WHO के मुताबिक दुनिया में हर 10 में 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की मौत एयर पॉल्यूशन के कारण होती है.
स्ट्रोक, लंग कैंसर और दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों में से एक तिहाई मौत की वजह एयर पॉल्यूशन है. आप जितने भी अमीर हों, वायु प्रदूषण से नहीं बच सकते क्योंकि ये जहरीली हवा हमारे चारों ओर है. प्रदूषक कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि हवा से वो हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और हमारे फेफड़ों, दिल और दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं.
एशिया पेसिफिक में 8 % से कम लोगों को ही साफ हवा मिलती है. वायु प्रदूषण के कारण एशिया और पेसिफिक क्षेत्र के चार अरब लोग खतरे में हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के जेनेवा हेड क्वार्टर में एयर पॉल्यूशन और हेल्थ पर 30 अक्टूबर, 2018 से 1 नवंबर, 2018 तक हुए तीन दिनों के एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में साल 2030 तक हालात बेहतर करने के लिए 25 उपायों की चर्चा की गई थी.
जहरीली होती हवा को स्वच्छ बनाने के 25 उपाय
- वाहन उत्सर्जन मानकों को मजबूत करना
- नियम से वाहनों का रखरखाव और निरीक्षण
- इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाना
- यातायात के बेहतर विकल्प अपनाना
- निर्माण कार्यों और सड़कों से निकले धूल पर नियंत्रण
- जहाजों से निकले प्रदूषकों को नियंत्रित करना
- औद्योगिक नियंत्रण के बेहतर उपकरण पेश करना
- कारखानों के लिए उत्सर्जन मानकों को मजबूत करना
- ईंट भट्ठियों को और साफ बनाना
- तेल और गैस प्रोडक्शन में मेथेन कंट्रोल करना
- लो-सॉल्वेंट पेंट्स का इस्तेमाल
- पर्यावरण के अनुकूल रेफ्रिजेरेंट्स का इस्तेमाल
- खाना पकाने और गर्म करने के स्वच्छ विकल्प देना
- घरेलू कचरे को जलाने पर पाबंदी
- बेहतर ऊर्जा दक्षता के लिए प्रोत्साहन देना
- बिजली उत्पादन में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग बढ़ाना
- उद्योग के लिए ऊर्जा दक्षता में सुधार
- कोयला खदानों की गैस रिकवर करना
- खाद प्रबंधन में सुधार
- नाइट्रोजन फर्टिलाइजर मैनेजमेंट में सुधार
- फसलों के अवशेष को खुले में न जलाना
- जंगल की आग से बचाव
- चावल उगाने के बेहतर तरीके अपनाना
- वेस्टवाटर ट्रीटमेंट से बायोगैस लीकेज को रोकना
- सॉलिड वेस्ट को अच्छी तरह से निपटाना
भारत में हर साल वायु प्रदूषण को लेकर हालात बिगड़ते जाते हैं और फिर भी इससे निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता.
ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन एयर पॉल्यूशन एंड हेल्थ के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर इन 25 उपायों को सही तरीके से लागू किया गया, तो कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 20 फीसदी और मेथेन उत्सर्जन में 45% की कमी आ सकती है.
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