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मॉनसून,मास्क और पसीना : त्वचा को नुकसान से बचाने के लिए क्या करें?

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मॉनसून में नमी, उमस परेशान करने वाली होती है. कोरोना वायरस से बचाव के हथियार के तौर पर मास्क पहनना जरूरी तो है लेकिन हममें से कई इस मौसम में इसे पहनने में परेशानी महसूस कर रहे हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के शुरुआती दिनों में कहा गया कि सभी को मास्क पहनना जरूरी नहीं है. लेकिन अब सरकार के निर्देश के मुताबिक सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहने बिना पाए जाने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान बन गया है.

मास्क बेहद जरूरी है लेकिन इससे होने वाली दिक्कतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इससे आपको कई तरह की त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं.

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हमने इस बारे में दिल्ली के फॉर्टिस हॉस्पिटल(शालीमार बाग) में डर्मेटोलॉजी विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मंजुल अग्रवाल से बात की. उन्होंने मास्क से होने वाली दिक्कतों के साथ-साथ, उससे बचने के उपाय और सावधानियों के बारे में बताया है.

मास्क से स्किन को किस तरह का नुकसान हो सकता है ?

1. एलर्जी

सर्जिकल मास्क सिंगल लेयर वाले होते जो पोलीप्रोपाइलिन (polypropylene) से बने होते हैं. N95 में 4 लेयर्स होते हैं. जो लेयर त्वचा के संपर्क में आता है, उसमें भी पोलीप्रोपाइलिन होता है. ये सबसे सेफ मानी जाती है लेकिन फिर भी ज्यादा लंबे समय तक लगाए रखने पर इससे एलर्जी की दिक्कतें देखी गई हैं.

2. बैक्टीरियल इंफेक्शन

मास्क से बैक्टीरियल इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है. कील-मुंहासे हो सकते हैं.

जब हम सांस बाहर छोड़ते हैं, उस हवा में नमी होती है. मास्क को सील करने पर नमी के साथ-साथ पसीना और शरीर का तापमान, ये तीनों मिलकर ऐसा एनवॉयरमेंट बनाते हैं जो बैक्टीरिया के पनपने के लिए मुफीद होते हैं. यूं तो बैक्टीरिया हमेशा हमारी स्किन पर होता है लेकिन स्किन के अंदर जाने पर ये इंफेक्शन पैदा करता है. ऐसे में मुंहासे होने लगते हैं, स्किन के बालों के जड़ में इंफेक्शन होने के चांसेज बढ़ जाते हैं

3. फ्रिक्शनल मेलानोसिस

इसके अलावा इलास्टिक बैंड से कान के पिछले हिस्से में एलर्जी और दर्द की दिक्कत होती है. फ्रिक्शन की वजह से कान, नाक पर पिगमेंटेशन का रिस्क होता है. इसे फ्रिक्शनल मेलानोसिस (Friction melanosis) कहते हैं.

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक बहुत हैवी मास्क की जगह 100% कॉटन का मास्क इस्तेमाल किया जा सकता है. एक एक्सपर्ट रिपोर्ट के मुताबिक कॉटन पसीने या फिर मॉइस्चराइजर को सोख लेता है इस वजह से कॉटन से बने मास्क पहनने में उतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता. लेकिन पॉलिस्टर और सिंथेटिक से बने मास्क से पसीना फैल जाता है. सिंथेटिक मटीरियल मास्क को ज्यादा गर्म भी रखता है.

पहले से मुंहासे हैं, तो रखें खास ख्याल

पहले से ही मुंहासों की समस्या झेल रहे लोग, जो सेलीसाइलिक एसिड, बेन्जॉयल पेरॉक्साइड, रेटिनॉइड का इस्तेमाल करते रहे हैं, उन्हें फिलहाल इससे बचना चाहिए. भले ही ये उनकी स्किन को सूट कर रहा हो लेकिन मास्क से कवर करने पर ये इरिटेशन, ड्राईनेस बढ़ा सकता है.

इन दवाओं का इस्तेमाल मास्क वाले एरिया को छोड़कर कर सकते हैं और कुछ देर में इसे धो लें.

डॉ. मंजुल इस समय स्किन ट्रीटमेंट जैसे केमिकल पील और एक्सफोलिएंट से बचने की भी सलाह देती हैं. उनका कहना है कि इसमें त्वचा की सबसे ऊपरी परत बर्न की जाती है, हटाई जाती है, जिससे त्वचा काफी सेंसिटिव हो जाती है. अगर मास्क पहनें तो स्किन पर बुरा असर दिख सकता है. लेकिन जो लोग ज्यादातर समय घर में बिता रहे हैं, वो इसे करा सकते हैं.

