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सेहत के लिए वरदान बन सकते हैं खानपान के ये 5 तरीके

मार्केट में मौजूद खानपान के तमाम विकल्पों में से आपके लिए क्या सही है?

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हम क्या खाते हैं और क्या खाना चाहते हैं, इसमें अब बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है. मार्केट में मौजूद खाने के ढेर सारे विकल्पों के बीच मुमकिन है कि सिर्फ 5 महीने पहले जिन चीजों की ज्यादा डिमांड थी, उसे किसी नए फूड या खाने के तरीके से बदल दिया गया हो.

विकल्पों की कमी नहीं है, और इसमें टॉप पर बने रहने का हमारी सेहत को फायदा तो मिलता ही है.

1. कार्बनिक फूड के बाद अब बायोडायनमिक फूड

 मार्केट में मौजूद खानपान के तमाम विकल्पों में से आपके लिए क्या सही है?
बायोडायनमिक फार्म्स में खेती के सबसे पर्यावरण-अनुकूल तरीके अपनाए जाते हैं
(फोटो: iStockphoto)

अब तक सही खानपान के हिसाब से ऑर्गेनिक फूड को ज्यादा अहमियत दी जा रही थी, लेकिन अब खेती और खाने के दूसरों तरीकों पर ध्यान दिया जा रहा है, जो हमारे लिए और बेहतर हो.

आजकल बायोडायनामिक्स शब्द का प्रचलन है. ये ऑर्गेनिक खेती का एक विशिष्ट तरीका है और खेती, बागवानी, फूड व न्यूट्रीशन के लिए समग्र, पारिस्थितिक और नैतिक दृष्टिकोण का पालन करता है.

बायोडायनमिक खेतों में खेती के सबसे पर्यावरण-अनुकूल तरीके से बना फूड (जैसे स्टेरॉयड के मुकाबले कार्बनिक) होता है. फसल सिंथेटिक कीटनाशकों और उर्वरकों से पूरी तरह से मुक्त होती हैं. पूरे खेत का अस्तित्व एक इकाई के रूप में होता है, जिसे किसी तरह के बाहरी इनपुट की जरूरत नहीं होती.

दुनिया भर में, दूरदर्शी और जागरूक किसान इसका समर्थन कर रहे हैं और शराब, जैतून तेल, फ्रोजेन एंट्री, पास्ता सॉस, जूस, चावल और चाय जैसे कई वर्गों में बायोडायनामिक उत्पादों के लॉन्च करने में मदद कर रहे हैं.

मेरी राय: यह नया आंदोलन आशाजनक लगता है क्योंकि यह आपके और दुनिया, दोनों के लिए समान रूप से उतना ही अच्छा है.

2. बेंटो बॉक्स से आगे अब बुद्धा बाउल्स

 मार्केट में मौजूद खानपान के तमाम विकल्पों में से आपके लिए क्या सही है?
बुद्धा बाउल्स खुराक पर नियंत्रण के लिए बहुत अच्छे हैं
(फोटो: iStockphoto)

बेंटो बॉक्स ने कुछ समय के लिए दुनिया का ध्यान खींचा था.

बुद्धा बाउल को अब अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है- मैक्रो बाउल, पावर बाउल, ग्रेन बाउल, वेजी बाउल. ये दुनिया भर में ट्रेंडी रेस्तरां और कैफे में लंच और डिनर के मेन्यू में जगह बना रहे हैं.

मैं इन्हें इसलिए पसंद करती हूं क्योंकि इसके जरीए खाने की मात्रा नियंत्रित करने के साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व (विटामिन व मिनरल) की पूर्ति हो जाती है.

मेरी राय: अपना लो इन्हें!

3. पैलियो और जोन डाइट का मिलजुला रूप

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यह देखना दिलचस्प होगा कि पैलियो जोन डाइट कब तक टिकती है. 
(फोटो: iStockphoto)

पैलियो (जहां यह सलाह दी जाती है कि हम केवल उन खाद्य पदार्थों को खाएं, जिन्हें शिकार करके या इकट्ठा करके हासिल किया जाता है, जैसे कि मीट, सब्जियां और बेर) डाइट कुछ समय तक काफी प्रचलित रहे.

