लखनऊ में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) के राजधानी COVID-19 हॉस्पिटल (RCH) में लगभग 50 प्रतिशत रोगियों में डायबिटीज पाई गई है.
RCH के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.के. सिंह के अनुसार, "हमारे केंद्र में रोगियों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली बीमारी डायबिटीज है, इसके बाद हाई ब्लड प्रेशर है. इनके अलावा ऐसे मरीज ज्यादा हैं, जिनके फेफड़े और किडनी काम नहीं कर रहे."
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों में डायबिटीज वाले मरीजों के मैनेजमेंट के लिए खास दिशानिर्देश दिए हैं.
प्रो. सिंह ने बताया कि डायबिटीज शरीर के हर हिस्से को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है. इसलिए, जब शरीर किसी संक्रमण से प्रभावित होता है जैसे कि कोविड-19 के मामले में तो इसे मैनेज करना उतना ही चुनौतीपूर्ण है जैसे कई छेदों वाली बाल्टी में पानी भरना.
डेथ रेट के बारे में प्रो. सिंह ने कहा, "हम एक तृतीयक देखभाल केंद्र हैं. न केवल लखनऊ से बल्कि दूसरे जिलों से भी सबसे गंभीर मामले यहां आते हैं. 75 प्रतिशत से अधिक मौतों के लिए साथ में रही बीमारी (को-मॉर्बिड कंडिशन) को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है."
SGPGIMS के डायरेक्टर प्रो आर.के. धीमान ने कहा, "हमारे पास अब तक लगभग 850 पॉजिटिव मरीज आए हैं, जिनमें से 71 फीसदी पुरुष हैं. कुल मरीजों में से लगभग 70 फीसदी ठीक हो चुके हैं. वायरस को हराने वालों में 8 महीने का बच्चा सबसे कम उम्र वाला और 90 साल की महिला मरीज भी शामिल हैं."
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