मुंह के लार और इसकी अहमियत पर कई स्टडीज हुई हैं. किसी के ओरल हेल्थ और पूरी सेहत का हाल पता करने के लिए लार की जांच भी शामिल होती है. ये डाइजेशन में अपनी भूमिका निभाता है, एक लुब्रिकेंट की तरह काम करता है, स्वाद लेने में मददगार होता है और एंटी-बैक्टीरियल होता है.
लार को लेकर सवाल
वाट्सएप पर हमें एक सवाल मिला, जिसमें पूछा गया कि सुबह की लार को निगलना क्या सेहत के लिए फायदेमंद होता है. ये मानना कहां तक सही है.
इस बारे में और जानकारी हासिल करने पर हमें पता चला कि असल में ऐसी मान्यता बहुत आम है.
सही या गलत?
जबकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं, लेकिन शुरुआती तौर पर खाना पचाने में लार की भूमिका को समझते हुए इस पर ध्यान दिया जा सकता है.
हम सभी जानते हैं कि स्टार्च के पाचन की शुरुआत करने में लार की भूमिका होती है. सीरस और एसिनर कोशिकाएं अल्फा एमाइलेज निकालती हैं, जो खाने वाले स्टार्च को माल्टोस (माल्ट शुगर) में बदलना शुरू कर सकता है.
हालांकि, दूसरी तरफ यह दावा भी किया जाता है कि हानिकारक बैक्टीरिया रात भर लार में मिलते और जमा होते हैं, जिस कारण सुबह सबसे पहले दांतों को ब्रश करना जरूरी होता है.
लार को लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना है
सुबह की लार के गुणों पर वैज्ञानिक सबूतों की गैर मौजूदगी में, फिट ने इसके जवाब के लिए दो एक्सपर्ट्स से बात की.
दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट एंड प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ अश्विनी सेतिया ने बताया कि लार में एमाइलेज जैसे पाचक एंजाइम होते हैं, जो कुछ खास कार्बोहाइड्रेट्स को पचाने में मदद करते हैं. मुंह से सांस लेने और लगातार नहीं निगले जाने की वजह से रात के दौरान द्रव ज्यादा ठोस और गाढ़ा हो जाता है.
इस तर्क के हिसाब से, यह समझ में आता है कि लार को निगलने से फायदा हो सकता है क्योंकि ऐसा करने में निश्चित रूप से, पाचन एंजाइमों का एक मुश्त रूप से सेवन किया जा रहा है.डॉ अश्विनी सेतिया
न्यूट्रिशनिस्ट रुपाली दत्ता इस बात से सहमति जताती हैं. वह भी किसी वैज्ञानिक प्रमाण की अनुपस्थिति की बात दोहराती हैं, लेकिन साथ ही उनका कहना है कि कई डॉक्टर लार को निगल जाने का सुझाव देते हैं क्योंकि माइक्रोब्स और बैक्टीरिया जो रात भर बढ़ते हैं और जमा होते हैं, वे असल में शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और आंत के बैक्टीरिया में सुधार कर सकते हैं.
वो समझाती हैं, “जब भोजन मुंह में जाता है, तो शरीर का पहला द्रव्य जो उसके संपर्क में आता है वह लार है, जिसका एक मुख्य काम बैक्टीरिया को मारना है. इस तरह, यह मानने का कोई कारण नहीं है कि बैक्टीरिया को मारने वाले गुण रात भर में या सवेरे काम करना बंद कर देंगे. ”
हालांकि यह ज्यादातर सुनी-सुनाई और पीढ़ी दर पीढ़ी दोहराई जाने वाली कहानियां लगती हैं, लेकिन जो बात सबको पता है वह यह है कि लार एक बहुत जबरदस्त एंटी-बैक्टीरियल एजेंट है. आमतौर पर इसके एंटी-सेप्टिक गुणों के कारण यह खरोंच या निशान पर भी लगाने की सलाह दी जाती है.रुपाली दत्ता
बैक्टीरिया के बारे में बात करते हुए डॉ सेतिया कहते हैं कि हर जगह, हर समय बैक्टीरिया होते हैं.
हमारे शरीर में तीन खरब से अधिक बैक्टीरिया होते हैं. यह सभी हानिकारक नहीं हैं.डॉ सेतिया
विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि सुबह की लार निगलने के संभावित लाभों के पक्ष में या इसके खिलाफ कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है, लेकिन ऐसा करने में कोई नुकसान नहीं है. वास्तव में, हमारे लार के कामकाज और उसके एंटी-बैक्टीरियल और पाचन गुणों को देखते हुए, इस दावे को पूरी तरह से खारिज न करने का कारण है.
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