कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के मामले बढ़ने के साथ ही हमारे ज़हन में कोरोनावायरस और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं.
क्या मुझे न्यूजपेपर पढ़ने के लिए सर्जिकल दस्तानों का इस्तेमाल करना चाहिए? क्या प्याज छूने से हमें कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा है? इस दूध के पैकेट को कितने लोगों ने छुआ होगा? अगर किसी ने खांस दिया होगा तो? वो बन्दा इतने पास क्यों खड़ा है?
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी बताती है कि कोरोनावायरस किसी कार्डबोर्ड पर 24 घंटे तक रह सकता है, प्लास्टिक या स्टील पर 48 से 72 घंटे तक. ऐसे में लोगों को शॉपिंग करने निडर होकर जाना चाहिए? इस लॉकडाउन के समय में आवश्यक चीजों के लिए खरीदारी करके ही घर में हो रही जरूरी चीजों की कमी पूरी करना एक मात्रतरीका है. (जाहिर है आप खुद को भूखा नहीं रख सकते). लेकिन आप ये कैसे करेंगे, जिससे आप वायरस से महफूज रहें और डर भी न महसूस करें?
दूध का पैकेट, किराने की चीजें और अखबार– कोरोनावायरस से कैसे रखें खुद को महफूज
आपका सब्जी वाला अगर थोड़ा बीमार हो तो (अगर वो बीमार है, तो उसे घर पर आराम करना चाहिए) वो पूरे ठेले पर खांस और छींक देता है और वो छींट टमाटर के कुछ हिस्से पर पड़ जाती है. और आप उन्हीं टमाटर को लेकर घर आ जाते हैं, उन टमाटर का सलाद बनाने फैसला करते हैं और हाथ और उन्हें बिना धोए खा लेते हैं.
सबसे पहले, आप इस बात पर ध्यान दीजिए कि सब्जी वाले के उस पर छींकने और आपके सलाद बनाने और उसे खाने के बीच कितना वक्त गुजरा?
जब वायरस मानव शरीर से बाहर के पर्यावरण में होता है, तो हर सेकंड के साथ कमजोर होता जाता है.
दरअसल NEJM की स्टडी भी बताती है कि कोरोनावायरस की हाफ-लाइफ स्टेनलेस स्टील पर 5.6 घंटे और प्लास्टिक पर 6.8 घंटे होती है. हाफ-लाइफ एक वैज्ञानिक शब्द है, जिसके जरिए हम ये जानते हैं कि किसी वायरस का असर कितने देर में आधा होता है, फिर कितनी देर में उसका आधा होता है और इसी तरह वो आखिरकार कितनी देर में पूरी तरह समाप्त हो जाता है.
दूसरी बात ये है कि स्टडी में कोई सबूत नहीं मिला है कि किसी सतह पर वायरस जिस मात्रा में मौजूद होता है, वो इंसान को संक्रमित करने के लिए काफी हो.
अभी, इस दावे का समर्थन करने के लिए वैज्ञानिकों के पास कोई सबूत नहीं है कि किसी सतह पर मौजूद कोरोनावायरस लोड मनुष्य को संक्रमित करने के लिए काफी है. हां, लैब में ये वायरस कार्डबोर्ड, प्लास्टिक और मेटल पर कई घंटे से लेकर दिनों तक रहा. लेकिन लैब से बाहर की दुनिया में किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए वायरस कितनी देर तक रहते हैं, इसके बारे में नहीं पता.डॉ ओम श्रीवास्तव, निदेशक, संक्रामक रोग, जसलोक अस्पताल, मुंबई
जरूरी नहीं है कि एक लैब के नतीजे हमेशा असल जिंदगी के हालात के मुताबिक रिजल्ट दें क्योंकि बाहर की गर्मी, अल्ट्रावायलेट किरणें, नमी जैसे फैक्टर भी हैं. पर्यावरण में मौजूद ये फैक्टर वायरस पर क्या असर डालेंगे, इसका अंदाजा नहीं है.
डॉ राजीव डांग के अनुसार जो कि मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर डायरेक्टर हैं.
संक्रमित चीजों से संक्रमण होने का जोखिम बहुत कम है, आप इसे हाथ की सफाई रख के कम कर सकते हैं. अपने आंख, कान, मुंह और नाक को छूने से बचें, मास्क पहनें और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें.डॉ राजीव डांग
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDD) को अभी तक सर्फेस या ग्रॉसरी के जरिए कोरोनावायरस के फैलने की एक भी घटना नहीं मिली है. CDC के मुताबिक मुख्य रूप से इसका संक्रमण इंसानों-से-इंसानों में फैलता है. इसलिए, आपको अखबार और किराने की चीजों से असल खतरा नहीं है.
महामारी के दौरान खरीदारी और सफाई का ख्याल कैसे रखें
मैं आपको एक मेडिकल थ्योरी के जरिए समझाती हूं. बहुत सारे घटक बीमारियों की वजह बनते है. किसी संक्रमण के फैलने में बहुत सारे कारकों का एकसाथ योगदान होता है.
