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क्या सनस्क्रीन से घट जाता है स्किन कैंसर होने का खतरा?

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अगर आप धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं, तो न सिर्फ आप सनबर्न से बचते हैं बल्कि साथ में स्किन कैंसर होने के खतरे से भी अपना बचाव करते हैं. दरअसल एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि सनस्क्रीन त्वचा कैंसर के खतरे को 40 फीसदी तक घटा सकता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया भर में हर साल 20 से 30 लाख नॉन-मेलानोमा त्वचा कैंसर के मामले और 1,32,000 मेलानोमा त्वचा कैंसर के मामले सामने आते हैं. मेलानोमा के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसकी वजह सूर्य से सीधा संपर्क यानी खुली जगह पर धूप सेंकना और सनबर्न माना जाता है.  

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में सहायक प्राध्यापक और शोधार्थी, एनी कस्ट ने कहा, "विशेष रूप से बचपन में मेलानोमा के जोखिम का मुख्य कारण सूर्य की किरणों से सीधा संपर्क और सनबर्न को माना जाता रहा है, लेकिन इस अध्ययन से पता चला है कि नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभावों से रक्षा करता है."

कस्ट ने कहा कि लोगों द्वारा नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाना अभी भी मुश्किल है और ऐसा करने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है.

सनस्क्रीन का नियमित इस्तेमाल ब्रिटिश या उत्तरी यूरोपीय महिलाएं और युवा करते हैं या फिर उच्च शिक्षा स्तर वाले लोग, हल्की रंगत की त्वचा वाले और सनबर्न के सबसे ज्यादा शिकार होने वाले लोग करते हैं.
एनी कस्ट, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में सहायक प्राध्यापक

कस्ट के मुताबिक आमतौर पर पुरुष, बुजुर्ग और जिन्हें सनबर्न जैसी समस्या नहीं होती, ऐसे लोग सनस्क्रीन कम ही लगाते हैं.

कस्ट ने कहा, 'इस अध्ययन के लिए 18 से 40 साल के बीच के 1,700 लोगों पर सर्वेक्षण किया गया था. जिससे ये बात सामने आई है कि सन्सक्रीन का इस्तेमाल न सिर्फ सूर्य की किरणों से बचाव करता है बल्कि मेलानोमा होने के खतरे को भी कम करता है.'

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