मटर के हरे-हरे दाने, सर्दियों में लोगों की खास पसंद. शायद ही कोई ऐसा हो, जिन्हें बचपन में मुलायम, हल्के, मीठे और स्वादिष्ट मटर छिलना याद ना हो? अगर आप अपने आसपास लोगों से पूछेंगे, तो लगभग सभी को कभी ना कभी परिवार के साथ बैठकर मटर छिलने और आनंदित महसूस करने की बात जरूर याद होगी.
मटर के दाने कटोरे में डालने के साथ ही सीधे पेट में डालने की आदत हम में से ज्यादातर लोगों की होगी. इन मीठे और स्वादिष्ट मटर को सीधे खाना भी चाहिए. मुझे सर्दियों की वो दोपहर याद है, जब हम सब सूरज की रोशनी में छत पर बैठकर मटर छिला करते थे.
मैं अभी भी नेटफ्लिक्स देखने के साथ मटर छिलने का आनंद उठाती हूं. ये मुझे बचपन की याद दिलाता है और मैं कई चीजों के लिए धन्यवाद देती हूं. सबसे अधिक, इस जीवन और इस मौसम के लिए.
मटर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे किसी भी चीज में बड़ी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे पुलाव या तहरी में डाल सकते हैं, इससे स्वादिष्ट सूप बना सकते हैं, निमोना (मटर की बनारसी करी) बना सकते हैं, अपने सुबह के नाश्ते पोहा, उपमा या सेवई में डाल कर उसके स्वाद को बढ़ा सकते हैं. पास्ता या सलाद में भी मटर डाल सकते हैं. मटर को हर पकवान के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है, यह ना सिर्फ उसके स्वाद को बढ़ाने का काम करता है बल्कि पकवान की खूबसूरती भी बढ़ा देता है.
इन हरे रंग के मटर को दुनिया की सबसे हेल्दी चीजों में से एक माना जाता है. ये जान कर ताज्जुब हुआ न? आखिरकार, मटर तो सर्दियों में खाया ही जाता है. लेकिन जितना अधिक मैं भोजन और पोषण के बारे में पढ़ती हूं, उतना ही मैं यह महसूस कर रही हूं कि हमारे बुजुर्गों ने यह पता लगाया था कि कब क्या और कैसे खाना चाहिए. हो सकता है कि वे इसके पीछे का विज्ञान नहीं जानते हों, लेकिन फिर भी उन्होंने इसे किसी तरह से समझ लिया.
झुर्रियों, अल्जाइमर और कैंसर से बचाता है मटर
मटर फॉलिक एसिड, विटामिन C और विटामिन K का बेहतरीन सोर्स है. ये बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. मटर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स (अल्फा-कैरोटीन और बीटा कैरोटीन, क्यूमेस्ट्रॉल, कैटेचिन और एपिकेटचिन) का एक अनूठा मिश्रण होता है, जिसकी वजह से ये झुर्रियों, अल्जाइमर, गठिया, ब्रोंकाइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और यहां तक कि पेट के कैंसर से बचाव करता है.
हरी मटर के भरवा पराठे, जिसे मैं बचपन से खाते हुए बड़ी हुई हूं. मेरी दादी दिल्ली की सर्दियों में हफ्ते में दो बार हमारे लिए मटर के भरवा पराठे बनाया करती थी. यह अब भी मेरा पसंदीदा फूड है और ताजे मटर का उपयोग करने का एक बेहतरीन तरीका है.
मटर के पराठे
चलिए जानते हैं, मटर का इस्तेमाल कर स्वादिष्ट पराठे बनाने की आसान विधि.
विधि
- सबसे पहले आप आटा गूंथने के लिए ऊपर दी गई सामग्रियों को मिक्स करें और पानी डालकर आटा गूंथ लें. फिर इसे किसी मलमल के कपड़े से ढक कर 30 मिनट के लिए छोड़ दें.
- इसके बाद पराठा बनाना शुरू करने से तुरंत पहले भरवा के लिए ऊपर दी गई सामग्रियों को एक साथ अच्छी तरह से मिला लें.
- अब आटे की छोटी लोई लेकर उसे थोड़ा बेल लें, फिर इसमें भरवे के लिए तैयार किए गए मिश्रण का एक चम्मच आटे की बीच में रखें और चारों तरफ से बंद कर दें और एक गोलाकार गेंद का आकार दें.
- स्टफिंग के बाद आटे की लोई को पराठे की तरह बेल लें और फिर तवे पर घी या तेल की मदद से पका लें. हालांकि आप इसे बिना घी और तेल के भी पका सकते हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से पराठ और स्वादिष्ट बनता है.
- गर्मागर्म पराठा तैयार होने के बाद आप इसे अचार या दही के साथ खा सकते हैं. बच्चों को टिफिन में देने के लिए भी मटर पराठा एक अच्छा और हेल्दी विकल्प है.
मटर फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, इसलिए हल्का मीठा होने के बावजूद डायबिटीज के मरीजों को इसे खाने की सलाह दी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि हरी मटर के नियमित सेवन से इंसुलिन प्रतिरोध को उलटने में भी मदद मिल सकती है. इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन इतनी हाई क्वालिटी का होता है कि कुछ शाकाहारी कमर्शियल प्रोटीन पाउडर्स में इसका उपयोग शुरू होता दिख रहा है.
मुझे यकीन है कि यहां हरी मटर के बारे में पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि किस तरह इसका सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल किया जाए. लेकिन मुझे लगता है कि इन्हें खाने का सबसे अच्छा तरीका इसे पुराने रेसिपी के तहत बनाकर खाने में ही है.
(मोनिका मनचंदा पूर्व आईटी प्रोफेशनल हैं और अब वो एक फूड ब्लॉगर, कंसल्टेंट, होम बेकर और फूड फोटोग्राफर हैं. उन्हें संगीत, लेखन, खाने-पीने और घूमने-फिरने का शौक है. उनसे आप monika.manchanda@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.)
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