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अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी ने मास्क के साथ स्किन का ख्याल रखने के लिए कुछ उपाय बताए हैं.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक, फेस-मास्क लगाने से स्किन का ड्राई होना आम समस्या है. मॉइस्चराइजर लगाने से एक प्रोटेक्टिव लेयर जुड़ जाती है जो ड्राईनेस को कम कर सकती है. हर दिन अपने चेहरे को मॉइस्चराइज करें. अपना चेहरा धोते समय, एक माइल्ड, खुशबू रहित क्लीन्जर का इस्तेमाल करें. चेहरा धोने के तुरंत बाद मॉइस्चराइजर लगाएं. सिरामिड्स, हाईऐल्युरोनिक एसिड, डिमेथकॉन (स्किन इरिटेशन को कम करता है) इन इंग्रेडिएंट्स वाले फेश वॉश का इस्तेमाल करें.

स्किन के हिसाब से मॉइस्चराइजर चुनना अहम है, इस गाइड का पालन करें.

  • ऑयली स्किन(या जब मौसम गर्म, नम हो): जेल मॉइस्चराइजर
  • नॉर्मल स्किन: लोशन
  • ज्यादा ड्राई स्किन: क्रीम

अगर आपको मुंहासे हैं या आप बाहर निकलना चाहते हैं, तो भी आप जेल मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं

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मेकअप या नो-मेकअप?

मास्क पहनते समय मेकअप न लगाएं. मॉनसून की उमस के बीच मेकअप लगाना और ऊपर मास्क लगाने से आपके पोर्स बंद होंगे और स्किन की समस्याएं शुरू हो जाएंगी. अगर मेकअप जरूरी है तो ऑयल-फ्री मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.
स्किन के लिए किसी भी नए प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचने की कोशिश करनी चाहिए.

लड़के रहें क्लीन शेव

डॉ. मंजुल बताती हैं कि लड़के क्लीन शेव रखें. दाढ़ी न बढ़ाएं. फॉलिकलाइटिस के काफी केसेज आ रहे हैं, जो बाल की जड़ का इंफेक्शन होता है. मास्क लगाने से इसके चांसेज क्लीन शेव लड़कों के मुकाबले दाढ़ी रखने वाले लड़कों में ज्यादा बढ़ जाते हैं.

मास्क ब्रेक है जरूरी!


अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी बेहतर स्किन केयर के लिए सलाह देती है कि घर के अंदर, कार में अकेले होने पर या भीड़-भाड़ वाले इलाके में नहीं होने पर आप मास्क से ब्रेक ले सकते हैं. बाहर होने पर हर 4 घंटे में 15 मिनट का ब्रेक लिया जा सकता है.

इसके अलावा जो कपड़े के मास्क का इस्तेमाल करते हैं, उसे धोकर ही दोबारा इस्तेमाल करें. इसे धोने से मास्क के अंदर इकट्ठा त्वचा में समस्या पैदा करने वाले ऑयल और त्वचा की कोशिकाएं भी निकल जाती हैं.

  • आप कपड़े धोने की मशीन या हाथ से कपड़े का मास्क धो सकते हैं.
  • मास्क के वॉशिंग इंस्ट्रक्शन का पालन करें.
  • गर्म पानी में मास्क धोएं, अगर इंस्ट्रक्शन में इससे बचने को कहा गया हो, तो उसका पालन करें.
  • खुशबू रहित, हाइपोएलर्जेनिक कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें.
  • अपना मास्क धोने के बाद, उसके शेप को चेक करें. अगर कोई मास्क आसानी से फिट नहीं बैठता है, तो वो कम प्रोटेक्टिव होता है.

ये ध्यान रखें, स्किन सेंसिटिव होने का मतलब ये नहीं है कि मास्क नहीं पहन सकते. लेकिन कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. डॉ. मंजुल कहती हैं कुछ एलर्जी सेल्फ-हीलींग होती हैं यानी वो खुद ठीक हो जाती हैं. उदाहरण के लिए त्वचा लाल हो जाए तो लैक्टोकेलोमिन जैसे लोशन, मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है.

फेस मास्क आपकी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है.

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