ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID-19 की तरह TB के मरीज की छोड़ी गई सांस से भी संक्रमण का रिस्क: स्टडी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं की एक स्टडी में बताया गया है कि COVID-19 की तरह ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी का इन्फेक्शन भी एरोसॉल ट्रांसमिशन के जरिए हो सकता है. एरोसॉल बेहद सूक्ष्म ड्रॉपलेट होते हैं, जो हल्के होने के नाते हवा में रह सकते हैं.

केप टाउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लंग हेल्थ पर 52वें यूनियन वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में इस अध्ययन के बारे में बताया, जो 19-22 अक्टूबर के बीच ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टीम ने दिखाया कि एक संक्रमित व्यक्ति से निकलने वाले लगभग 90 प्रतिशत टीबी बैक्टीरिया बेहद छोटी बूंदों से फैल सकते हैं, जिसे एरोसॉल कहते हैं और ये बूंदें व्यक्ति द्वारा गहराई से सांस छोड़ने के दौरान निकलती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अध्ययन में हाल के निष्कर्षों को दोहराया गया कि COVID-19 करने वाले SARS-CoV-2 वायरस के साथ MERS-CoV, इन्फ्लूएंजा, खसरा और राइनोवायरस जो सामान्य सर्दी का कारण बनते हैं, ये सभी एरोसॉल के माध्यम से फैल सकते हैं और किसी बंद जगह की हवा में घंटों तक रुकते हैं.

स्टडी के नतीजे प्रस्तुत करने वाले केप टाउन यूनिवर्सिटी के स्नातक छात्र रयान डिंकले ने NYT से कहा, "हमारा मॉडल सुझाव देता है कि हकीकत में, एरोसॉल बनना और टीबी इन्फेक्शन होना लक्षणों पर निर्भर नहीं करता है."

हालांकि स्टडी इस बात से इनकार नहीं करती है कि टीबी का ट्रांसमिशन डॉपलेट के जरिए होता है- एक बार आई खांसी से एक सांस के मुकाबले ज्यादा बैक्टीरिया निकलते हैं.

डिंकले ने कहा,

"लेकिन अगर एक संक्रमित व्यक्ति प्रतिदिन 22,000 बार सांस लेता है, जबकि 500 बार खांसता है, तो एक संक्रमित रोगी द्वारा उत्सर्जित कुल बैक्टीरिया का 7 प्रतिशत खांसी के जरिए निकलता है."

यह खोज यह समझाने में मदद करती है कि क्यों इनडोर जगहों, जैसे कि जेल वगैरह में अक्सर टीबी के मामले बढ़ते हैं और यही बात कोविड के लिए भी है.

इसके अलावा, अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि मास्क, खुली खिड़कियां या दरवाजे जैसे कोविड संचरण को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपाय टीबी को सीमित करने में महत्वपूर्ण हैं.

टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है, जो आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पिछले हफ्ते आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2021 ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत का कारण बनने वाली टीबी कोरोना के बाद दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी है.

WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना ने टीबी पर की गई प्रगति को पीछे धकेल दिया है क्योंकि महामारी ने दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवा और आपूर्ति तक पहुंच को बाधित कर दिया. 2020 में, 58 लाख लोगों में टीबी का पता चला, लेकिन WHO का अनुमान है कि लगभग 1 करोड़ लोग असल में संक्रमित हुए.

(इनपुट- आईएएनएस)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×