हर साल जून महीने का तीसरा रविवार फादर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. इस साल फादर्स डे 20 जून को पड़ा है.
पापा बच्चों के लिए सुपर हीरो होते हैं, ऐसा क्या है जो हमारे पापा हमारे लिए न कर सकें. फादर्स डे उस सम्मान और प्यार को जाहिर करने का दिन होता है, जो बच्चे महसूस करते हैं.
हालांकि, हम अक्सर यह ध्यान नहीं देते हैं कि जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे माता-पिता भी उम्रदराज होते हैं और उम्र के साथ उनकी काम करने की क्षमता घटने लगती है. शरीर कमजोर होता जाता है और इसलिए उनकी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है.
बुढ़ापे के साथ कई बीमारियों का रिस्क भी बढ़ने लगता है और जिनसे बचाव के लिए नियमित टेस्ट की जरूरत होती है. साथ ही, अगर आप पहले ही कुछ लक्षणों को नोटिस कर रहे हैं, तो ये टेस्ट बीमारी को गंभीर होने से रोकने में मदद कर सकते हैं.
यहां उन 5 मेडिकल टेस्ट की जानकारी दी जा रही है, जो आपके पिता की फिटनेस बनाए रखने में मदद करेंगे:
1. कोलेस्ट्रॉल: कोलेस्ट्रॉल पुरुषों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मेडिकल टेस्ट में से एक है. हाई कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग से जुड़ा हो सकता है, जिस पर लगाम न लगाना बहुत खतरनाक हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल की जरूरत होती है, ताकि ट्राइग्लिसराइड्स, गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता लगाया जा सके.
2. ब्लड प्रेशर: ब्लड प्रेशर टेस्ट यह जांचने के लिए किया जाता है कि किसी व्यक्ति का रक्त उसकी रक्त वाहिकाओं पर कितना दबाव डाल रहा है. स्फिग्मोमैनोमीटर नाम के उपकरण का इस्तेमाल करके ब्लड प्रेशर मापा जाता है.
यह एक महत्वपूर्ण टेस्ट है क्योंकि लो या हाई ब्लड प्रेशर इंसान के शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट डिजीज या स्ट्रोक जैसी चिकित्सीय स्थितियां हो सकती हैं, जबकि लो ब्लड प्रेशर बेहोशी, चक्कर आना और यहां तक कि व्यक्ति को कोमा में भी डाल सकता है.
3. डायबिटीज: एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर 5 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है. डायबिटीज में हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा (रक्त शर्करा का स्तर) आवश्यक स्तर से अधिक हो जाती है.
इसके होने के दो कारण हो सकते हैं-
एक कारण - हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर रहा है, जिसकी आवश्यकता है; और
दूसरा कारण - शरीर द्वारा उत्पादित इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.
4. बोन डेंसिटी टेस्ट: एक बोन डेंसिटी टेस्ट व्यक्ति के शरीर के प्रमुख हिस्सों, जैसे कूल्हे, एड़ी और कलाई में बोन मास को मापती है. विभिन्न मशीनों का उपयोग करके बोन डेंसिटी टेस्ट किया जा सकता है. इसमें कैल्शियम और अन्य अस्थि खनिजों के ग्राम को मापने के लिए एक्स-रे छवियों का उपयोग होता है. रीढ़ की हड्डियों, कूल्हे की हड्डियों और कभी-कभी कलाई की हड्डियों का टेस्ट किया जाता है.
5. प्रोस्टेट वृद्धि और कैंसर: यह एक जीवन रक्षक टेस्ट है, हालांकि इस टेस्ट में थोड़ी असुविधा हो सकती है. लेकिन आपको बता दें कि 6 में से 1 पुरुष प्रोस्टेट वृद्धि और कैंसर से पीड़ित है.
जैसे-जैसे पुरुष बूढ़े होते हैं, उनका प्रोस्टेट आमतौर पर बड़ा हो जाता है, लेकिन किसी भी प्रकार की असामान्यताओं के लिए इस वृद्धि की समय पर जांच की जानी चाहिए क्योंकि इससे यूरिन पास करने और यूरिनरी रिटेंशन में समस्या हो सकती है.
इसमें दो टेस्ट शामिल हैं- एक डिजिटल रेक्टल टेस्ट है, जिसका इस्तेमाल प्रोस्टेट वृद्धि और असामान्यताओं की जांच के लिए किया जाता है. दूसरा एक PSA टेस्ट है, जो किसी व्यक्ति के ब्लड में प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन की तलाश करता है.
अपने पिता की सेहत के लिए रूटीन चेकअप सुनिश्चित करने के साथ ही उनके साथ रोजाना एक्सरसाइज, उनके खानपान का ख्याल और उनके साथ समय बिता कर भी उनकी फिटनेस और खुशी बढ़ाई जा सकती है.
तो इंतजार किस बात का है? ध्यान दीजिए कि आपके पिता अपनी सेहत के हिसाब से जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाते हैं या नहीं.
(श्री समीर भाटी स्टार इमेजिंग और पैथ लैब्स के डायरेक्टर हैं. ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां कोई चिकित्सीय सलाह नहीं दी जा रही है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए 'फिट' आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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