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जरूरत से ज्यादा नमक खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं?

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नमक के बिना हम अपने खाने की कल्पना नहीं कर सकते हैं. दाल या सब्जी में अगर नमक कम हो जाए, तो पूरा खाना फीका सा लगने लगता है, लेकिन अब हमारे खानपान में जिस तरह प्रोसेस्ड, पैकेज्ड, रेडी टू ईट फूड आइटम और ड्रिंक्स की बढ़ोतरी हुई है, उसके जरिए हम में से ज्यादातर लोग जाने-अनजाने जितना नमक लेना चाहिए, उसके मुकाबले दोगुनी या उससे भी ज्यादा मात्रा में नमक ले रहे हैं और ये बताने की जरूरत नहीं कि बहुत ज्यादा नमक का सेवन सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है.

हमें नमक की आवश्यकता क्यों होती है? डाइट में जरूरत से ज्यादा नमक के क्या नुकसान हैं? रोजाना कितना नमक किसी स्वास्थ्य समस्या का रिस्क नहीं बढ़ाएगा? किन लोगों को सॉल्ट इनटेक घटाने की जरूरत होती है? एक सुरक्षित स्तर पर नमक का सेवन सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जा सकता है? पेश हैं इन्हीं सवालों के जवाब.

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हमें नमक की आवश्यकता क्यों होती है?

स्वाद से इतर नमक हमें एक आवश्यक खनिज (सोडियम) प्रदान करता है, जिसका उपयोग हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को मेंटन रखने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने जैसे कार्यों के लिए किया जाता है.

सोडियम प्लाज्मा वॉल्यूम के रखरखाव, एसिड-बेस बैलेंस, तंत्रिका आवेगों के संचरण और सामान्य सेल फंक्शन के लिए जरूरी है.

मुंबई में जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के जनरल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ रोहन सीक्वेरिया कहते हैं,

मानव शरीर को तंत्रिका आवेगों का संचालन करने और मांसपेशियों को संकुचित करने और आराम देने के लिए, शरीर में पानी और खनिजों के उचित संतुलन को बनाए रखने के लिए रोजाना थोड़ी मात्रा में सोडियम की जरूरत होती है.
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खाने की किन चीजों में पाया जाता है सोडियम?

हमारे खाने में सोडियम का मुख्य सोर्स नमक है. एक चम्मच नमक में लगभग 2,300 mg सोडियम होता है.

फल, सब्जी, दूध, मीट और शेलफिश जैसे कई फूड में सोडियम प्राकृतिक रूप से होता है. वहीं प्रोसेस्ड फूड जैसे ब्रेड, प्रोसेस्ड मीट, स्नैक्स और कई तरह के सॉस में ये काफी ज्यादा मात्रा में होता है.

भारत में बिक रहे ज्यादातर पैकेज्ड फूड और फास्ट फूड में नमक और वसा की मात्रा तय सीमा से बहुत ज्यादा पाई गई है.
(फोटो: iStock)

दुनिया के कई हिस्सों में फूड एडिटिव के तौर पर इस्तेमाल होने वाले सोडियम ग्लूटामेट में भी सोडियम होता है.

खाने की कई चीजों, नमकीन, कई पैक किए गए सामान और डिब्बाबंद सूप या दूसरी चीजों को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए सोडियम का उपयोग किया जाता है. इनका बहुत अधिक सेवन करने से अक्सर समय के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.

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कितना नमक ज्यादा कहा जाएगा?

शरीर को कार्य करने के लिए नमक की आवश्यकता होती है, लेकिन बहुत कम या बहुत अधिक नमक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन एक स्वस्थ वयस्क के लिए रोजाना 5 ग्राम से कम (सिर्फ एक चम्मच) नमक की सिफारिश करता है.

वहीं अधिकतर लोग इससे बहुत अधिक नमक का सेवन करते हैं- रोजाना औसतन 9 से 12 ग्राम, जो कि अधिकतम अनुशंसित स्तर का दोगुना है.

डॉ सीक्वेरिया कहते हैं कि भारत में हम लोग खाने में आमतौर पर रोजाना कम से कम डेढ़ चम्मच नमक का सेवन कर ही लेते हैं, जो कि हमारे शरीर की जरूरत से कहीं ज्यादा है.

अगर आप किसी मेडिकल कंडिशन से गुजर रहे हैं, जिसमें लो सोडियम वाली डाइट की जरूरत है या आपके डॉक्टर ने नमक का सेवन सीमित करने की सलाह दी है, तो जरा भी लापरवाही करने से बचिए.

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डाइट में जरूरत से ज्यादा नमक के क्या नुकसान हैं?

नमक या सोडियम की अधिकता का संबंध ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी सहित कई प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से जोड़ा जाता है, जिसमें क्रोनिक किडनी डिजीज से लेकर दिल की बीमारियां और स्ट्रोक तक शामिल है.

