पतंजलि आयुर्वेद ने COVID-19 के लिए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल और श्वासारि लॉन्च की है. योग गुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि ये कोरोना की एविडेंस बेस्ड पहली आयुर्वेदिक औषधि है.
आज हम ये कहते हुए गौरव अनुभव कर रहे हैं कि कोरोना की पहली आयुर्वेदिक, क्लीनिकली कंट्रोल्ड ट्रायल, एविडेंस और रिसर्च आधारित दवाई पतंजलि रिसर्च सेंटर और NIMS के संयुक्त प्रयास से तैयार हो गई है.बाबा रामदेव
हालांकि ये दावा कहां तक और कितना सही है, इस बारे में कुछ भी साफ नहीं है.
आयुष मंत्रालय या इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पतंजलि के दावों का समर्थन नहीं किया है. सरकारी अधिसूचनाओं में सरकार की मंजूरी के बिना औषधीय उत्पादों और इलाज के विज्ञापन पर सख्त प्रतिबंध है.
आयुष मंत्रालय ने कहा, "मंत्रालय को इस वैज्ञानिक अध्ययन के दावे और बाकी डिटेल की जानकारी नहीं है."
पतंजलि से इस दवा और रिसर्च से जुड़ी जानकारी और डिटेल शेयर करने के साथ ही कन्फर्मेशन होने तक इस तरह के दावों का विज्ञापन / प्रचार करने से रोकने के लिए कहा गया है.
वहीं योग गुरु रामदेव ने दवा लॉन्च करते वक्त कहा कि इस दवाई पर दो ट्रायल किए गए हैं, क्लीनिकल केस स्टडी में 280 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें 100 प्रतिशत मरीजों की रिकवरी हुई. कोई मौत नहीं हुई और कोरोना के कॉम्प्लिकेशन पर काबू पाया गया.
रामदेव के मुताबिक 100 लोगों पर (जिसमें 95 लोग शामिल हुए) क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल में 69 प्रतिशत रोगी 3 दिन में ठीक हो गए और 7 दिन के अंदर 100 प्रतिशत रोगी ठीक हो गए.
हालांकि किसी दवा के टेस्ट के लिए ये एक बहुत छोटा सैंपल साइज है.
कोरोना के गंभीर रोगियों पर नहीं हुआ है ट्रायल
लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक
पतंजलि के क्लीनिकल ट्रायल में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया गया, जिनमें बीमारी के गंभीर लक्षण थे, एक्युट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम वाले मरीजों और दूसरी बीमारियों के कारण जिनकी जीवन प्रत्याशा 1 साल से कम थी.
दवा की लॉन्चिंग के दौरान भी बताया गया कि ट्रायल में हल्के से औसत लक्षण वाले लोग शामिल हुए थे.
कोरोना के हल्के और औसत लक्षण वाले मामलों में रिकवरी की ज्यादा संभावना रहती है.
पतंजलि ने जो कोरोना किट लॉन्च की है, उसमें कोरोनिल और श्वासारि वटी के अलावा अनु तेल भी है, जल्द ही ये इस किट के देश भर के पतंजलि स्टोर में मिलने की बात कही गई.
श्वासारि से रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता है. यह दवा सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार को भी एक साथ डील करती है. वहीं कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा है, जो हमारी इम्युनिटी को पुष्ट करते हुए डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट को नियंत्रित करता है.योग गुरु रामदेव
रामदेव का दावा है कि इस दवा से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है. हालांकि अब तक किसी दवा को कोरोना के इलाज या बचाव के तौर पर मंजूरी नहीं मिली है. दुनिया भर में फिलहाल ट्रायल चल रहे हैं.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोई भी दवा मेडिकल एक्सपर्ट से कंसल्ट करने के बाद ही ली जाए खासकर कोरोना वायरस से फैली इस महामारी के दौरान हमें और सतर्क रहने की जरूरत है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)