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अगर टूटा है दिल, तो जोड़ लें इस दवा से....

आपका दिल कैसे ‘टूटता’ है ये आपके सपोर्ट सिस्टम के साथ-साथ ब्रेक-अप की वजह पर निर्भर करता है

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दुनिया भर में दुखी होने के लिए शायद सबसे आसान अभिव्यक्ति है- ‘हार्ट ब्रेक (दिल टूट जाना) .’  दरअसल इस शब्द को हम कई तरह के हालात के लिए इस्तेमाल करते हैं- जैसे खाना पकाने में कुछ गड़बड़ हो जाए, जैसे टीम के हार जाने पर फैंस का मूड बिगड़ जाए, जैसे आपका रिजल्ट खराब आने पर पापा की झाड़ पड़ जाए या रिलेशनशिप टूट जाने पर दर्द का अहसास.

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चिकित्सा जगत में, ‘ ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोमका अर्थ है तनाव से कार्डियोमायोपैथी (दिल की मांसपेशियों मेंअचानक खिंचाव) का पैदा हो जाना, जिससे अचानक सीने में गहरा दर्द उभरता है- यह स्ट्रेस हार्मोंस में बढ़ोत्तरी का नतीजा है.

यह किसी अजीज की मौत, प्रेम संबंध के टूटने, खारिज कर दिए जाने जैसी भावनात्मक रूप से तनाव भरी घटना से पैदा होता है और अक्सर इसे हार्ट अटैक समझ लिया जाता है.

ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम में आपके दिल का एक हिस्सा कुछ समय के लिए बढ़ जाता है और ठीक से पंप नहीं करता, जबकि आपके दिल का बाकी हिस्सा ठीक से काम करता है या और भी ज्यादा दबाव में काम करता है.

डॉक्टर अभी शोध कर रहे हैं कि किस तरह ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम का इलाज करें, यहां हम इस शब्द का इसके पारंपरिक संदर्भ में इस्तेमाल करेंगे: ब्रेक अप के बाद भावनात्मक रूप से निःशब्द हो जाना.

रिश्ता टूटने के बाद आप जैसी मनः स्थिति से गुजरते हैं, वो बहुत व्यक्तिगत होती है.

आपका दिल कैसे ‘टूटता’ है ये संबंधित मामले में जो रिश्ता टूटा है, उसकी गहराई, स्वरूप, समय, आपके व्यक्तित्व और पुराने तजुर्बे, आपके सपोर्ट सिस्टम के साथ-साथ ब्रेक-अप की वजह पर निर्भर करता है. इसका लक्षण ‘मन अच्छा नहीं है’ से लेकर संपूर्ण अवसाद के बीच का कुछ भी सकते हैं.

कई बार, हार्ट ब्रेक के साथ खुद पर भरोसा ना रह जाना, किसी गलती के लिए खुद को जिम्मेदार मानना, आंसू बहाना, भावनात्मक रूप से चूक जाना, नींद ना आना, भूख लगने का कोई समय ना रह जाना आदि लक्षण होते हैं. अगर ब्रोकेन हार्ट को वक्त पर दुरुस्तनहीं किया गया तो आशंका है कि यह भविष्य में वादा निभा पाने और स्वस्थ भरोसेमंद रिश्ते निभा पाने का भरोसा खो देगा.

हार्ट ब्रेक से कैसे निपटें

अपने लक्ष्य फिर से तय करेंः उन सभी चीजों की लिस्ट बनाइए, जिन्हें आप करना चाहते थे, और उन पर काम करना शुरू दीजिए, या अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर दीजिए. लेकिन कुछ ना कुछ करते रहिए!

जीवन चलने का नामः जिंदगी में कितना भी अंधेरा दिखाई दे रहा हो, रोजमर्रा के काम करने से आपको अपने दर्द से उबरने में मदद मिलेगी.

मुस्कुराइए: यह सिर्फ रस्म अदायगी है तो भी करते रहिए.

रोने का मन कहे तो रोइए: यह आपके दबाव को कम करने में मदद करेगा और आप हल्का महसूस करेंगे.

जो नेमतें आपको मिली हैं उन्हें याद कीजिए:  मैं जानता हूं इस घड़ी आपको ये मुश्किल लगता है, लेकिन वक्त निकालिए और उन चीजों की लिस्ट बनाइए जिनके लिए आपकोशुक्रगुजार होना चाहिए. यही बातें हैं जिंदगी को मायने देती हैं.

कोई शौक या जानवर पाल लें: दोनों ही चीजें आपका ध्यान बंटाएंगी और कई बार बिना शर्त का प्यार इस दुष्चक्र से निकालने की आपकी प्रेरणा बन सकता है.

सबक सीखेंः इस अनुभव को खुद को ठीक से समझने में इस्तेमाल करें जो भविष्य में कामयाब रिश्ता बनाने और निभाने में मददगार हो सकता है.

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मदद लें

जो मदद चाहते हैं उन्हें हमेशा मदद मिलती है; अपने दोस्तों, परिवार, मार्गदर्शक, साथियों से मिलें. वो समझ जाएंगे कि कुछ गड़बड़ है और आपके मुश्किल समय में आपकी मदद करके वो खुश होंगे. अंत में जरूर याद रखें कि आपकी खुशी की तलाश सिर्फ एक रिश्ते पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह आपकी जिंदगी में अच्छे लोगों की मौजूदगी में रोजाना छोटी-छोटी खुशियों में पूरी होती है.

(डॉ. केदार तिलवे फोर्टिस नेटवर्क हॉस्पिटल के हीरानंदानी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेंज मनोचिकित्सा विभाग में कंसल्टेंट हैं)

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