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सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बड़ों के लिए भी जरूरी है टीकाकरण

क्या आप जानते हैं वयस्कों के लिए ये वैक्सीनेशन कितनी जरूरी है?

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वैक्सीनेशन का नाम सुन कर अगर आपको ये लग रहा है कि हम उन दिनों कि बात कर रहे हैं, जब आप डायपर पहनते थे. आपको अपनी कोई फिक्र नहीं थी, आपके वैक्सीनेशन का ख्याल आपके मां-बाप रखते थे.

तो जनाब आप यहां बिल्कुल गलत हैं.

नई दिल्ली के वसंत कुंज, फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ विवेक नांगिया कहते हैं कि वैक्सीनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है. जो शरीर में इंफेक्शन के खिलाफ एंटी-बॉडी बनाने में मदद करती है. ये प्रक्रिया नवजात शिशुओं, बच्चों, वयस्कों के लिए एक जैसे काम करती है.

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बड़ों में भी एक उम्र पार करने के बाद उनके शरीर में एंटीबॉडीज बनाने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए डॉक्टर कहते हैं कि वैक्सीनेशन बड़ों के लिए भी आवश्यक है.

किन्हें होती है एडल्ट वैक्सीनेशन की जरूरत?

जानिए एडल्ट वैक्सीनेशन से जुड़ी कुछ अहम बातें.
वैक्सीनेशन की जरूरत सेहत को अनुसार होती है.
(फोटो: iStock)

एडल्ट वैक्सीनेशन की जरूरत 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों या उन लोगों को होती है, जिन्हें डायबिटीज, एड्स, लिवर और किडनी की बीमारी है . इन बीमारियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस वैक्सीनेशन का मकसद भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के संक्रमण से बचाना है.

इस वैक्सीनेशन की जरूरत उन्हें है, जो 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और वो जो डायबिटीज, एड्स, फेफड़ों और हृदय रोग से पीड़ित हैं, लेकिन अगर आप 40 साल के हैं और आपको दिल की बीमारी है, तो अपने डॉक्टर से मिलकर वैक्सीनेशन करा लें.
डॉ विवेक नांगिया
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वैक्सीनेशन की जरूरत सेहत के अनुसार होती है, जैसे कुछ इंफेक्शन हेपेटाइटिस ए , बी और टाइफाइड इनके वैक्सीन मॉनसून की शुरुआत में दे सकते हैं और इसके अलावा टेटनेस से बचने के लिए दस साल में एक बार वैक्सीनेशन कराना चाहिए. डॉ नांगिया आगे कहते हैं कि हर वैक्सीन को अलग-अलग जरूरत के लिए दिया जाता है और अलग-अलग समय में दिया जाता है.

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वैक्सीनेशन से जुड़ी कुछ अहम बातें

वैक्सीनेशन का खर्च, उससे जुड़ी गलतफहमियां और जागरुकता की कमी

जानिए एडल्ट वैक्सीनेशन से जुड़ी कुछ अहम बातें.
वैक्सीन का खर्च 20 रुपए से लेकर 2,000 तक हो सकता है और कोई भी डॉक्टर इसे लिख सकता है.
(फोटोiStock)
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वैक्सीन का खर्च 20 रुपए से लेकर 2,000 तक हो सकता है और कोई भी डॉक्टर इसे लिख सकता है.

डॉ नांगिया कहते हैं की ये एक बहुत आम गलतफहमी है कि अगर आपकी सेहत ठीक है तो आपको वैक्सीनेशन की जरूरत नहीं है.

अगर आपको पहले कभी इंफेक्शन नहीं हुआ है, तो इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि आगे भी आपको इंफेक्शन नहीं होगा. आपको अपनी उम्र और अपनी सेहत के हिसाब से वैक्सीनेशन की जरूरत होती है.

वैक्सीनेशन कराने का मतलब  ये नहीं कि आप को पहले कोई बीमारी थी बल्कि आगे हर तरह की बीमारी से बचाने के लिए इसे कराना जरूरी है. बहुत सारे वैक्सीनेशन ऐसे हैं, जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है. जैसे हेपेटाइटिस, टायफाइड, निमोनिया, टेटनस, डिप्थीरिया जैसी बीमारी के लिए.
डॉ विवेक नांगिया 
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वैक्सीनेशन की सुरक्षा को लेकर कुछ और गलतफहमियां हैं.

वैक्सीन को हजारों मरीजों पर आजमाया जाता है. इसलिए ये बिल्कुल सुरक्षित होती हैं. हो सकता है कुछ मामलों में वैक्सीन नुकसान कर जाती हो. उसकी वजह गलत तरीके से उसका इस्तेमाल होता है और कभी-कभी व्यक्ति का स्वास्थ्य भी वजह हो सकता है, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या ना के बराबर है और उसे नजरअंदाज किया जा सकता है.
डॉ विवेक नांगिया 

ये जरूरी है कि वैक्सीनेशन के लिए गया शख्स पूरी तरह से स्वस्थ हो. उसे पहले से कोई इंफेक्शन न हो.

डॉ नांगिया कहते हैं कि भारत में वैक्सीनेशन के बारे में जागरुकता की बहुत कमी है. सिर्फ 2 से 5 फीसदी लोगों को ही एडल्ट वैक्सीनेशन के बारे में पता है. जागरुकता की कमी केवल मरीजों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें डॉक्टर भी शामिल हैं.

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