दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है. लोग घर से निकलते वक्त फेस मास्क को साथ में लेना नहीं भूलते. सीपीसीबी (Central Pollution Control Board) के हिसाब से दिल्ली में 4 नवंबर, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया, जो चिंता का विषय है और ये लोगों के स्वास्थ पर भी काफी बुरा प्रभाव डाल रहा है.वायु प्रदूषण कई स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हुआ है, जैसे कैंसर, समय से पहले मृत्यु और हृदय की समस्याएं. ऐसे में कौन सा मास्क हमारे लिए सही है जो खतरनाक प्रदूषण से हमें बचाए.
PM 2.5 सबसे खतरनाक
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में डॉ. एम एस कंवर ने धूल के महीन कणों को बेहद खतरनाक बताया.
कणों का आकार स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा करने की उनकी क्षमता से सीधे जुड़ा हुआ है. महीन कण (PM 2.5) सबसे बड़ा स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं, क्योंकि वे फेफड़ों और यहां तक कि रक्तप्रवाह में भी प्रवेश कर सकते हैं.डॉ एम एस कंवर, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स
दिल्ली NCR के बिगड़ते हालात, विशेषज्ञों की क्या सलाह?
दिल्ली में 3 करोड़ से ज्यादा नागरिक निवास करते हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंची हुई है. लोगों को सांस लेने में भी बहुत मुश्किल हो रही है. विशेषज्ञों की सलाह है कि FFP1 मास्क, N95 मास्क और Cartridge सबसे ज्यादा प्रभावी माने जाते हैं, और हवा के जरिए महीन कणों को सांस लेते समय सीमित करने में सहायक होता है.
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर भयानक रूप से उच्च हो गया है, जिससे लोग सांस लेते वक्त हांफ रहे हैं.डॉ राजकुमार, वरिष्ठ सलाहकार, आंतरिक चिकित्सा, इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमित रूप से खतरनाक प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, उनके लिए 95 फीसदी फिल्ट्रेशन रेट एफएफपी1 मास्क एक समझदारी भरा निवेश हो सकता है. यदि नहीं, तो N95 मास्क पहनने से अच्छी सुरक्षा मिल सकती है,
एन 95 और कारतूस मास्क का उपयोग वायु प्रदूषण से बचाने के लिए किया जा सकता है.डॉ सुदर्शन के एस, सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट, फोर्टिस अस्पताल, कनिंघम रोड, बैंगलोर
उन्होंने बताया कि कपड़ा, N95 और कार्ट्रिज मास्क कैसे काम करते हैं. कपड़े का मास्क नाक और मुंह को ढंकने का एक तरीका है. यह किसी भी कण और ठोस पदार्थ से बचाता है और यह धोने के बाद दुबारा प्रयोग में लाया जा सकता है.
"हालांकि, वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को रोकने में कपड़े के मास्क महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते हैं."
दूसरी ओर, N95 मास्क, हानिकारक PM2.5 पदार्थ और अन्य प्रदूषकों के 95 प्रतिशत को फ़िल्टर करता है, विशेषज्ञ ने कहा, N95 मास्क एक बार उपयोग के लिए है.
डॉ सुदर्शन ने कहा कि "कारतूस अधिक कुशल फिल्टर हैं जिनका उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों और अग्निशामकों में हानिकारक गैसों से बचाने के लिए किया जाता है. वे पुन: प्रयोज्य हैं ”
N95 मास्क सबसे प्रभावी हैं क्योंकि वे PM2.5 हवा को छानते हैं. कपड़े और सर्जिकल मास्क के साथ मुद्दा यह है कि वे जोखिम को कम कर सकते हैं, लेकिन छोटे कणों के आकार और तंग फिट की कमी के कारण, वे पर्याप्त सुरक्षा नहीं देते हैं.डॉ रवींद्र मेहता, वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल्स, बैंगलोर
हालांकि, मास्क वायु प्रदूषण के खिलाफ 100 प्रतिशत फिल्टर नहीं करते हैं. डॉ राजकुमार ने कहा. "सभी मास्क पार्टिकुलेट को बाहर रखने के लिए एक ढाल के रूप में काम करते हैं."लेकिन, प्रत्येक की क्षमता दूसरे से अलग होती है. एन95 जैसे हवा के कणों को आपके शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए मास्क का रखरखाव महत्वपूर्ण है.
वायु प्रदूषण से बचाव के तरीके
मास्क लगाते समय अपने मुंह और नाक को ढकें
जब उपयोग में न हो तो अपनी ठुड्डी पर मास्क पहनने से बचें
अपने मास्क को नियमित रूप से धोने और हवा में सुखाने का ध्यान रखें
मास्क पहनते समय उसे नियमित रूप से छूने से बचना चाहिए
आपका मास्क एक एयरटाइट कंटेनर में या किसी अलग जगह पर रखें
हाथ धोने से पहले कभी भी अपना मास्क न उतारें
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