अगर आप भारतीय हैं, तो आपके पास खासतौर से मॉनसून के लिए तैयार कोई पसंदीदा स्नैक जरूर होगा. और अगर आप ज्यादातर भारतीयों जैसे हैं, तो पूरी उम्मीद है कि उस तली हुई चीज के साथ गरमागरम चाय का एक कप भी होगा!
बारिश के सीजन में नम, ठंडा मौसम हमारी डीप फ्राइड फूड और हॉट ड्रिंक की ख्वाहिश को जगा देता है. हालांकि आप निश्चित रूप से इसका मजा ले रहे होंगे, पर ये तेल और चीनी आपकी कमर के लिए फायदेमंद नहीं हैं, पूरी सेहत की बात तो खैर जाने दीजिए.
लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आप बालकनी में बैठकर बारिश को देखते हुए चाय पीने के ख्याल को छोड़ दें. बस कप की सामग्री को बदल दें, ताकि यह गर्माहट देने के साथ आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाए और आपको अंदर से सेहतमंद भी बना दे!
इस मौसम में आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है, सुकून देने वाली, सुगंधित हर्बल चाय. आपकी मॉनसून में जो भी सेहत की समस्याएं हों, मेरा यकीन करें, आपके लिए हर मुश्किल का समाधान एक कप हर्बल टी है. आइए जानें कि आपके लिए कौन सी चाय सही होगी, जिसे आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं!
अदरक की चाय
अगर बारिश हो रही है, तो आपके घर में अदरक होना ही चाहिए. यह मामूली सा रोजमर्रा का मसाला एक सीक्रेट सुपर हीरो है, जो आपको अंदर से ठीक करता है और आपको सभी मौसमी तकलीफों से सामना करने के लिए मजबूत बनाता है.
अदरक मॉनसून की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक- धीमे पाचन को ठीक करता है. इस मौसम में अदरक की एक और महत्वपूर्ण भूमिका है- सर्दी का इलाज. यह सांस के रास्ते को साफ करता है, गले को आराम देता है और एलर्जी के दूसरे लक्षणों को ठीक करने में मदद करता है.
जिंजर टी बनाने की विधि: लगभग 250 मिलीलीटर पानी उबालें और उसमें कतरे काट कर या कद्दूकस किया अदरक डालें. कप को ढक दें और इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें. अदरक को निकाल लें और आपकी चाय तैयार है.
पुदीने की चाय
जब आप मिंट या पुदीने के बारे में सोचते हैं, तो पहला विश्लेषण जो मन में आता है वह है ‘ताजगी.’ कोई अचंभा नहीं कि इसी वजह से दुकानों पर बिना डॉक्टरी नुस्खे के बिकने वाली ढेरों दवाओं में पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है.
पुदीना मॉनसून के दौरान होने वाले बुखार से निपटने के लिए एकदम सही है. पुदीने में पाया जाने वाला मेन्थॉल एक प्राकृतिक कूलेंट है और यह पसीना निकलना बढ़ाकर शरीर के तापमान को कम करता है. यह हाजमे और गले की तकलीफदेह खराश को भी ठीक करता है.
पिपरमिंट टी बनाने की विधि: थोड़ा पानी गरम करें लेकिन इसे उबलने न दें. पिपरमिंट के कुछ पत्तों को कूच कर और इसे एक खाली कप में डालें. इस पर गर्म पानी डालें. ढक दें और इसे 10-15 मिनट के लिए घुलने दें. पत्तियों को निकाल दें और ये लीजिए पीने के लिए चाय तैयार है.
कैमोमाइल टी
कैमोमाइल का इस्तेमाल पीढ़ियों से किया जाता रहा है. इसकी शुरुआत प्राचीन मिस्र के लोगों से होती है, जो इसका कई तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल करते थे.
कैमोमाइल का सबसे खास फायदा ये है कि यह तनाव को कम करने और नींद को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो अच्छे स्वास्थ्य और इम्यूनिटी का मुख्य आधार है. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबायल गुणों वाला कैमोमाइल फ्लू और त्वचा संक्रमण से मुकाबला करने में भी मदद करता है.
कैमोमाइल टी बनाने की विधि: पानी उबालें और आग बुझा दें. एक खाली कप लें, उसमें एक चम्मच सूखा कैमोमाइल डालें और फिर उसके ऊपर थोड़ा ठंडा किया उबला पानी डालें. 5-6 मिनट के लिए ढक कर रख दें. इसे छान लें और लीजिए पीने के लिए चाय तैयार है.
तुलसी की चाय
इंडियन बेसिल या तुलसी को एक पवित्र जड़ी बूटी माना जाता है और आयुर्वेद में इसके कई इस्तेमाल बताए गए हैं. तुलसी ऐसी चीज है जिसकी आपकी दादी कसमें खा सकती हैं और ये मॉनसून की सभी समस्याओं के लिए अकेली ही काफी है.
ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे तुलसी ठीक नहीं कर सकती है. यह जुकाम के बुखार और सिरदर्द जैसे लक्षणों से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज कर सकती है. यह मौसमी एलर्जी और सांस की बीमारी वाले लोगों के लिए भी अच्छी है. इससे भी बढ़कर यह कि तुलसी के पत्ते इम्यूनिटी बनाने में मदद करते हैं, जो इस मौसम में बहुत जरूरी है.
