ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली-NCR में एयर पॉल्यूशन इमरजेंसी जोन में बरकरार

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 11 नवंबर से लगातार बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार 15 नवंबर की सुबह दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 700 के पार पहुंच गया. खतरनाक माने जाने वाले पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है.

वहीं Air Visual के आंकड़ों के मुताबिक वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रैंकिंग में दिल्ली सबसे प्रदूषित है. 

बढ़ते एयर पॉल्यूशन के कारण ही एनसीआर के स्कूलों को 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया था. वहीं औद्योगिक गतिविधियों पर भी 15 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में शुक्रवार की सुबह काली धुंध छाई रही. पिछले दिनों के मुकाबले धुंध और भी ज्यादा बढ़ रही है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स: हवा का हाल

देश के कई इलाकों में वायु प्रदूषण ‘बेहद खतरनाक’ से ‘गंभीर +’ कैटेगरी में देखा जा रहा है.

उत्तर भारत के कई राज्य वायु प्रदूषण के ‘खराब’ और ‘गंभीर’ स्तर पर हैं. राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा में भी वायु प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ कैटेगरी में है.

Air Visual के आंकड़ों के मुताबिक 15 नवंबर की दोपहर भारत के 10 सबसे प्रदूषित इलाके:

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है.

प्रदूषित हवा और आपकी सेहत

हवा में फैले प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.

मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल, साकेत में पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ प्रशांत सक्सेना ने बताया कि सीओपीडी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है.

इसके अलावा प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक और सीने में दर्द जैसी कार्डियक समस्याएं भी बढ़ रही हैं.

प्रदूषित हवा के कारण लोग एलर्जी की समस्याएं जैसे नाक बहना, छींकना, सिरदर्द, आंखों में जलन, गले में खराश जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं.
डॉ प्रशांत सक्सेना

डॉ सक्सेना के मुताबिक ओपीडी और इमरजेंसी में सांस की बीमारियों के मामले 15-20% तक बढ़ गए हैं. कई मरीज जिन्हें स्टेबल कंडिशन में डिस्चार्ज किया गया था, वो फिर बीमार पड़ रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बढ़ रहा है वायु प्रदूषण- क्या करें?

प्रदूषण के प्रकोप से बचने के लिए डॉ प्रशांत सक्सेना कुछ बातों का ख्याल रखने को कहते हैं:

  • आंखों को साफ पानी से धोएं ताकि जलन कम हो सके.
  • जब पॉल्यूशन का लेवल बहुत ज्यादा हो, तो बाहर निकलने से बचें.
  • N95 या N99 मास्क का इस्तेमाल करें.
  • अगर पॉल्यूशन के कारण आपको अस्थमा अटैक या COPD का रिस्क है, तो डॉक्टर को पहले ही दिखा लें और इमरजेंसी में यूज होने वाली दवाइयां अपने पास रखें.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या हो सकता है पॉल्यूशन का सॉल्यूशन?

पारस हेल्थकेयर के एमडी डॉ धरमिंदर नागर बढ़ते पॉल्यूशन के सॉल्यूशन पर कहते हैं, "इस इमरजेंसी से निपटने के लिए सरकार के साथ-साथ हरेक नागरिक के कोशिशों की जरूरत है. ये स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण भारतीयों के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है."

डॉ नागर के मुताबिक बाहर ना निकलना और फेस मास्क का इस्तेमाल ही काफी नहीं है. भी को अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और सामूहिक व्यवहार में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए.

कम दूरी के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल ना करना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आना-जाना, कार पूलिंग जैसे विकल्प हम अपनी रोजाना की जिंदगी में अपना सकते हैं. अगर आप नई गाड़ी खरीद रहे हैं, तो इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ी लें.
डॉ धरमिंदर नागर, एमडी, पारस हेल्थकेयर

(एयर पॉल्यूशन पर फिट ने #PollutionKaSolution कैंपेन लॉन्च किया है. आप भी हमारी इस मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं. आप #AirPollution को लेकर अपने सवाल, समाधान और आइडियाज FIT@thequint.com पर भेज सकते हैं.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×