केंद्र सरकार का मानना है कि देश में डायबिटीज इतनी तेजी से फैल रही है कि आने वाले पांच साल में डायबिटीज रोगियों की संख्या 266 प्रतिशत बढ़ सकती है.
आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाईक ने शुक्रवार 6 दिसंबर को लोकसभा में डायबिटीज पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "भारत में साल 2025 तक डायबिटीज रोगियों की तादाद 6.99 करोड़ तक पहुंच सकती है."
सरकार जहां कई मौकों पर डायबिटीज से बचाव के अभियान चला रही है, वहीं अब इसके उपचार के लिए हर्बल दवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. काउंसिल ऑफ सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी सीएसआईआर की मदद से हर्बल दवाओं की खोज की गई है.
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, लखनऊ स्थित भारत सरकार के शोध संगठन ने डायबिटीज की हर्बल दवाएं बनाई हैं. ये हर्बल दवा वैज्ञानिक तौर पर भी मान्य हैं. फिलहाल एमिल फार्मा मधुमेह की इन दवाओं का उत्पादन कर रही है.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, मधुमेह रोगियों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वो काफी खतरनाक है.
ऐसे में आयुष मंत्रालय योग और आयुर्वेद दोनों के एक साथ इस्तेमाल से इस बढ़ती चुनौती को काबू करना चाहता है.
इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष ने गुजरात, बिहार व राजस्थान के कुछ जिलों में मिलकर काम करने की योजना बनाई है.
योजना में मिली प्रारंभिक सफलता के बाद अब बिहार, गुजरात और राजस्थान में 52 स्थानों पर मधुमेह व दिल की बीमारियों से निपटने के लिए आयुर्वेद और योग की मदद ली जा रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)