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फिट वेबकूफ: क्या इस होम्योपैथिक दवा से चमकी बुखार ठीक हो सकता है?

सोशल मीडिया पर एक होम्योपैथिक दवा से इंसेफेलाइटिस के इलाज का दावा किया जा रहा है.

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बिहार के मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के मामले सामने आने और इससे बच्चों की मौत होने के बाद सोशल मीडिया पर कई मैसेज वायरल होने लगे.

क्या है दावा?

वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि Ocimum Sanctum Q नाम की होम्योपैथिक दवा बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की चपेट में आ रहे मासूमों का इलाज कर सकती है. आपको बता दें कि इंसेफेलाइटिस को बिहार में ‘चमकी बुखार’ कहा जाता है.

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क्या ये मैसेज सही है?

फिट हिंदी ने इस बात की सच्चाई जानने के लिए सियार पार्क स्थित कल्याण बनर्जी क्लीनिक के होम्योपैथिक डॉक्टर कुशल बनर्जी से बात की. Ocimum Sanctum नाम की दवा से इंसेफेलाइटिस के इलाज का दावा करने वाले वायरल मैसेज पर उनका कहना था:

Ocimum Sanctum में मौजूद एक्टिव अवयवों के आधार पर सैद्धांतिक तौर पर इसकी संभावना है कि ये सूजन के मामलों में मदद करती है और ये इंसेफेलाइटिस से निपटने में भी मददगार हो सकती है.
डॉ कुशल बनर्जी, कल्याण बनर्जी क्लिनिक, सियार पार्क

लेकिन खुद से कोई दवा लेने की बजाए डॉक्टर के पास जाएं

हालांकि इस तरह खुद से कोई होम्योपैथिक दवा लेने की बात पर डॉ बनर्जी कहते हैं कि कोई भी दवा क्वालिफाइड मेडिकल प्रैक्टिशनर की सलाह से ही लेनी चाहिए.

होम्योपैथिक दवाएं सुरक्षित होती हैं और इनसे कोई नुकसान या साइड इफेक्ट नहीं होता. लेकिन फिर भी किसी डॉक्टर को दिखाना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि मरीज की पूरी तरह से जांच हो सके और अगर उसे कोई गंभीर बीमारी हो, तो उसका पता चल जाए.
डॉ बनर्जी

डॉ बनर्जी कहते हैं कि मरीज को क्लीनिक में देखने के बाद डॉक्टर ये बताने के लिए ज्यादा बेहतर स्थिति में होते हैं कि मरीज को कौन सी दवा सूट करेगी. डॉक्टर जो दवा लिखता है, वो मरीज के अपनी मर्जी से केमिस्ट की दुकान से खरीदी दवा से अलग हो सकती है.

डॉ कुशल बनर्जी इस बात पर भी जोर देते हैं कि मरीजों में इंसेफेलाइटिस के अलग-अलग कारण देखे गए हैं और कारण के आधार पर Apis Mel, Hyoscyamus Niger, Belladonna जैसी दवाएं कई मामलों में प्रभावी रही हैं.

क्या है मैसेज में बताया गया Ocimum Sanctum?

Ocimum Sanctum तुलसी का लैटिन नाम है. मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली तुलसी का कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें क्रोनिक फीवर, कफ, डायरिया, अर्थराइटिस, स्किन डिजीज, अस्थमा, मलेरिया जैसी बीमारियां शामिल हैं.

जहां तक तुलसी के मेडिकल फायदे की बात है, न्यूट्रिशनिस्ट एंड क्लिनिकल डाइटीशियन डॉ हुदा शेख फिट से बताती हैं:

तुलसी एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में मदद करती है. ये असावधानी के कारण बीमार पड़ने या संक्रमण की आशंका को कम करती है.
डॉ हुदा शेख, न्यूट्रीबॉन्ड में न्यूट्रिशनिस्ट एंड क्लीनिकल डाइटीशियन
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इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है

बिहार में चमकी बुखार के कारण 150 से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है. इससे पहले भी देश के कई हिस्सों में इंसेफेलाइटिस का कहर देखा गया है.

डॉक्टर यही कहते हैं कि इंसेफेलाइटिस के मामलों में जल्द से जल्द मेडिकल केयर की जरूरत होती है. इसका इलाज इसके कारण (जो ज्ञात या अज्ञात हो सकता है) और लक्षणों के आधार पर किया जाता है.

इंसेफेलाइटिस से ज्यादातर पेशेंट की मौत सही समय पर इलाज न मिलने से हो जाती है. ऐसे में ये जरूरी है कि आप इसके लक्षणों को लेकर सतर्क रहें और खुद से कोई दवा लेकर इलाज करने की बजाए डॉक्टर के पास जाएं.

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