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अगर आप सेक्स के बाद उदास महसूस करते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं

सहमति से सेक्स के बाद भी खुश होने की बजाए रोना? हां, ऐसा होता है.

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भारत में सेक्स पहले से ही एक बहुत बड़ा टैबू है, इसलिए इसके बारे में फुसफुसाहट से अधिक बातचीत मुश्किल से ही होती है. क्योंकि कोई भी खुद इसकी पहल नहीं करता, इस बारे में कोई बातचीत ही नहीं करता कि सेक्स के बाद क्या होता है. इसमें कुछ मामलों में चिड़चिड़ा हो जाना (melancholia), चिंता, आंसू और उदासी जैसी भावनाएं शामिल हैं.

इसे पोस्ट कोइटल ट्रिस्टेसी (फ्रेंच में उदासी) या (पोस्ट कोइटल डिस्फोरिया या PCD) कहा जाता है. यह एक ऐसी अवस्था है जो सहमति से सेक्स के बाद ऊपर बताई गई सभी भावनाओं के तौर पर दिखती है. जो लोग PCD के साथ संघर्ष कर रहे हैं, वे तुरंत दो से तीन घंटे के बीच कभी भी इसे अनुभव कर सकते हैं और आम धारणा के बावजूद, यह केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है.

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फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, नई दिल्ली में सीनियर क्लिनिकल साइकॉलोजिस्ट डॉ भावना बर्मी, PCD के बारे में बताती हैं:

सहमति से सेक्स के बाद पोस्ट कोइटल ट्रिस्टेसी या उदास महसूस करना भी “पोस्ट-सेक्स ब्लूज या अवसाद” के रूप में जाना जाता है. सहमति से सेक्स के प्यार भरा और संतुष्टि वाला होने के बावजूद इसे बहुत दुख या नाराजगी के रूप में व्यक्त किया जाता है. PCD के दौरान, ऑर्गेज्म के बाद कुछ लोग दुखी और रुआंसे हो जाते हैं, जबकि अन्य बहुत ही अलग राय रखने वाले हो जाते हैं.

1. भावनात्मक रूप से आपके साथ क्या हो रहा होता है?

इसका जवाब है, बहुत कुछ! आप इन सभी भावनाओं को महसूस कर सकते हैं. साथ ही इसको छिपाने की इच्छा के साथ, अपनी भावनात्मक स्थिति को और अधिक बढ़ा सकते हैं. और सबसे बुरा? पता भी नहीं चल रहा है कि सभी दुख कहां से आ रहे हैं.

PCD वाले लोगों को शायद इस भावना के बारे में पता ही नहीं होता. वे इंटीमेट होने के बाद जिस तरह से महसूस करते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि ऐसा क्यों हो रहा है. पोस्ट सेक्स ब्लूज में तीव्र भावनात्मक प्रतिक्रियाएं होती हैं. इससे व्यक्ति चिंतित, अवसादग्रस्त और चिड़चिड़ा हो सकता है. पुरुष और महिला दोनों अपने साथी से अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश कर सकते हैं.
डॉ भावना बर्मी

2. सेक्स के बाद उदासी क्यों?

ये रिपोर्ट कहती है इसका एक कारण हार्मोन्स है. अब, क्या होता है, जब आप सेक्स करने के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचते हैं. इस स्थिति में फील-गुड-हार्मोन डोपामाइन रिलीज होता है. हालांकि, एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, शरीर डोपामाइन के स्राव (secretion) को प्रोलैक्टिन हार्मोन के साथ बैलेंस करता है. यह विशेष हार्मोन आपके परफेक्ट हेल्दी रिलेशन में होने के बावजूद सेक्स के बाद आपकी नेगेटिव फीलिंग्स के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.

ऐसा माना जाता है कि PCD शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है. सेक्स करते समय, डोपामाइन का लेवल बढ़ जाता है. इसके बाद इस लेवल का बैलेंस करने के लिए हमारी बॉडी प्रोलैक्टिन हार्मोन रिलीज करती है. डोपामाइन के लेवल में अचानक कमी मुख्य रूप से ‘पोस्ट सेक्स ब्लूज’ से जुड़ी हुई है. यह आगे एक अप्रत्याशित मान्यता के रूप में दिखाई देती है. हार्मोन में गिरावट के कारण पार्टनर एक दूसरे से अलग हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप निराश या उदास महसूस कर सकते हैं.
डॉ भावना बर्मी

इसमें नेगेटिव फीलिंग्स को जोड़ें, जो पहले से ही आपके दिमाग में हो सकती हैं, लेकिन पैशन मोमेंट के दौरान एक तरफ धकेल दी जाती हो. ऐसे में स्थिति और खराब हो जाती है. अगर अपराधबोध, किसी तरह का ट्रॉमा या सेक्स को लेकर शर्म, कमिटमेंट का डर, पिछले रिश्ते का बोझ या पार्टनर को लेकर अनिश्चितता या ऐसी ही कई चीजें हो तो यह ट्रिगर की तरह काम कर सकती हैं.

एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि PCD के लिए जेनेटिक्स भी एक कारण हो सकता है.

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3. लेकिन हम इसके बारे में क्यों बात कर रहे हैं?

अगर आप इसके बारे में सोचते हैं तो यह सब काफी सहज लगता है. चीजें दिलचस्प हो जाती हैं, जब आपको पता चलता है कि यह कितना कॉमन है. और यह केवल एक जेंडर तक ही सीमित नहीं है. हालांकि रिसर्च के संदर्भ में, यह अभी भी एक अपेक्षाकृत नया क्षेत्र बना हुआ है. फरवरी 2019 की एक स्टडी बताती है कि विभिन्न देशों के कुल 1,208 पुरुष पार्टिसिपेंट्स में से 41 प्रतिशत ने स्वीकार किया कि वे अपने लाइफ में किसी समय PCD से पीड़ित थे. अन्य 20.2 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पिछले चार हफ्तों में इसका अनुभव किया है.