डॉ रोहन सीक्वेरिया बताते हैं कि आहार में बहुत अधिक सोडियम कैल्शियम की हानि का कारण बन सकता है और कैल्शियम का अधिकांश नुकसान हड्डियों से हो सकता है.

डाइट में नमक की उच्च मात्रा होने से वास्तव में आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं.
डॉ रोहन सीक्वेरिया

हाई सोडियम इनटेक हाई ब्लड प्रेशर में योगदान देता है, जो दिल की बीमारियों व स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाता है.

इस बारे में एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संतोष कुमार डोरा बताते हैं कि नमक के ज्यादा सेवन से फ्लूइड रिटेंशन बढ़ता है और इससे आगे हाइपरटेंशन होता है.

जब आप बहुत अधिक नमक खाते हैं, तो आपका शरीर इसे डायल्यूट करने के प्रयास में पानी रोके रखता है. यह अतिरिक्त पानी ब्लड वॉल्यूम बढ़ाता है और हृदय यानी दिल को अधिक जोर लगाना पड़ता है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं में अधिक तरल पुश कर रहा होता है.
डॉ संतोष कुमार डोरा, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट

डॉ डोरा बताते हैं कि बढ़ा हुआ सोडियम किडनी की फिल्टरेशन यूनिट्स पर दबाव बढ़ाता है, जिससे इन यूनिट्स को नुकसान पहुंचता है. इसके कारण लंबे समय में क्रोनिक किडनी डिजीज की आशंका हो सकती है, साथ में टॉक्सिन और फ्लूइड का फिल्टर होना प्रभावित हो सकता है.

उस्मानिया मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद में नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड और प्रोफेसर डॉ मनीषा सहाय भी कहती हैं,

ज्यादा नमक का सेवन किडनी की पानी निकालने की क्षमता को प्रभावित करता है. हाई वॉटर रिटेंशन और किडनी पर दबाव से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है, जिससे क्रोनिक किडनी डिजीज का रिस्क बढ़ सकता है.

डॉ डोरा आगे बताते हैं कि एक बार हाइपरटेंशन से क्षतिग्रस्त होने के बाद रक्त वाहिकाएं या तो संकरी हो जाती है, फट या लीक हो जाती हैं. हाई ब्लड प्रेशर धमनियों में रक्त के थक्के बनने का कारण भी बन सकता है.

इसलिए हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए नमक का सेवन सीमित करना महत्वपूर्ण है.

जब सोडियम का सेवन प्रति दिन 4 gm से घटकर 2 ग्राम तक हो जाता है, तो ब्लड प्रेशर 2 से 3 mm Hg तक गिर सकता है. कई वर्षों तक लो सोडियम इनटेक से लंबे समय में यह गिरावट 10 mm Hg तक जा सकती है.
डॉ संतोष कुमार डोरा, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट

इसीलिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नमक के सेवन को 5 ग्राम / दिन से कम तक सीमित रखने की सलाह दी है.

डॉ डोरा बताते हैं कि सोडियम का सेवन घटाने से न केवल ब्लड प्रेशर में कमी आती है, बल्कि ये भी देखा गया है कि इससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां और इससे होने वाली मौतें भी घटती हैं. हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क घटने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क भी घटता है.

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आप क्या कर सकते हैं?

  • बाहर की बजाए घर के खाने को तरजीह दें, घर में पकाए जाने वाले खाने में ज्यादा नमक न डालें.

  • खाने में ऊपर से भी नमक छिड़कने से बचें.

  • हाई सॉल्ट स्नैक्स, पापड़, अचार, चटनी का सेवन सीमित करें.

  • कम सोडियम वाली चीजें चुनें, हालांकि इस बात का ख्याल रखें कि बिना डॉक्टर से पूछे अपने रोजाना इस्तेमाल वाली नमक की जगह किसी खास तरह के नमक जैसे लो सोडियम सॉल्ट लेना न शुरू कर दें क्योंकि इसके और भी स्वास्थ्य नुकसान हो सकते हैं.

  • ब्लड प्रेशर घटाने के लिए नमक का सेवन कम करने पर ध्यान देना चाहिए न कि नमक का विकल्प तलाशना चाहिए.

  • प्रोसेस्ड मीट, प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स और मीठे पेय पदार्थों की जगह ताजी चीजें लें.

कुछ मैन्यूफैक्चरर अपने प्रोडक्ट्स में नमक कम करने के लिए रेसिपी में सुधार कर रहे हैं और उपभोक्ताओं को फूड लेबल पढ़ कर उन चीजों को चुनना चाहिए, जिनमें सोडियम कम हो.

ज्यादातर अतिरिक्त सोडियम का सेवन लोग प्रोसेस्ड, पैकेट और डिब्बाबंद चीजों से करते हैं, ये वो चीजें जिन्हें वैसे भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए.

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)

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