में लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL या बैड) कोलेस्ट्रॉल और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL या गुड) कोलेस्ट्रॉल दोनों आता है.
दिल को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी है कि आप बैड कोलेस्ट्रॉल को कम से कम करें और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाएं.
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए आपकी लाइफस्टाइल और खानपान का अहम रोल होता है.
डाइट में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट ज्यादा होने से बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ता है. टाइप 2 डायबिटीज, ज्यादा वजन, एक्सरसाइज ना करना, स्मोकिंग और जेनेटिक फैक्टर्स गुड कोलेस्ट्रॉल के लो लेवल की वजह बनते हैं.
अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है और इसके लिए जरूरी है कि हम लाइफस्टाइल के साथ अपनी डाइट का भी खास ध्यान रखें.
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