ग्लोबल वार्मिंग के कारण 2080 तक दुनिया भर में 1 अरब लोग मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू और जीका से पीड़ित हो सकते हैं. दुनिया भर में महीने के आधार पर तापमान में बदलाव पर होने वाली एक स्टडी में ऐसा कहा गया है.
ये स्टडी PLOS नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज जर्नल में पब्लिश हुई है. इसके मुताबिक जिन जगहों पर मच्छरों के लिए अनुकूल जलवायु नहीं है, जलवायु परिवर्तन से वहां भी मच्छर फैल जाएंगे. सही परिस्थितियां मिलने पर मच्छरों के जरिए फैलने वाले वायरस का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है.
अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के पोस्टडॉक्टरल फेलो कॉलिन जे कार्लसन ने बताया कि ग्लोबल हेल्थ सेक्युरिटी के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा खतरा है.
उन्होंने बताया कि ब्राजील में 2015 में जीका वायरस के प्रकोप से उनकी चिंता और बढ़ गई.
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के सैडी जे रेयान और कार्लसन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने बीमारी फैलाने वाले दो मच्छरों एडीज इजिप्टी, एडीज अल्बोपिक्टस पर तापमान के प्रभाव का दशकों तक अध्ययन किया.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में मच्छर सबसे खतरनाक जीवों में से एक हैं, जिनसे ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है.
रिसर्चर्स बताते हैं कि एडीज इजिप्टी और एडीज अल्बोपिक्टस ये दोनों मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस के वाहक हो सकते हैं, साथ ही दर्जनों ऐसी बीमारियां हैं, जिनका आने वाले 50 साल में खतरा हो सकता है.
एक्सपर्ट मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर की करीब-करीब पूरी आबादी पर कहीं न कहीं से इसका खतरा होगा.
(इनपुट: PTI)
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