इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स और रिसर्च, बेंगलुरु की ओर से पूर्वोत्तर राज्यों में कैंसर की स्थिति पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों में पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर का अधिक बोझ है.
ICMR ने कहा कि 2020 में इन राज्यों में कुल 50,317 मामले होने का अनुमान लगाया गया था, जिसके 2025 में बढ़कर 57,131 होने की आशंका है.
इस तरह इन राज्यों में 2025 तक कैंसर के कुल मामलों में 13.5% की वृद्धि का अनुमान है.
भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं - अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा.
इन आठ राज्यों के कैंसर के बोझ पर ICMR की रिपोर्ट 11 जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री (Population Based Cancer Registries-PBCR) और सात अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री (Hospital Based Cancer Registries-HBCR) के 2012-16 डेटा के विश्लेषण पर आधारित है.
PBCR द्वारा कवरेज पूर्वोत्तर राज्यों की आबादी का लगभग 35 प्रतिशत है और पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के आंशिक रूप से या पूरी तरह से प्रतिनिधित्व के कारण इस क्षेत्र के कैंसर प्रोफाइल को अच्छी तरह से दर्शाता है. रिपोर्ट संक्षेप में कैंसर और स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति के लिए जोखिम कारक प्रोफाइल को सामने रखती है.
पूर्वोत्तर राज्यों में पुरुषों में सबसे ज्यादा खाने की नली का कैंसर (13.6%), इसके बाद लंग कैंसर (10.9%) के मामले और महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर (14.5%) और इसके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (12.2%) दर्ज किए गए.
रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू के सेवन से संबंधित कैंसर के मामले पुरुषों में 49.3% और महिलाओं में 22.8% रहे.
पूर्वोत्तर राज्यों में साल 2025 तक पुरुषों में खाने की नली का कैंसर (4351) और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (4126) के सबसे ज्यादा मामले होने का अनुमान है.
वहीं 'क्लीनिकोपैथोलॉजिकल प्रोफाइल ऑफ कैंसर इन इंडिया: ए रिपोर्ट ऑफ हॉस्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री, 2021' के मुताबिक देश में सभी कैंसर के मामलों का अनुपात महिलाओं (47.4 फीसदी) की तुलना में पुरुषों (52.4 फीसदी) में अधिक था.
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