डायबिटीज के साथ जीना आसान नहीं होता है. लेकिन दवाएं ही इसका एकमात्र समाधान नहीं हैं. खान-पान और रहन-सहन में भी बड़े बदलावों की जरूरत है.
ये सात चीजें ब्लड-शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं.
स्ट्रेस
ग्लोबल डायबिटीज कम्युनिटी, यूके के अनुसार, स्ट्रेस ब्लड-शुगर के स्तर में वृद्धि का एक कारण हो सकता है. जब आप स्ट्रेस में होते हैं, तो आपका अड्रेनलिन ग्लैंड सक्रिय हो जाता है, जो अंगों को रक्त में अधिक ग्लूकोज छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे ब्लड-शुगर के स्तर में वृद्धि होती है.
डायबिटीज के रोगियों में ब्लड-शुगर का स्तर, अन्य लोगों की तुलना में, सामान्य होने में अधिक समय लेता है.
कैफीन
मेयो क्लिनिक के अनुसार, यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो कैफीन का सेवन सीमित करना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा. कैफीन हर व्यक्ति को अलग तरह से प्रभावित करता है इसलिए ज़रूरी है कि आप डॉक्टर से अपने कैफीन की सीमा के बारे में पूछें.
यूके ग्लोबल डायबिटीज कम्युनिटी के अनुसार, कॉफी लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती है और यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक है क्योंकि तब शरीर इंसुलिन हार्मोन के साथ रीऐक्ट नहीं करता है जो कि इष्टतम रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है.
नींद की कमी
नींद का भी डायबिटीज पर प्रभाव पड़ता है. यूएस एनआईएच के अनुसार, जो लोग छह घंटे से कम सोते हैं, वे इंसुलिन रेजिस्टेंस से पीड़ित होते हैं क्योंकि उनकी कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन के साथ अच्छी तरह से रीऐक्ट नहीं करती हैं और डायबिटीज का कारण बन सकती हैं.
नींद की कमी लोगों के खाने की आदतों को प्रभावित करती है. इससे हार्मोनल असंतुलन भी होता है जो ब्लड-शुगर के स्तर को बढ़ाता है. इससे बचने के लिए, लोग अपनी नींद की दिनचर्या को ठीक कर सकते हैं ताकि शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सके, देर रात का नाश्ता छोड़ सकते हैं और रात के खाने के बाद टहलने जा सकते हैं.
डिहायड्रेशन
बार-बार प्यास लगना और मुंह सूखना डिहाइड्रेशन के संकेत हैं और डायबिटीज के पहले चेतावनी संकेत भी हैं. किडनी शरीर से अतिरिक्त शुगर को फ्लश करने की कोशिश करता है और इसलिए बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का एक लक्षण है जिससे डिहाइड्रेशन भी होता है.
लेकिन हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है ताकि रक्त में अतिरिक्त ग्लूकोज से छुटकारा पाने के लिए जब आप बार-बार पेशाब करते हैं तो शरीर को नुकसान न हो. नियमित रूप से हाइड्रेशन के लिए स्किम मिल्क, हर्बल टी और नींबू पानी बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं.
नाश्ता छोड़ना
सीडीसी के अनुसार, नाश्ता स्किप करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, विशेष रूप से टाइप-2 डायबिटीज. सप्ताह में एक बार नाश्ता छोड़ने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 6 प्रतिशत बढ़ जाता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में टाइप-2 डायबिटीज टाइप-1 से ज्यादा आम है, और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में से 90-95 फीसदी लोगों को टाइप-2 डायबिटीज है. नाश्ता स्किप करने से इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है और शरीर ब्लड-शुगर को बनाए रखने के लिए इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता, भले ही यह पैंक्रीयस द्वारा उत्पादित किया जा रहा हो.
डॉन फेनोमनोन
मेयो क्लिनिक के अनुसार, डॉन फेनोमनोन एक ऐसी स्थिति है जिसमें डायबिटीज से पीड़ित लोगों के ब्लड-शुगर के स्तर में अचानक वृद्धि होती है और यह सुबह 2 बजे से 8 बजे के बीच होता है.
यह बहुत सारे कारणों से हो सकता है जैसे की ग्रोथ हार्मोन का उत्पादन, कोर्टिसोल और मिड्नायट स्नैकिंग, जो इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं. यदि उस दौरान ब्लड-शुगर के स्तर में लगातार वृद्धि होती है, तो कुछ दिनों तक जांच करने से यह पता लग सकता है की यह डॉन फेनोमनोन है या नहीं.
आर्टिफिशियल स्वीटनर
यूएस एनआईएच के अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर ब्लड शुगर के स्तर को तुरंत नहीं बढ़ाते हैं, लेकिन उनका आंत वाले बैक्टीरिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है यह समय के साथ ब्लड-शुगर के स्तर में वृद्धि लाता है. हालांकि, विभिन्न प्रकार के आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है और यह जाने के लिए की ये कितने सुरक्षित हैं, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है.
(यह लेख केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी उपाय को आजमाने से पहले, FIT आपको एक योग्य चिकित्सा पेशेवर से परामर्श करने की सलाह देता है.)
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