जोन डाइट (इसमें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का एक निश्चित संतुलन रखते हुए खाना होता है- प्रत्येक भोजन में 30% प्रोटीन, 30% फैट और 40% कार्बोहाइड्रेट्स लिया जाता है) में विशिष्ट स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए, हाल के दिनों में इसका काफी उत्साह देखा गया है.

लेकिन इन दिनों जो चीज हर किसी का ध्यान खींच रही है, वह एक तरीका है जो इन दोनों आहारों के फायदों को जोड़ता है, और दोनों के सकारात्मक तत्वों को एक साथ रखता है.

मेरा फैसला: यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कब तक चलता है.

4. ग्रीन फूड्स के बाद अब पर्पल फूड के फायदे

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पर्पल फूड एक शक्तिशाली रोग-रोकथाम शक्ति से लैस हैं. 
(फोटो: iStockphoto)

ग्रीन फूड को हमेशा स्वास्थ्य के लिए अच्छा समझा जाता रहा है. अब एक नया प्रतिद्वंद्वी आ गया है- पर्पल (बैंगनी) फूड्स.

ऐसा लगता है कि आधुनिक व्यंजन का भविष्य पर्पल है, क्योंकि ये खाद्य पदार्थ एक शक्तिशाली रोग-रोधी पैक मुहैया करा सकते हैं.

पर्पल गोभी, पर्पल गाजर, पर्पल ब्रोकोली और पर्पल आलू ये सभी एंथोसाइनिंस भरपूर होते हैं. इन यौगिकों में अद्भुत रोग-रोधी गुण हैं और कैंसर, बुढ़ापे, जलन व तंत्रिका संबंधी बीमारियों से लड़ने में सहायता करते हैं. ये मेमोरी लॉस (स्मृति ह्रास) और अल्जाइमर रोग के खिलाफ भी ढाल प्रदान करते हैं. ये न केवल स्मृति जाने की रफ्तार को धीमा करते हैं, बल्कि वास्तव में इसे उलट सकते हैं और स्मृति में सुधार कर सकते हैं.

मेरी राय: जहां तक मुमकिन हो बैंगन, पर्पल अंगूर और चुकंदर जैसे सुलभ बैंगनी फूड्स खाएं.

5. मेडिटेरेनियन डाइट से आगे बढ़ें- जापानी आहार अपनाएं

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दुनिया भर में लोग स्वास्थ्यवर्धक गुणों के साथ ही स्वाद के कारण इस व्यंजन को अपना रहे हैं. 
(फोटो: iStockphoto)

अभी हाल तक 2016 में ही जापानी डाइट ने मेडिटेरेनियन (भूमध्यसागरीय) डाइट के प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरना शुरू किया था. आज दुनिया भर में मिजो की बिक्री बढ़ रही है और लोग स्वास्थ्यवर्धक गुणों के साथ ही इसके स्वाद के लिए इसे अपना रहे हैं.

जापानी लोगों के ग्रीन टी, स्वास्थ्यवर्धक अनाज (छोटे अनाज, चिपचिपा चावल), कई किस्म के सूप और शोरबे, सी फूड्स, कम तेल का इस्तेमाल, बहुत कम मीठा व मिठाई और छोटी खुराक ये सभी चीजें अपनाने लायक हैं.

मेरी राय: मैं खाने के इस पारंपरिक, बेहद संवेदनशील तरीके पर फिदा हूं, और जापानियों का खाना और उसके प्रति उनकी सोच काबिले तारीफ है.  

(कविता देवगन दिल्ली स्थित न्यूट्रीशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसलटेंट और हेल्थ राइटर हैं. वहडोंट डाइट! 50 हैबिट्स ऑफ थिन पीपल (जैको)’ की लेखिका हैं. उनकीअगली पुस्तकअल्टीमेट ग्रैंडमदर हैक्स: 50 किकएस ट्रेडिशनल हैबिट्स अ फिटर यू (रूपा) सितंबर में प्रकाशित होने वाली है.)

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