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COVID-19: कोरोना के सामान्य लक्षण से लेकर गंभीर लक्षणों की पहचान

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इसकी शुरुआत बुखार और सूखी खांसी से हुई थी.

और फिर गले में खराश व गंध का अहसास खत्म हो जाना आया.

इसके बाद सांस लेने में तकलीफ, भ्रम (delirium) और यहां तक कि स्ट्रोक भी इसमें शामिल हो गया.

क्या यह कोविड है या सिर्फ आम वायरल बुखार?

कोविड के लक्षण कहां से शुरू होते हैं और कहां खत्म होते हैं?

बहुत से, खासकर नौजवान स्वस्थ लोग, हो सकता है किसी भी लक्षण का अनुभव न करें, लेकिन किसी और में कई लक्षणों का मेल अलग स्तर का दिख सकता है.

यहां सभी पुराने और नए लक्षण शामिल किए गए, आम और दुर्लभ कोविड लक्षण हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए.

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कोरोना के सबसे आम लक्षण

दुनिया भर की हेल्थ अथॉरिटीज ने बुखार, गले में खराश और सूखी खांसी को कोविड-19 के सबसे आम और शुरुआती लक्षणों में शामिल किया है.

ये कोविड की पहचान से जुड़े शुरुआती लक्षण थे और दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखे गए लक्षणों में शामिल हैं.

दूसरे बहुत से आम लक्षण जो बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लक्षणों की लिस्ट में शामिल किए गए:

  • शरीर में दर्द
  • थकान
  • दस्त
  • सिरदर्द
  • स्वाद खत्म हो जाना या गंध नहीं मिलना

जून 2020 में पहली बार कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षणों में गंध नहीं मिलने और स्वाद नहीं आने को जोड़ा गया. ये लक्षण कोविड के मरीजों में इतने आम हैं कि इन्हें बीमारी की पहचान के लक्षण के बजाय बीमारी का निर्धारक मान लिया जाता है.

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार ये लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, और धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं.

दूसरे संक्रमण से कोविड को अलग करना

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंशु रोहतगी ने पहले के एक लेख में फिट से कहा था, “सिर्फ स्वाद नहीं आना और गंध नहीं मिलना सेल्फ-आइसोलेशन के लिए पर्याप्त वजह नहीं है. ये लक्षण आमतौर पर तमाम वजहों से दूसरे इन्फ्लूएंजा और फ्लू में भी देखे जाते हैं.”

यही बात दूसरे आम लक्षणों के मामले में भी लागू होती है, जैसे गले में खराश और खांसी दूसरे इंफेक्शनों में भी होते हैं.

यही वजह है कि इन लक्षणों की शुरुआत के क्रम पर भी विशेषज्ञ ध्यान देते हैं.

लक्षणों की शुरुआत का पैटर्न जुकाम या फ्लू से कोविड-19 इंफेक्शन को अलग करने में मददगार हो सकता है.

फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि इन्फ्लूएंजा की शुरुआत आमतौर पर खांसी से होती है, जबकि कोविड-19 का पहला लक्षण बुखार है.

अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार अगर आपको बुखार होता है, बुखार के बाद आपको कोरोना के बताए एक या एक से ज्यादा लक्षण दिखते हैं और आप किसी ऐसी गतिविधि में शामिल हुए हैं, जिसमें आप संभावित रूप से 6 फुट की दूरी के अंदर (15 मिनट के लिए) संभावित संक्रमित शख्स के संपर्क में आए हैं, तो आपको कोविड टेस्ट करा लेना चाहिए.
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ऐसे लक्षण जिन्हें शायद आप पहचान न सकें

बीते कुछ महीनों के दौरान जैसा कि हम इंफेक्शन और इसके रूपों को बेहतर तरीके से समझने लगे हैं, तमाम अध्ययनों में बीमारी से जुड़े अन्य लक्षणों के पैटर्न पाए गए हैं.

इनमें त्वचा पर चकत्ते, नींद से जागने में या जागे रहने में मुश्किल, मिचली, उल्टी और भूख न लगना शामिल हैं.

CDC के अनुसार कुछ लोगों में त्वचा, होंठ या नाखून में नीलापन दिखाई दे सकता है.

इसके अलावा, चूंकि इंफेक्शन मुख्य रूप से फेफड़ों पर असर करता है, इसलिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की वजह से इससे जुड़ी दूसरी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं, जिसमें जाहिर तौर पर असंबद्ध लगती दिल की समस्याएं भी शामिल हैं.

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खतरे की घंटी को पहचानें अगर ...

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि ऊपर बताए लक्षणों में से कोई भी गंभीर हो सकता है.

इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पुरजोर ढंग से सलाह देता है कि अगर आपको यहां आगे बताए कोई भी गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो फौरन मेडिकल मदद हासिल करें.

  • सांस लेने में परेशानी
  • सीने में दर्द या दबाव
  • बोलने या चलने-फिरने में मुश्किल

कुछ और कम दिखने वाले लेकिन गंभीर लक्षणों में शामिल हैं,

  • भ्रम का शिकार (Delirium)
  • फालिज (Paralysis)
  • जागने या जागे रहने में मुश्किल

कुछ गंभीर मामलों में, कोविड में असामान्य रूप से खून के थक्के जम सकते हैं, जिससे मौत भी हो सकती है. इससे मरीज को स्ट्रोक का भी रिस्क है, भले ही उसे दूसरे लक्षण हल्के हों.

बुजुर्गों और हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की समस्याओं या डायबिटीज जैसी स्थायी बीमारी वाले लोगों को गंभीर बीमारी होने की ज्यादा आशंका है.
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बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

खुद अपना ख्याल रखने के अलावा कोविड-19 का कोई तय इलाज या ट्रीटमेंट नहीं है.

यह देखते हुए कि हम इस बारे में पूरी तरह निश्चित नहीं हो सकते कि इंफेक्शन कितना गंभीर रूप ले सकता है, और साथ ही लंबे समय तक रहने वाले लक्षण अभी भी काफी हद तक हमारे लिए एक पहेली हैं, बचाव ही सबसे समझदारी भरा रास्ता है.

जब भी आप वैक्सीन लगवाने के दायरे में आएं वैक्सीन लगवा लें, अपने हाथों को लगातार धोते रहें, अपने चेहरे को छूने से बचें, जरूरी नहीं होने पर बाहर सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें, और सोशल डिस्टेन्सिंग का ख्याल रखें और जब भी लोगों के बीच हों मास्क लगाए रहें.

विश्व स्वास्थ्य संगठन खांसने या छींकने वाले लोगों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखने की भी सलाह देता है.

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