शुभ मंगल सावधान रिलीज हो चुकी है. फिल्म के हीरो (आयुष्मान खुराना) इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) से पीड़ित हैं. आयुष्मान यानी मुदित (किरदार का नाम) होने वाली शादी की नाकामी से ठीक इसी वजह से डरा-डरा सा रहता है. फिल्म में हंसी मजाक तो है ही , साथ ही ये हमें पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की अहमियत भी बताती है.
भारत में, जहां लिंग के बारे में सिर्फ सेक्सुअल संकेत और उसके साइज को लेकर ही चर्चा ज्यादा होती हो, पुरुषों के लिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में खुले तौर पर बातचीत करना बहुत मुश्किल होता है.
लेकिन ईडी एक हकीकत है और इस मुद्दे की जमकर अनदेखी की जाती है.
इसलिए इस स्वास्थ्य समस्या के पीछे छिपी असल वजहों का पता लगाना भी उतना ही जरूरी है.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) या नपुंसकता यौन संबंध के समय लंबे समय तक इरेक्ट रहने में नाकामी होती है. अगर यौन संबंध के दौरान पेनिस इरेक्ट होने की समस्या है, तो इसका मतलब है कि आप ईडी से ग्रसित हैं. लेकिन, अगर इरेक्ट होने की समस्या बार-बार हो रही है या लगातार है, तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरुरत है. बिना इलाज के ईडी आपको यौन संबंध बनाने से रोक सकता है.
यौन इच्छा तो हो लेकिन शरीर उसके मुताबिक जवाब न दे या हरकत न करे तो ये ईडी के लक्षण हो सकते हैं.
ईडी की जानकारी अक्सर तब होती है, जबः
- पेनिस के इरेक्शन में समस्या हो
- संभोग के समय इरेक्शन बने रहने की समस्या हो
- संभोग का समय कम हो जाए
आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि हर 5 में से 1 पुरुष ईडी से पीड़ित है. अभी तक यह समझा जाता था कि ईडी सिर्फ ज्यादा उम्र के पुरुषों में होता है, लेकिन हाल की स्टडी से ये बात सामने आई है कि कम उम्र के लोगों में भी यह समस्या होने लगी है.
पुरुषों में इस समस्या की असली वजह क्या है?
वजह
ज्यादा उम्र के पुरुषों में डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर ईडी का कारण हो सकता है.
वेबएमडी के अनुसार कार्डियोवेस्कुलर डिजीज, एथेरोस्क्लेरोसिस (आर्टरिज की कठोरता), किडनी डिजीज और मल्टिपल सेरोसिस भी ईडी का कारण बन सकता है. कमजोरी के कारण पूरे शरीर में रक्त संचार और नर्व इंपल्सेस कमजोर हो सकता है.
युवाओं में तनाव के साथ चिंता ईडी के लिए सबसे सामान्य कारण माना जाता है. एक तनाव ग्रस्त शरीर कार्टिसोल का उच्च स्तर पैदा करता है, जो सभी अंगो को सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन में रुकावट पैदा करता है. इस तरह पेनिस में खून का बहाव कम हो जाता है.
द क्विंट से बात करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट यूरोलोजिस्ट डॉ. अंशुमन अग्रवाल कहते हैः
युवाओं में ईडी की एक अहम वजह तनाव है. कई मामलों में ये लोग बेवजह की उम्मीदों के चलते अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. यहां तक कि धूम्रपान, ज्यादा शराब पीना और ड्रग्स लेना भी ईडी का कारण बनता है.डॉ. अंशुमन अग्रवाल
ऐसी एक्टिविटी ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचाती हैं, जिसके कारण पेनिस में रक्त संचार कम हो जाता है. डॉक्टर कहते हैं कि ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन की दवाएं भी ईडी का कारण बनती हैं.
उम्र का फैक्टर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पचास की उम्र के केवल 4 प्रतिशत और 60 की उम्र के केवल 17 फीसदी पुरुषों में इरेक्शन की दिक्कत पूरी तरह होती है. 40 से 70 साल की बढ़ती उम्र में पूर्ण ईडी का प्रतिशत 5 से बढ़कर 15 हो गया है.
डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि उनके ज्यादातर पेशेंट 30 और 40 की उम्र वाले दौर में होते हैं. इसलिए ऐसा नहीं है कि ये रोग किसी खास उम्र में ही होता है.
इलाज
लाइफस्टाइल में कुछ सुधार सेक्सुअल फंक्शन को सुधारने में सहायता कर सकता है. ज्यादातर डॉक्टरों के मुताबिक इन बातों का ध्यान रखना चाहिएः
- धूम्रपान छोड़ दें
- अधिक व्यायाम करें
- वजन कम करें
- शराब और नशे से दूर रहें
- चीनी खाना कम करें
सुस्त लाइफस्टाइल ऐसे मामलों में बहुत खतरनाक होता है. इसलिए, मैं यह सलाह देता हूं कि सक्रिय रहें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. ये कई समस्याओं को दूर करने में आपकी सहायता करेगा.डॉ. अंशुमन अग्रवाल
अगर इसके लक्ष्ण दिखाई दें तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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