तुलसी की चाय बनाने की विधि: कुछ सेकंड के लिए पानी में तुलसी के चंद पत्तों को उबालें. कुछ देर छोड़ दें और एक कप में डाल दें.
ग्रीन टी
मीडिया इसको जितना प्रचारित कर रहा है, उसे देखते हुए ग्रीन टी किसी परिचय की मोहताज नहीं है. इसे लेकर एक चुटकुला भी है कि ग्रीन टी आपको वजन घटाने में मदद करेगी, बशर्ते आप पहाड़ पर जाएं और इसे खुद लेकर आएं! हालांकि, इस मौसम में ग्रीन टी के स्वास्थ्य लाभों के लिए, आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है!
ग्रीन टी के फायदों के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों की है. ये बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं और शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालते हैं. इससे भी बढ़कर यह कि ये मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है, जो मॉनसून के दौरान ठीक नहीं रहता है.
ग्रीन टी बनाने की विधि: एक ट्री स्ट्रेनर में एक चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालें. स्ट्रेनर को कप में रखें और ग्रीन टी की पत्तियों के ऊपर गर्म पानी डालें. इसे एक मिनट ऐसे ही छोड़ दें. स्ट्रेनर निकाल लें और आपकी चाय पीने के लिए तैयार है.
व्हाइट टी
व्हाइट टी वह चाय है जो कम से कम प्रसंस्करण के साथ अपने सबसे कुदरती रूप में आती है. एक बहुत ही नजाकत से तैयार फ्लेवर्ड टी; अक्सर ग्रीन टी के प्रचार से प्रभावित होकर जिसके फायदों से बहुत से लोग अनजान रह जाते हैं.
हकीकत में व्हाइट टी में ग्रीन टी की तुलना में तीन गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिसका मतलब है तीन गुना फायदा! व्हाइट टी इस मौसम में समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करती है, जब हमारी सामान्य इम्यूनिटी काफी घट जाती है. यह त्वचा में निखार लाती है, नर्व्स को शांत करती है और जरूरत पड़ने पर ऊर्जा प्रदान करती है.
व्हाइट टी बनाने की विधि: एक खाली कप में एक छोटा चम्मच व्हाइट टी की पत्तियां डालें और इसमें गर्म पानी डालें. इसे लगभग पांच मिनट तक छोड़ दें. फिर छान कर पी लें. व्हाइट टी के असली जायके का मजा लेने के लिए हल्के गर्म सॉफ्ट वाटर के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.
रेड ऊलोंग टी
वह कौन सी चीज है, जो खूबसूरत दिखती है, आपको तरोताजा रखती है और आपको खूबसूरत बनाती है? मॉनसून के मौसम के लिए गुलाब और ऊलोंग दोनों के अपने अलग-अलग फायदे हैं और इन्हें एक साथ मिलाकर आप एक जबरदस्त रेसिपी पा सकते हैं.
भारी मात्रा में कैफीन से भरी ऊलोंग उदासी भरे दिनों में जबरदस्त ऊर्जा, चुस्ती और उत्साह बढ़ाने के लिए एकदम सही है. इसमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो शरीर को स्वस्थ रखता है. गुलाब त्वचा को साफ करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और गले में खराश दूर करने में मदद करता है.
रोज़ ऊलोंग टी बनाने की विधि: ऐसे पानी का इस्तेमाल करें जो गर्म हो लेकिन उबलता हुआ ना हो. एक खाली कप में एक बड़ा चम्मच गुलाब की पंखुड़ियां और 2 छोटा चम्मच ओलोंग चाय डालें. इस पर पानी डालें और 3-5 मिनट ऐसे ही रहने दें. आप चाहें तो छान सकते हैं, वैसे ग्लास में दिख रही पंखुड़ियां चाय को सुंदर रूप देती हैं.
आप अपने जायके के हिसाब से इन रेसिपी में मामूली बदलाव कर सकते हैं. आप अपनी चाय को मीठा बनाने के लिए नींबू और शहद की कुछ बूंदें मिला सकते हैं. चीनी और दूध की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि ये चाय के फायदों को कम कर सकते हैं. वैसे आप अदरक और पुदीना जैसी चीजों को भी मिला सकते हैं.
आमतौर पर सुरक्षित मानी जाने वाली, कुछ हर्बल चाय गर्भवती महिलाओं के लिए समस्या का कारण बन सकती हैं, इसलिए चाय का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें. अधिकांश जड़ी-बूटियां बच्चों के लिए भी सुरक्षित हैं, लेकिन अगर आपके बच्चे को एलर्जी की फैमिली हिस्ट्री है, तो पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से पूछ लेना बेहतर है.
(प्रतिभा पाल ने अपना बचपन ऐसी शानदार जगहों पर बिताया है, जिनके बारे में सिर्फ फौजियों के बच्चों ने ही सुना होगा. वह तरह-तरह की किताबों को पढ़ते हुए बड़ी हुई हैं. जब अपने पाठकों के साथ शेयर करने के लिए किसी DIY रेसिपी तैयार करने का काम नहीं कर रही होती हैं, तब प्रतिभा सोशल मीडिया पर अपनी लेखन कला का जादू बिखेर रही होती हैं. आप उनके ब्लॉग www.pratsmusings.com पर पढ़ सकते हैं या उनसे @myepica पर ट्विटर पर संपर्क कर सकते हैं.)
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