कभी-कभी आपके सीने में अचानक जलन होने लगती है, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. और आपके दिमाग में न जाने क्या-क्या आने लगते हैं. और आए भी क्यों ना. क्योंकि आपको सारी तकलीफ दिल के मर्ज से जुड़ी लगने लगती है. लेकिन जनाब आपको दिल की बीमारी के अलावा गैस्ट्रोएसोफेगल रीफ्लक्स डिजीज यानी की गर्ड (GERD) होने की आशंका हो सकती है.
गर्ड यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रीफ्लक्स डिजीज (GERD) . ये एक तरह का पाचन रोग है. इसमें पित्त (खाना पचाने में मदद करने वाला लिक्विड) खाने की नली (इसोफेगस यानी मुंह और पेट को जोड़ने वाली नली) की तरफ आने लगता है. जिसकी वजह से आप बहुत परेशान हो सकते हैं. एसिड रिफ्लक्स जब आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में खलल डालने लगता है और हफ्ते में कई मर्तबा आप एसिड रिफ्लक्स से परेशान हो जाएं तो समझ लीजिए कि आपको गैस्ट्रोएसोफेगल रीफ्लक्स डिजीज (GERD) की शिकायत शुरू हो चुकी है.
गर्ड कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि भारत में हर साल इससे जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
मैक्स हेल्थकेयर के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अश्विनि सेत्या कहते हैं की जब भी हम खाना खाते हैं तो उस वक्त हमारे खाने के पाइप का निचला हिस्सा खुलता है. लेकिन इसमें खराबी आने लगती है तो वो हिस्सा खुला रह जाता है और पेट के अन्दर का एसिड मुंह की तरफ आने लगता है. हमारे पेट के अन्दर की त्वचा की बनावट ऐसी होती है कि वो इस एसिड को बर्दाशत कर सकता है.
जब यही एसिड फूड पाइप की तरफ आने लगता है तो ये बर्दाश्त के बाहर हो जाता है. और ये फूड पाइप में नुकसान तक पहुंचा सकता है
गर्ड(GERD) के लक्षण
ये बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. फूड पाइप तक एसिड पहुंच के फूड पाइप को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे कैंसर तक होने की आशंका रहती है या अल्सर होने का भी खतरा रहता है.
डॉक्टर अश्विनि सेत्या के अनुसार गैस्ट्रोएसोफेगल रीफ्लक्स डिजीज के दौरान
- सीने में जलन
- पेट में दर्द
- खाना खट़्टी डकार के साथ मुंह में आना
- मुंह का खराब टेस्ट
- कफ और गले में दर्द
- पेट फूलना या पेट में सूजन
डॉक्टर सेत्या कहते हैं कि गर्ड( GERD ) के बहुत सारे लक्षण दिल की बीमारी से मिलते जुलते हैं इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
दिन के वक्त एसिड रिफ्लक्स का असर कम हो जाता है क्योंकि इस दौरान हम खड़े होते हैं, चलते-फिरते हैं. लेकिन रात के वक्त लेट जाने की वजह से इसका असर अधिक हो सकता है और हो सकता है आपको ऐसा लगे कि आपका गला चोक हो रहा है. कभी-कभी एसिड के कुछ हिस्से हमारी सांस की नली के अंदर चले जाते हैं जिसकी वजह से बहुत जलन होने का एहसास होने लगता है. इसकी वजह से खांसी आने लगती है जो आपके लिए बहुत खतरनाक भी हो सकता है.
डॉक्टर सेतिया के अनुसार इस बीमारी की कई अहम वजहें हैं.
गर्ड(GERD) की वजहें
शहरी भारत के लोग अधिकतर इस बीमारी के शिकार होते हैं.
- गलत खान-पान – गर्ड होने की सबसे पहली वजह
- खराब लाइफस्टाइल
- धूम्रपान
- शराब
- प्रेगनेंसी
- रात में खाना खा कर फौरन सो जाना
- मोटापा
हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट रीतिका समादार कहती हैं की अगर किसी को एसिड रिफ्लक्स की बीमारी का पता चल जाता है तो उस इंसान को स्मोकिंग और शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए.
गर्ड(GERD) का क्या इलाज है?
इस बीमारी के इलाज के बारे में पूछने पर डॉक्टर सेत्या कहते हैं कि सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव कर के इसे ठीक करने की कोशिश की जाती है. अगर फिर भी परेशानी रहती है तब दवाओं से इलाज शुरू होता है. क्योंकि दवाओं का असर तब तक रहता है तब तक इनका इस्तेमाल करते हैं. दवाओं के अलावा व्यायाम करके भी एसिड रिफ्लक्स से बचा जा सकता है. और अगर इन सब चीजों से भी आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर सर्जरी करके इसे ठीक करने का सलाह देते हैं.
हम गर्ड के पेशेंट से एक एक डायरी मेंटेन करने के लिए कहते हैं. आपको जिस चीज से गर्ड होने की आशंका हो उसे नोट करें. वो चाहे बहुत तला भुना खाना हो या चर्बी वाला या फिर ज्यादा कैफीन या चॉकलेट वाला. अल्कोहल भी वजह हो सकती है. इस चार्ट के हिसाब से हम उनका इलाज करते हैं. और मरीज के खाने में इनकी मात्रा घटाने के लिए कहते हैं.रीतिका समादार हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट
डॉक्टर सेत्या कहते हैं कि अपनी लाइफस्टाइल पर थोड़ा सा ध्यान दे कर इन सब चीजों से बच सकते हैं.
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