मोना वर्मा आइने के सामने खड़ी होकर अपने आप को निहार रही थी. अपने बालों के बीच एक सफेद बाल दिखने पर वह बिल्कुल दंग रह गई. मोना ने 18-19 साल की उम्र में पहली बार अपना पहला सफेद बाल देखा था. उस समय वह थोड़ा परेशान हुई इसके बाद कुछ घरेलू नुस्खे आजमाए. बाद में, ये स्वीकार कर लिया और उसकी परवाह नहीं की. आज, जब वह 30 की दहलीज पर है, तो सफेद बाल पहले से अधिक दिखाई देने लगे हैं और ये जाहिर सी बात है.
हमारे शरीर में लाखों हेयर फॉलिकल होते हैं, जो त्वचा पर होते हैं. ये फॉलिकल मेलेनिन युक्त पिगमेंट सेल्स (रंग) को उत्पन्न करते हैं. जब ये हेयर फॉलिकल्स कई कारणों से पिगमेंट सेल्स खो देते हैं, तो हमारे बाल सफेद हो जाते हैं.
एक स्टडी के अनुसार, देश की युवा आबादी में समय से पहले बाल सफेद होने का प्राथमिक कारण जेनेटिक है. हालांकि, पर्यावरण से जुड़े कारक, विटामिन और मिनरल्स की कमी और बीमारियों का संबंध भी इस समस्या से जुड़ा हुआ है.
असमय बाल सफेद होने के कारण
समय से पहले बाल सफेद होने के कई कारण हैं. विटामिन B-6, B-12, बायोटीन, विटामिन E, विटामिन D-3 और कॉपर जैसे मिनरल्स की कमी से भी बाल असमय सफेद होते हैं. अन्य कारणों में जेनेटिक्स, स्ट्रेस, ऑटोइम्यून डिजीज, थायरॉयड डिसऑर्डर, साइनोसाइटिस, स्मोकिंग, एंग्जाइटी, नींद का समय तय नहीं होना, धूप में अधिक रहना, हेयर डाइ का अधिक प्रयोग करना, ड्रायर और स्ट्रेटनर जैसे गैजेट का प्रयोग भी शामिल है.
लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे संतुलित आहार, रेगुलर एक्सरसाइज, सप्लिमेंट्स और रिलेक्सेशन टेक्नीक इसमें मददगार हो सकती है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपके बाल फिर से काले हो जाएंगे.
समय पूर्व बाल सफेद होने को रोकने का कोई इलाज नहीं है. अगर बाल सफेद होने की स्थिति किसी प्रकार की कमी या बीमारी से है, तो इसे इलाज के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. पारंपरिक सोच नुकसानदायक केमिकल्स वाले डाई या कलर पर भरोसा करती है.
काले बालों के लिए आयुर्वेद की सलाह
आयुर्वेद में समय पूर्व बाल सफेद होना या अकाल पालित्य अधिकतर पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है. अगर पित्त में गड़बड़ी है तो ये बालों के रंग को प्रभावित करता है. बेहतर इलाज के लिए जरूरी है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ली जाए. असमय बालों के सफेद होने के संबंध में पंचकर्म एक सबसे अधिक सुझाया जाने वाला आयुर्वेदिक उपचार है. इसकी मदद से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) का संतुलन होता है.
नास्य कर्म, शिरो धारा (सिर में तेल लगाना), शिरो पीचू (तेल में डूबा कपड़ा सिर पर रखना), शिरो बस्ती (सिर में उपकरण से तेल डालना), शिरो लेप (सिर पर आयुर्वेदिक औषधियों को लगाना) और शिरो अभ्यंग (सिर में तेल की मालिश) लाभकारी होते हैं.
तक्रधारा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें धारा पात्र लगातार धार से रोगी के माथे पर बटरमिल्क डाला जाता है. पित्त से जुड़ी बीमारियों को दूर करने का यह एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है.
धारा को स्ट्रेस कम करने, दृष्टि सुधार और बालों के स्वास्थ्य के उपचार के लिए जाना जाता है.
काले बालों के लिए लाइफस्टाइल सुझाव
- संतुलित आहार लें, जिसमें ताजी सब्जियां और फल शामिल हों.
- समय पर खाएं और एक रेगुलर रूटीन मेंटेन करें.
- अपने खाने में करी पत्ता, तिल, आंवला, करेला और गाय का घी भी शामिल करें.
- बालों को गर्म पानी से ना धोएं.
- अपनी स्थिति के हिसाब से डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों के लिए आयुर्वेदिक फिजिशियन की सलाह लें.
काले बालों के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे
- आधा कप तुलसी के पत्तों को पीस लें और इसे दो कप नारियल के गर्म तेल में मिला लें. इसे ठंडा होने दें. इसे 15 दिन तक धूप में रखें. इसके बाद हर हफ्ते इसे अपने बालों में लगाएं.
- भृंगराज के कुछ सूखे पत्तों को नारियल तेल में डालकर गर्म कर लें. इसे एक हफ्ते तक ऐसे ही छोड़ दें. इसके बाद इसे छान कर बोतल में रख लें. इसे हफ्ते में तीन दिन लगाएं.
- दो छोटे चम्मच आंवला पाउडर, आधा चम्मच नीम पाउडर और नींबू के रस को मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं. इसके बाद इसे एक घंटा तक छोड़ दें. इसके बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें.
- 30-50 करी पत्ते पिसे हुए, 2 छोटी चम्मच सूखा आंवला पाउडर को 5 छोटे चम्मच नारियल के तेल में मिला लें. इसे 5-7 मिनट तक गर्म करें. आंच से हटा कर इसे ठंडा होने दें. इस तेल को अपने स्कैल्प पर 20 मिनट तक मालिश करें. इसे अपने पूरे बालों पर भी लगाएं. करीब 45 मिनट बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें.
- मुट्ठीभर करी पत्ते के पेस्ट को एक कप बटरमिल्क में मिला कर स्कैल्प पर मालिश करें. करीब आधे घंटे बाद इसे माइल्ड शैंपू से धो लें. इसे हफ्ते में दो बार करें.
- 5 छोटे चम्मच तिल के तेल को 2.5 छोटे चम्मच गाजर के बीज के तेल के साथ मिला लें. स्कैल्प पर 20 मिनट तक इसकी मालिश करें. फिर इसे रातभर के लिए छोड़ दें. सुबह इसे माइल्ड शैंपू से धो लें.
समय से पहले बाल सफेद होना स्ट्रेसफुल होता है. आत्मविश्वास और आत्मसम्मान के लिए पर्सनल अपीयरेंस बहुत महत्वपूर्ण होता है.
हेयर डाइ या कलर करना बहुत आसान उपाय है, लेकिन ये समस्या को जड़ से दूर नहीं करता बल्कि उसे और खराब कर देता है.
आयुर्वेद बालों और सिर की त्वचा में सुधार के लिए प्राकृतिक उपचार सुझाता है. इन उपचारों से ना सिर्फ आपके बाल काले रहते हैं बल्कि लंबे समय तक चमकदार भी बने रहते हैं. तात्कालिक उपायों पर भरोसा करना समस्या को दूर नहीं करता है. हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने से ये उपचार कारगर साबित होते हैं. आयुर्वेदिक उपचार में समय लगता है, लेकिन यह समय के हिसाब से उपयुक्त और कारगर हैं.
(नूपुर रूपा एक फ्रीलांस राइटर और मदर्स के लिए लाइफ कोच हैं. वे पर्यावरण, फूड, इतिहास, पेरेंटिंग और यात्रा पर लेख लिखती हैं.)
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