साउथ अफ्रीका और ब्राजील में मिल रहे म्यूटेंट वेरिएंट के कारण भारत में कोविड-19 के 5 मामले सामने आए हैं. इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वो नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस विषय पर चर्चा कर रहा है कि क्या इन दोनों देशों से आने वाले हवाई यात्रियों की संख्या नियंत्रित करने की रणनीति को ठीक वैसे ही लागू किया जा सकता है जैसे कि ब्रिटेन के वेरिएंट का पता लगने के बाद किया गया था.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि ब्रिटेन के उलट, ब्राजील और साउथ अफ्रीका से फ्लाइट सीधे भारत नहीं आते हैं. ये यात्री भारत पहुंचने के लिए ज्यादातर खाड़ी देशों से ट्रांजिट रूट लेते हैं. इसलिए हमें यह देखना होगा कि क्या हवाई यातायात को प्रतिबंधित करने की जरूरत है. हम (नागरिक) उड्डयन मंत्रालय के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ब्राजील और साउथ अफ्रीकी देशों से लौटे लोगों पर नजर रखने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और जीनोम सीक्वेंसिंग के उपायों का अनुसरण किए जाने की संभावना है, क्योंकि इन यात्रियों में संभवत: वहां पाए जाने वाले म्यूटेंट्स मिल सकते हैं.
भूषण ने कहा कि ब्रिटेन वेरिएंट के अनुभव से हमने कोविड -19 पॉजिटिव पाए जाने पर भारत आने वाले सभी यात्रियों और उनके कॉन्टैक्ट्स पर 100% आरटी-पीसीआर परीक्षणों का संचालन करना सीखा है. पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें आइसोलेशन और क्वॉरंटाइन प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ा. हम साउथ अफ्रीका और ब्राजील में मिल रहे म्यूटेंट के प्रसार को रोकने के लिए भी इनका पालन करने जा रहे हैं.
मंत्रालय ने पहले खुलासा किया था कि उसने साउथ अफ्रीका और ब्राजील में पाए जाने वाले वेरिएंट से संक्रमित 5 ऐसे लोगो की पहचान की है, जो इन देशों से भारत आए हैं.
आईसीएमआर(ICMR) के महानिदेशक प्रो बलराम भार्गव ने कहा कि पिछले 2 महीनों में यहां SARS-COV2 के नए वेरिएंट के 192 मामले पाए गए हैं. इनमें साउथ अफ्रीकी वेरिएंट के 4, ब्राजीलियाई वेरिएंट का एक और यूके वेरिएंट के 187 मामले शामिल हैं.
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