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इन एक्सरसाइज और टिप्स से बढ़ाएं लंग्स की क्षमता, रखें उन्हें साफ

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वायु प्रदूषण, सिगरेट के धुएं और अन्य विषाक्त पदार्थों को सांस के जरिये लेने से लंग्स को काफी नुकसान होता है यहां तक कि स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में वायु प्रदूषण की वजह से 4.2 मिलियन मौतें होती हैं.

शरीर के बाकी हिस्सों को स्वस्थ रखने के लिए लंग्स को स्वस्थ रखना जरूरी है. तो इसलिए इन एक्सरसाइज और टिप्स को अपनाकर आप अपने लंग्स की क्षमता बढ़ा सकते हैं.

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COPD फाउंडेशन के मुताबिक डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग, पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग लंग्स की क्षमता बढ़ाते हैं.

1. डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग(Diaphragmatic breathing)

सांस लेने की प्रक्रिया में डायफ्राम को भारी काम करना होता है. डायफ्राम सबसे प्रमुख सांस लेने वाली मांसपेशी है लेकिन बहुत से लोग अनजाने में गर्दन, कंधे और पीठ के मांसपेशियों का इस्तेमाल करने की आदत विकसित कर लेते हैं, जो लंग्स में अंदर जाने वाली और छोड़ने वाली हवा की मात्रा को बहुत सीमित करता है.

ऐसे में डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग या 'बेली ब्रीदिंग', डायफ्राम को मजबूत करता है और लंग्स के काम को आसानी से करने में मदद करता है.

  1. अपने कंधों को रिलैक्स करें और बैठें या लेट जाएं.
  2. एक हाथ अपने पेट पर और एक अपने सीने पर रखें.
  3. 2 सेकंड के लिए अपनी नाक के जरिये सांस लें, हवा को अपने पेट में ले जाएं और अपने पेट के बाहर निकलने का एहसास करें. आपका पेट आपकी छाती से ज्यादा बाहर होना चाहिए.
  4. अपने पेट पर दबाते हुए, होठों को गोल सिकोड़ते हुए 2 सेकंड के लिए सांस छोड़ें.
  5. इसे दोहराते रहें.

2. पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग (Pursed-lips breathing)

पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग आपके सांस लेने की प्रक्रिया को धीमा करता है, आपके सांस लेने वाले रास्ते को लंबे समय तक खुला रखकर, सांस लेना आसान बनाता है. इससे लंग्स को काम करने में आसानी होती है और ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान में सुधार होता है.

शुरुआत करने वालों के लिए ये ब्रीदिंग एक्सरसाइज डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग की तुलना में अक्सर आसान होता है, और आप इसे घर पर भी कर सकते हैं. इसे कभी भी किया जा सकता है.

ऐसे करें पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग-

  1. नाक से धीरे-धीरे सांस लें.
  2. अपने होठों को गोल सिकोड़ें, पाउट की तरह या जैसे मोमबत्ती बुझाते वक्त होंठों का आकार होता है.
  3. धीरे-धीरे जितना संभव हो मुंह से सांस बाहर निकालें. ये सांस लेने में लगे समय से दोगुना होना चाहिए.
  4. इसे दोहराएं.

3. रिब स्ट्रेच

रिब स्ट्रेच में रिब्स यानी पसलियों को खींचना और फैलाना होता है, जो आपके लंग्स को जितनी ज्यादा हो सके हवा अंदर ले जाने में मदद करता है.

नियमित रूप से प्रैक्टिस करने पर, तो रिब स्ट्रेच आपके लंग्स को ज्यादा हवा लेने और छोड़ने में मदद करते हैं और वो हवा जो ताजी न हो उन्हें लंग्स में जमा नहीं होने देते.
  1. इस लंग्स एक्सरसाइज के लिए आपको अपने कूल्हों पर अपने हाथों से खड़े होने की स्थिति में होना चाहिए.
  2. धीरे-धीरे सांस अंदर लें जब तक कि आपके लंग्स की क्षमता न खत्म हो जाए.
  3. अपनी सांस को 20 सेकंड तक रोकें या फिर जितने लंबे समय तक आराम से रोक सकें, इसे रोकें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें.
  4. आराम करें और फिर 3 बार दोहराएं.

4. स्टीम थेरेपी

स्टीम थेरेपी हवा के रास्तों को खोलने और बलगम निकालने में मदद करता है. ये थेरेपी एक प्रभावी अस्थायी समाधान हो सकता है.

5. कंट्रोल्ड कफिंग(Controlled coughing)

खांसी शरीर के लिए स्वाभाविक रूप से बलगम में फंसे विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का तरीका है. इसे एक एक्सरसाइज के तौर पर प्रैक्टिस करें.

  1. दोनों पैरों को जमीन पर सपाट रखते हुए, कंधों को रिलैक्स करते हुए कुर्सी पर बैठें.
  2. बाहों को पेट के ऊपर मोड़कर रखें.
  3. नाक के जरिये धीरे-धीरे सांस लें.
  4. हाथों से पेट को दबाते हुए,,धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें.
  5. सांस छोड़ते समय 2 या 3 बार खांसें और मुंह थोड़ा खुला रखें.
  6. नाक के जरिये धीरे-धीरे सांस लें.
  7. आराम करें और आवश्यकतानुसार दोहराएं.
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6. ग्रीन टी और एंटी इन्फ्लेमेट्री फूड का सेवन

सांस लेने के रास्तों में सूजन सीने में भारीपन और जकड़न महसूस कराती है. ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो लंग्स में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. ये कंपाउंड लंग्स टिश्यू को धुएं के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं.

इस सूजन को कुछ फूड आइटम भी कम कर सकते हैं. जैसे-

  • हल्दी
  • पत्तेदार साग
  • चेरी
  • ब्लू बैरीज
  • जैतून
  • अखरोट
  • फलियां
  • मसूर की दाल

इन टिप्स को न भूलें...

रोकथाम सबसे अच्छी दवा है. अपने लंग्स को स्वस्थ रखने के लिए इन टिप्स को आप जानते होंगे लेकिन वक्त है इसे अपनाने का.

तो एक बार पढ़ने के बाद इन्हें फॉलो करना मत भूलिएगा!

  • धूम्रपान बंद करें, और सेकेंड हैंड स्मोक या पर्यावरणीय स्मोक से बचें.
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं.
  • फ्लू वैक्सीन और निमोनिया वैक्सीन जैसे वैक्सीनेशन करवाएं. ये लंग्स के संक्रमण को रोकने और उनके अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है.
  • एक्सरसाइज करते रहें.
  • इनडोर एयर क्वॉलिटी पर ध्यान दें. इनडोर एयर फिल्टर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं और कृत्रिम सुगंध, मोल्ड, और धूल जैसे पॉल्यूटेंट्स को कम करें.

ध्यान दें-

लंग्स एक्सरसाइज आपके लंग्स के स्वास्थ्य में सुधार करने का काम करते हैं लेकिन अगर आपको लंग्स की पुरानी बीमारी है, तो एक्सरसाइज प्रैक्टिस शुरू करने से पहले अपने डाॉक्टर से सलाह लेना हमेशा एक अच्छा विचार होता है. इसके अलावा, एक्सरसाइज कभी भी रातोंरात परिणाम नहीं देते, इसलिए एक बार में नहीं बल्कि समय के साथ पॉजिटिव रिजल्ट देखने की उम्मीद करें. अंत में, आपके शरीर को सुनना अहम है, खासकर तब जब आप किसी बीमारी से जूझ रहें हों.

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