अगर आप चाहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ आपकी याददाश्त कमजोर न हो, तो पहले से ही खाने में हरी पत्तेदार, गहरे नारंगी और लाल रंग की सब्जियां, छोटे गूदेदार फल यानी बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी) और संतरे का रस शामिल कर लीजिए.
इन चीजों को खाते रहने से बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने का खतरा कम किया जा सकता है, खासकर पुरुषों में.
क्या कहती है स्टडी?
ये बात एक स्टडी में सामने आई है. इसके मुताबिक जो आदमी बुढ़ापे से 20 साल पहले ज्यादा मात्रा में फल और सब्जियां खाते हैं, उनमें सोच और याददाश्त से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं, चाहे वे बाद में अधिक मात्रा में फल और सब्जियां खाएं या नहीं.
रिसर्चर्स ने पाया कि जिन लोगों ने 20 साल तक फल और सब्जियों का भरपूर सेवन किया, उन्हें सोचने-समझने और याददाश्त से जुड़ी दिक्कतें होने की आशंका उन पुरुषों की तुलना में 34 फीसदी कम रही, जिन्होंने कम मात्रा में सब्जियों का सेवन किया.
ये भी पाया गया कि जिन लोगों ने रोजाना संतरे का जूस पीया, उनमें सोचने-समझने की क्षमता कमजोर होने की आशंका उन पुरुषों की तुलना में 47 फीसदी कम रही, जिन्होंने महीने में एक बार भी संतरे के जूस का सेवन नहीं किया.
20 साल तक किया गया अध्ययन
इस शोध की सबसे खास बात ये थी कि हमने प्रतिभागियों का 20 साल तक अध्ययन किया. हमारे शोध से इस संबंध में और पुख्ता सबूत सामने आएं हैं कि दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए सही खानपान जरूरी है.चांगझेंग यूआन, टी. एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, हावर्ड यूनिवर्सिटी, बोस्टन
ये स्टडी न्यूरोलॉजी जर्नल में पब्लिश की गई है. इसमें 27,842 पुरुष शामिल हुए, जिनकी औसत उम्र 51 साल थी. वे सभी सेहतमंद और पेशेवर लोग थे. उन्होंने एक प्रश्नावली भरी, जिसमें पूछा गया था कि वह रोज कितने फल और सब्जियां खाते हैं.
इनमें 55% प्रतिभागियों की याददाश्त अच्छी देखी गई, जबकि 38% की याददाश्त ठीकठाक थी और केवल 7% प्रतिभागियों की याददाश्त कमजोर थी.
(इनपुट-आईएएनएस और भाषा)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)