अगर COVID-19 पॉजिटिव सब्जी वाले ने सब्जियों पर छींका है और आप ठीक उसी टमाटर को छू देते हैं, जहां छींक की ड्रॉपलेट्स गिरी थीं. आप खाने से पहले अपने हाथों या ग्रॉसरी को नहीं धोते हैं, आप गंदे हाथों से मुंह और नाक छूते हैं और आप संक्रमित हो जाते हैं.
इसकी बहुत कम संभावना है कि संक्रमण के फैलने में ये सारी चीजें एक साथ हों. वहीं अगर आप अपना हाथ अच्छी तरह धो लें, ग्रॉसरीज को अच्छी तरह धो लें. अपने संक्रमित हाथों से मुंह, आंख, नाक को छूने से बचें तो सब्जियों, समाचार पत्रों या ग्रॉसरी पर मौजूद वायरस आपको बीमार करने के लिए काफी नहीं हैं.
ये बहुत हद तक मुमकिन है कि आप कोरोनावायरस का चेन तोड़ दें. यहां जानिए ये आप कैसे कर सकते हैं.
घर से बाहर निकलना कम कर दें और अगर बाहर निकलना भी है तो अपने बच्चों को साथ नहीं ले जाएं. चाहे वो घर में कितना भी बोर क्यों न हो रहे हों. बच्चे कीटाणुओं की फैक्ट्री होते हैं क्योंकि उन्हें हर चीज को छूना अच्छा लगता है और फिर वो उन्हें अपने मुंह में भी डालते हैं.
बाहर निकलने से पहले खरीदने वाली चीजों की लिस्ट बना लें ताकि आप स्टोर में जाकर इधर-उधर न भटकें और समय बर्बाद न करें.
जब आप बाहर हों तो अपने मोबाइल फोन को टच करने से जितना हो सके बचें. मोबाइल फोन भी कीटाणुओं का कैरियर होता है.
आपको इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देना है कि आप लोगों से दूरी बनाएं रखें और मास्क पहनें.
बाहर अगर आप किसी भी चीज को छूते हैं तो उसके बाद खाने से पहले हाथ अच्छे से जरूर धोएं.
कम के कम दिन में एक बार अपने वॉलेट, हैंड बैग, फोन, दरवाजे के नॉब, चाबी, गाड़ी की स्टेयरिंग व्हील, और वो सारी चीजें जो आप दिन में ज्यादातर छूते हैं, उन्हें डिसइन्फेक्ट करें.
पार्सल, सब्जी और दूसरी चीजों को घर के अंदर लाने से पहले कुछ घंटों तक बाहर धूप में रखें.
दूध के पैकेट को डिसइन्फेक्ट करने की जरूरत नहीं है, अगर आप पैकेट को अपने मुंह में नहीं लेते हैं तो क्योंकि अगर डिसइन्फेक्टेंट दूध के साथ मिल जाता है तो ये बहुत खतरनाक होता है. इसलिए किसी साफ बर्तन में दूध को डाल लें और पैकेट को फेंक दें. बाहर से आए खाने के सामान के साथ भी यही करें.
सब्जी और फल को खूब अच्छे से धो लें, जैसा कि आप हमेशा करते हैं. उसे डिसइन्फेक्टेंट में डालने की कोई जरूरत नहीं, ये सिर्फ आपके हाथ और घर के फर्श के लिए हैं. अगर ये खाने की चीज में मिल जाते हैं तो आप बीमार पड़ सकते हैं. कम से कम इस वक्त आप फूड-इन्फेक्शन के शिकार होने से तो बचें ही.
मैं अपने पैर से दरवाजे खोलती हूं और लिफ्ट के बटन को अपने केहुनी से पुश करती हूं. मुझे लगता है कि महामारी के दौरान की मेरी ये आदत हमेशा रहेगी.
महामारी में एहतियात बरतना हमेशा अच्छा होता है.अपने परिवार के लिए इन चीजों को बार- बार दोहराते रहें. सारी चीजों को लिख लें या कोई निशान बना लें. ये हेल्थ इमरजेंसी का समय है, इसलिए बेहतर है कि आप कम के बजाए ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें. जो करना आवश्यक है, लेकिन किसी भी हालत में अपने चहरे को न छूएं.
(डिसक्लेमर - इस वायरस के बारे में अभी बहुत सारी चीजें नहीं पता हैं. कोविड-19 के लिए जो सिफारिशें हैं, वो नई जानकारी के आधार पर अपडेट की जाती हैं. भविष्य में इस बारे में किसी भी दिशा-निर्देश के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वेबसाइट को देखते रहें.)
(निकिता मिश्रा एक जर्नलिस्ट हैं, जिन्हें मेडिकल रिपोर्टिंग में 10 वर्षों का अनुभव है.)
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