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क्या हेयर कलर करने के कारण समय से पहले सफेद होने लगते हैं बाल?

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बालों का रंग बदलना किसी का शौक हो सकता है या जरूरत, कई लोग सफेद हुए बालों को रंगीन बनाते हैं या तो कोई फैशन ट्रेंड को फॉलो कर रहा होता है. इन सबके बीच हेयर कलर को लेकर कई तरह की भ्रांतियां और सवाल भी मौजूद हैं, वहीं हेयर कलर को सही तरीके से इस्तेमाल करने की जानकारी की भी कमी है.

आज समझते हैं कि हेयर कलर के बारे में कही जाने वाली तमाम बातें कितनी सही या गलत हैं, ये मिथक हैं या सच्चाई और हेयर कलरिंग को लेकर हमें क्या कुछ पता होना चाहिए.

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1. क्या एक बार हेयर कलर इस्तेमाल करने का मतलब है कि आपको हमेशा कलर करने की जरूरत पड़ेगी?

फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग में डर्माटोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ मंजुल अग्रवाल बताते हैं कि हेयर डाई मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं- परमानेंट और डेमी-परमानेंट.

परमानेंट हेयर डाई जैसा कि नाम से पता चलता है, अधिक स्थाई कलरिंग प्रभाव देने के लिए बालों के गहरे लेयर तक पहुंचते हैं. दूसरी ओर डेमी परमानेंट डाई सिर्फ बालों के बाहरी लेयर को कलर करते हैं और ये कलर 15-20 धुलाई में छूट जाता है.

परमानेंट हेयर डाई के मामले में, बढ़े हुए बालों को 15-30 दिनों के बाद टच-अप (जड़ की ओर से हुई बालों की ग्रोथ में) की जरूरत होती है और डाई या कलर को सिर्फ नई ग्रोथ पर लगाया जाना चाहिए. डेमी परमानेंट डाई बाल धोने के साथ हट जाता है और उसे जरूरत के मुताबिक फिर से लगाया जा सकता है.
डॉ मंजुल अग्रवाल, सीनियर कंसल्टेंट, डर्माटोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग, दिल्ली

इसका मतलब है कि बालों को कलर करने का मतलब ये नहीं होता कि उसका नैचुरल कलर फिर कभी वापस नहीं आएगा. बालों को दोबारा कलर करना है या नहीं, ये पूरी तरह से आपकी च्वॉइस है.

2. बालों को कलर करने से बाल समय से पहले सफेद होने लगते हैं?

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(फोटो: iStock)

डॉ अग्रवाल बताते हैं कि यह एक मिथ है, बालों को कलर या डाई करने का बाल सफेद होने जैसी प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं होता है. यह एक आनुवांशिक प्रक्रिया है और यह अपनी गति से होता है.

हमारे स्किन और बालों का रंग एक सेल की वजह से बनता है, जिसका नाम मेलानोसाइट है.

उम्र के साथ मेलानोसाइट जो कलर बनाता है, वो बनाना बंद कर देता है या कम कर देता है और वैसे ही बाल ग्रे होने शुरू हो जाते हैं. इस प्रक्रिया को बहुत से कारक प्रभावित करते हैं.

बालों का समय से पहले सफेद होने की जेनेटिक वजह हो सकती है. जेनेटिक वजहों के अलावा हार्मोनल दिक्कतें जैसे थॉयराइड, स्ट्रेस, स्मोकिंग की आदत, प्रोटीन, कॉपर और आयरन की कमी भी इसकी वजह बन सकती है.

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3. हेयर कलर से बाल पतले हो जाते हैंं?

डॉ मंजुल अग्रवाल के मुताबिक परमानेंट डाई से क्यूटिकल (बाल की सबसे बाहरी परत) खुल जाते हैं, इसी से ये बाल की गहराई में पहुंचते हैं. इससे हो सकता है कि हेयर स्ट्रैंड पतले और कमजोर हो जाएं.

हालांकि विटामिन और मिनरल्स की कमी भी इसका एक कारण हो सकती है, जिससे बाल पतले होने लगते हैं.

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4. कलर करने से बालों को नुकसान होता है, बाल डैमेज हो जाते हैं?

हां, कलरिंग से बालों को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि बालों के अंदर गहराई तक पहुंचने के लिए डाई क्यूटिकल्स को खोलते हैं.

परमानेंट हेयर डाई में अमोनिया या इथेनॉलमाइन जैसे काफी क्षारीय पदार्थ हो सकते हैं. दोनों पदार्थ बालों के प्राकृतिक लिपिड, 18-मेटाइल ईकोसोनिक एसिड (18-MEA) को हटाते हैं. इसी से बाहरी क्यूटिकल्स खुल जाते हैं, जिससे कलर बालों में गहराई तक जाते हैं और बाल डैमेज के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं.
डॉ मंजुल अग्रवाल, सीनियर कंसल्टेंट, डर्माटोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग, दिल्ली

इसके अलावा डाई से जुड़े एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं.

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5. हेयर कलर या डाई इस्तेमाल करते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

  • आपको हेयर कलर यूज करने की टेक्नीक मालूम होनी चाहिए.
  • अपने बालों को कलर करने से पहले हमेशा एक एलर्जी टेस्ट कर लेना चाहिए. इसे कलर करने के 24 घंटे पहले करें, अपने कान के पीछे जरा सा हेयर कलर लगाकर देखें.
  • स्कैल्प की त्वचा को हेयर कलर से बचाएं.
  • कौन सा हेयर कलर इस्तेमाल करना है, ये पता होना चाहिए और इसके साथ ही कौन से कलर सेफ शैंपू, कंडिशनर और सीरम यूज करना है, इसकी जानकारी रखनी चाहिए. ये प्रोडक्ट्स बेहतर होगा कि आप अपने हेयर स्टाइलिस्ट की सलाह से खरीदें क्योंकि वे आपके बालों और स्कैल्प के मुताबिक प्रोडक्ट की जानकारी दे सकते हैं.
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(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है.)

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