अगर आप खानपान की अच्छी व सेहत के लिए फायदेमंद आदतों को फॉलो करते हैं. रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और अपने दिल का ख्याल रखते हैं, तो आप अपने दिमाग को बढ़ती उम्र के प्रभावों से बचा सकते हैं. ऐसा अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया जा चुका है.
वैज्ञानिकों ने 1000 से अधिक लोगों की याददाश्त, सोचने और मस्तिष्क के काम करने की गति का छह साल तक आकलन किया. इसमें पाया गया कि जिन लोगों ने हार्ट-हेल्दी लिविंग के छह लक्ष्यों को पूरा किया, उनका दिमाग ज्यादा युवा व सक्रिय था. साथ ही उनकी याददाश्त में भी गिरावट कम रही. हार्ट-हेल्दी लिविंग में सही वजन, सही आहार, एक्सरसाइज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण, धूम्रपान नहीं करना शामिल था.
ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है मस्तिष्क का काम
गोल्ड-स्टैंडर्ड ऑफ हेल्दी लिविंग के ‘साधारण सात लक्ष्य’, जिसे चिकित्सा क्षेत्र के लोगों ने भी स्वीकार किया है:
- ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण: यह सामान्य रूप से 120/80 mm Hg से कम होना चाहिए.
- कोलेस्ट्रॉल लेवल पर नियंत्रणः अधिक कोलेस्ट्रॉल से प्लैक बढ़ सकता है, जिससे धमनियां बाधित हो सकती हैं.
- ब्लड शुगर कम रखें: ब्लड शुगर का अधिक स्तर, हार्ट, किडनी, आंखों और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है.
- सक्रियता: एक दिन में कम से कम आधे घंटे की शारीरिक गतिविधि आपको फिट रखने में मदद करेगी.
- स्वस्थ खानपान: आपके खाने में कई किस्म के पोषक आहार शामिल होने चाहिए. नमक, चीनी, संतृप्त वसा और ट्रांस फैट सीमित मात्रा में लें.
- वजन पर नियंत्रण: सामान्य वजन बरकरार रखने से हृदय संबंधी खतरे कम हो जाते हैं.
- धूम्रपान को 'ना': किसी अन्य की तुलना में सिगरेट पीने वालों में हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
अध्ययन में 40 साल से अधिक उम्र के 1000 पुरुष व महिलाओं के मस्तिष्क की जांच की गई. इसमें इनकी याददाश्त, दिमाग के काम करने की क्षमता जैसे मुश्किल कार्यों को वे कितनी तेजी से करते हैं, इसका आकलन किया गया.
छह साल बाद इन लोगों की दोबारा जांच की गई. इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल को स्वस्थ रखने वाले कारक दिमाग की बेहतर कार्यप्रणाली से जुड़े थे. यह मस्तिष्क की याददाश्त और क्रियात्मक क्षमता जैसे कार्यों में कम गिरावट से भी संबंधित है. क्रियात्मक क्षमताओं में समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) और ध्यान केंद्रित करना जैसे कार्य शामिल हैं.
इस अध्ययन के परिणाम रोगी और डॉक्टरों को दिल को स्वस्थ रखने के कारकों पर निगरानी और उसके आदर्श स्तर हासिल करने के प्रयास की जरूरत को दर्शाते हैं. क्योंकि ये कारक न सिर्फ हृदय व रक्तवाहिकाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं बल्कि दिमाग के स्वास्थ्य से भी जुड़े हैं.हाना गार्डनर, असिस्टेंट साइंटिस्ट, न्यूरोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मियामीज मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन
अध्ययन में शामिल कोई भी व्यक्ति सभी सात लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया. महज 1 प्रतिशत लोगों ने ही छह लक्ष्यों को हासिल किया. चार प्रतिशत लोग ही पांच लक्ष्यों को प्राप्त कर पाए, वहीं 14 प्रतिशत लोग चार लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रहे. 30 प्रतिशत लोगों ने तीन लक्ष्यों को प्राप्त किया, जबकि 33 प्रतिशत लोग दो लक्ष्य ही प्राप्त करने में सफल हो पाए. वहीं 15 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने महज एक लक्ष्य हासिल किया. 3 फीसदी ऐसे लोगे थे, जो हार्ट-हेल्दी लिविंग के सात में से किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए.
इस रिसर्च से इस बात की पुष्टि करने में मदद मिली कि दिल के स्वास्थ्य और दिमाग के स्वास्थ्य के बीच संबंध है.
दौड़ने से तेज होता है दिमाग
दौड़ना, मस्तिष्क में नई तंत्रिका कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने के अलावा, रसायनों के कारण उम्र संबंधी प्रभावों को भी कम करता है. दौड़ने से मस्तिष्क उम्र बढ़ने के बावजूद भी औसत से अधिक स्वस्थ रहता है.
साल 2012 के एक अध्ययन में यह पाया गया था कि मामूली रूप से फिट लोगों ने याददाश्त परीक्षण में कम फिट या पूरी तरह अनफिट लोगों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था. इसमें यह भी निष्कर्ष निकला था कि दौड़ने से लोग न सिर्फ एक साथ कई चीजें संभालने में सक्षम होते हैं बल्कि उनमें अंतर करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है.
आप जिस भी आकार (मोटे या पतले) के हों, आपका बढ़ा हुआ हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर लगातार आपके मस्तिष्क और शरीर को ऑक्सीजन भेजना जारी रखेगा, भले ही आप बाद में दौड़ना बंद कर दें. ये आपको तेज और ऊर्जा से परिपूर्ण रखेगा. डोपामाइन का उच्च स्तर लंबे समय तक बना रहेगा, जिससे आप खुशी महसूस करेंगे.
अगर आप इस विज्ञान को समझ गए हैं, तो आप यह भी समझ गए होंगे कि कार्डियो किस तरह से आपको जीवन में आगे रख सकता है. तो अपने युवावस्था के जॉगिंग शू पहनिए और 40 से 50 की उम्र में भी अपने दिमाग को तेज रखिए.
(ये आर्टिकल सबसे पहले Quint Fit पर साल 2016 में अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया था.)
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