बचपन से हमें यही सिखाया गया कि अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए सुबह-सुबह व्यायाम करना बेहद फायदेमंद है. लेकिन इन दिनों अगर बड़ों की इस सीख आप अमल कर रहे हैं, तो ये आपकी सेहत बनाने की बजाय बिगाड़ सकती है. जी हां, सुनने में आपको भले ही थोड़ा अजीब लग रहा हो, पर ये सच है.
बाहर निकलने से करें परहेज
दिल्ली में वायु प्रदूषण के मद्देनजर जेपी अस्पताल में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सीनियर कन्सलटेंट डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल का कहना कि बेहतर होगा इस समय जहां तक हो सके घर के भीतर रहें. नवंबर से लेकर जनवरी तक घर के बाहर करने वाली गतिविधियां जैसे दौड़, जॉगिंग, साइक्लिंग, जिम और सुबह के समय किए जाने वाले व्यायाम न करें.
इस स्मॉग यानी धुंध के चलते विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ी है. इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा है, खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग, हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें. दिल के मरीज और न्यूरोलॉजिक बीमारियों के मरीज भी अपना ख्याल रखें क्योंकि यह स्मॉग सीधे कार्डियो-वैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है.
हवा में धूल के कारण लोगों में ब्रोंकाइटिस, छाती में कन्जेशन और गले में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रहीं हैं. अगर आपको छाती में भारीपन लगे तो भाप लें, इससे आराम मिलेगा.”-डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल
इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस समय अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करें, क्योंकि ये आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. इसके अलावा प्रोसेस्ड चीनी की बजाय गुड़ का सेवन बेहतर होगा, जो फेफड़ों से प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई परेशानी हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें. अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनें जो पीएम 2.5 को फिल्टर कर सकता हो, ताकि स्मॉग का सीधा असर आपके फेफड़ों पर न पड़े.
इसलिए जब तक सर्दियों का मौसम है, तब तक इन बातों का ध्यान रखें, ताकि आप सेहतमंद भी रहें और सुरक्षित भी.
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