जब महिलाओं की बात आती है, तो 2015 की एक स्टडी के अनुसार, लगभग 50 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपने जीवन में किसी न किसी समय इसका सामना किया है. जबकि लगभग 5 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पिछले चार हफ्तों में इसका नियमित रूप से सामना किया था.

डॉ बर्मी इस बात पर जोर देती हैं कि यह वास्तव में एक बहुत ही सामान्य स्थिति है.

यह एक बहुत ही सामान्य स्थिति है, लेकिन विडंबना यह है कि यह ऐसी चीज है जिसके बारे में बात नहीं की जाती है. लोगों को भी अपने पार्टनर के साथ इसे शेयर करने में शर्म महसूस होती है.
डॉ भावना बर्मी
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4. इंटिमेसी का इससे कोई लेना-देना नहीं है

इस पर हमारे पास जो भी थोड़ा डेटा उपलब्ध है, वह बताता है कि यह इंटिमेसी की समस्या नहीं है. कपल, जो इंटिमेट होते और प्यार करते हैं, उनमें एक ऐसी स्थिति भी हो सकती है, जिसमें एक साथी अलग-थलग और उदास महसूस करता है.

हालांकि स्टडीज से पता चला है कि जो कपल्स सेक्स करने के बाद प्यारभरा व्यवहार करते हैं, वे अपने इमोशनल और सेक्सुअल संबंधों से अधिक संतुष्टि प्राप्त करते हैं. इसे समस्या को दूर करने के संभावित तरीके के रूप में देखा जा सकता है.

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5. इसका कारण क्या है?

ब्रेन केमिस्ट्री से लेकर ट्रॉमा, ट्रॉमा से लेकर भावनात्मक झुकाव- कुछ भी PCD का एक कारण हो सकता है. डॉ बर्मी संभावित कारणों के बारे में बताती हैं:

  • ब्रेन केमिस्ट्री: सेक्स के दौरान एक पार्टनर के रूप में तीव्र और भावनात्मक रूप से थकावट होती है. कभी-कभी केवल उस बंधन को तोड़ने के बारे में सोचा जाता है जिससे बहुत दुख होता है. ऑर्गेज्म के बाद, ब्रेन में ऑक्सीटोसिन (जिसे कडल हार्मोन भी कहा जाता है) रिलीज होता है, जो पार्टनर से जुड़ाव महसूस कराता है. लेकिन हार्मोनल एक्टिविटी के बाद होने वाली निराशा और उदासी भी एक दूसरे से अलग होने का कारण हो सकती है. इस पेंडुलम मूवमेंट से भावनाओं का कॉकटेल हो सकता है, जिसमें जुड़ाव से लेकर उदासी तक शामिल है.
  • ट्रॉमा जिस पर ध्यान न दिया गया हो: अतीत में यौन शोषण, शारीरिक और भावनात्मक शोषण अक्सर PCD से जुड़ा होता है. इस बात की भी आशंका अधिक है कि सहमति से किया गया सेक्स भी उन भावनाओं को भड़का सकता है, जो अतीत के ट्रॉमा से जुड़ी हो. यह उन व्यक्तियों में विशेष रूप से देखा जाता है जिन्होंने अपने बचपन के दौरान किसी भी प्रकार के शारीरिक/भावनात्मक/ यौन शोषण का सामना किया है.
  • अति संवेदनशीलता: एक एक्ट के रूप में सेक्स अपने आप में इंटिमेट है. यह अपने आप में, बहुत सारी भावनाओं को ट्रिगर कर सकता है.
  • कम्यूनिकेशन: हम में से अनेक को, विशेष रूप से पूर्वी संस्कृति वालों में, यह विश्वास दिलाया गया है कि सेक्स शर्मनाक है. यह केवल एक निश्चित उम्र के बाद और केवल एक निश्चित कारण के लिए ही किया जा सकता है. इन नियमों का पालन न कर पाना भावनात्मक उथल-पुथल पैदा करने की क्षमता रखता है.
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6. आप इसे कैसे दूर कर सकते हैं?

जब समस्या को दूर करने की बात आती है, तो समाधान में मुख्य रूप से आपके साथी के साथ बातचीत करना शामिल होता है. और अगर जरूरी हो, तो एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास जाना चाहिए. डॉ बर्मी के कुछ टिप्स हैं.

  • अपने डॉक्टर से बात करें: कई डॉक्टर या तो इसे मानते ही नहीं हैं या इसके बारे में जानकारी नहीं रखते हैं. कभी-कभी यह डिप्रेशन का संकेत भी हो सकता है. इसलिए, अपने आप का मूल्यांकन करें.
  • साइकाइट्रिस्ट/ साइकॉलोजिस्ट से कंसल्ट करें: पोस्ट सेक्स ब्लूज के कारण कुछ मामलों में बच्चे को जन्म देने के बाद डिप्रेशन हो सकता है. ट्रिगर्स को समझना बहुत जरूरी है और सिचुएशन के बेकाबू होने से पहले मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद से इलाज कराएं.
  • अपने शरीर में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखें: अपने हार्मोन की देखभाल करें और पर्याप्त रूप से एक्सरसाइज करें और खूब पानी पीएं. खाने और सोने की आदतों पर ध्यान देने की जरूरत है.
  • अपने पार्टनर से बात करें: आपको यह समझने की आवश्यकता होगी कि यह शर्म की बात नहीं है. इसे अपने साथी के साथ शेयर करें. कभी-कभी बातचीत बहुत सारी समस्याओं का समाधान होता है.

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