COVID-19 एक ऐसी बीमारी है, जो SARS-CoV-2 नाम के कोरोना वायरस से होती है. चीन के वुहान में अचानक इसके मामले सामने आने के बाद दुनियाभर में ये तेजी से फैल गया.
ये वायरस अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम (साइनस, नाक और गला) और लोअर रेस्पिरेटरी सिस्टम (सांस की नली और फेफड़े) दोनों पर हमला करता है. इसमें संक्रमण सामान्य से लेकर जानलेवा भी होता है. यह दूसरे कोरोना वायरस की तरह ही खासकर आपसी संपर्क के जरिए फैलता है.
COVID-19 के लक्षण
- शरीर में दर्द
- गले में खराश
- बुखार
- सिर दर्द
- डायरिया
- खांसी
- सांस लेने में दिक्कत
- बहुत ज्यादा थकावट
- ठंड लगना
- स्वाद या सूंघने की क्षमता में कमी
- जी मिचलाना
अगर कोई इस वायरस से संक्रमित है, तो लक्षण 2-14 दिन में दिख सकते हैं. ये हर शख्स के मामले में उसकी इम्युनिटी के कारण अलग होता है.
अगर आप सिर दर्द और जुकाम जैसे मामूली लक्षण भी महसूस कर रहे हैं, तो सतर्क रहने की जरूरत है और ठीक होने तक घर पर ही रहें.
कोरोना वायरस टेस्ट कराने की सोच रहे हैं?
लक्षणों को पहचानें: अपने लक्षणों को पहचानें और इसकी तुलना कोविड-19 के लक्षणों से करें. अगर आप में कोरोना से जुड़े लक्षण लग रहे हैं, तो आपको कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए या हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए.
डायग्नोस्टिक सेंटर या कोविड लैब से संपर्क करें: टेस्ट के लिए जाने से पहले लैब से वो सभी पूछताछ करें जो आप वहां जाने से पहले जरूरी समझते हैं. टेस्टिंग के उस तरीके को तरजीह दें, जो सटीक रिजल्ट देता हो.
सुरक्षा/इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी: ऐसे डायग्नोस्टिक सेंटर का पता लगाएं, जो खासकर COVID-19 कलेक्शन के लिए हो, जहां सैंपल कलेक्शन के लिए अलग एरिया हो क्योंकि आपको नहीं पता कि कौन इन्फेक्टेड है या आपसे किसी को या आपको किसी से संक्रमण का खतरा हो सकता है.
सोशल डिस्टेन्सिंग: टेस्ट रिजल्ट आने से पहले तक आपको पता नहीं चलेगा कि आप वायरस से इन्फेक्टेड हैं या नहीं. इसलिए टेस्ट के लिए जाने से पहले और रिजल्ट निगेटिव आने तक हर किसी से दूरी बनाए रखना और जरूरी एहतियात बरतना बेहतर होगा.
कोरोना टेस्ट: सैंपल कलेक्शन के प्रकार
नैसोफैरिंजील सैंपल को मरीज की नाक से कलेक्ट किया जाता है, जबकि ओरोफैरिंजील सैंपल को मरीज के गले से कलेक्ट किया जाता है.
अगर टेस्ट तुरंत नहीं किया जा रहा हो, तो कलेक्ट किया गया सैंपल (स्वैब) एक सॉल्यूशन में रखा जाता है, ताकि उसे दूषित होने से बचाया जा सके.
पॉजिटिव या निगेटिव रिजल्ट के लिए सैंपल का आकलन और अध्ययन किया जाता है.
कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने पर डरने की जरूरत नहीं है. इसे लेकर घबराएं नहीं. इसके ज्यादातर मामले माइल्ड होते हैं और कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं.
खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए इस वायरस से जुड़े तथ्यों और जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों के बारे में जानें.
अगर आपका रिजल्ट कोरोना पॉजिटिव आए तो क्या करें
- आसपास के लोगों को इसकी सूचना दें. घर पर ही रहें, इससे दोस्तों, रिश्तेदारों और दूसरों लोगों में संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलेगी. आइसोलेशन के दौरान कोई आपके घर नहीं आना चाहिए. अपने घर में भी दूसरे लोगों से अलग कमरे में रहें और संभव हो, तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें.
- अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों से फोन, इंटरनेट या सोशल मीडिया के जरिए बात करते रहें. इससे आपको अपने हमदर्दों से जुड़े रहने और अपना ध्यान बंटाने में मदद मिलेगी.
- आपके संपर्क में आए लोगों को भी आइसोलेशन में रहना चाहिए या लक्षण दिखने पर टेस्ट कराना चाहिए.
- अगर लक्षण गंभीर हों (जैसे सांस लेने में दिक्कत) तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और जल्द से जल्द इलाज पाने की जरूरत होगी. आप कोविड-19 से निपटने के लिए निर्धारित लोकल हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं.
- हमेशा मास्क पहनें ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.
- जब तक पूरी तरह स्वस्थ न हो जाएं, अलग रहें.
इस वायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए आपके डॉक्टर और हेल्थकेयर अधिकारियों के जरिए भी सभी जरूरी जानकारी आपको दी जाएगी.
याद रखें, हमेशा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें, मास्क पहनें और अपने आसपास के लोगों से भी ऐसा ही करने को कहें. हमें खुद ही नोवल कोरोना वायरस के फैलने पर काबू पाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी.
(ये आर्टिकल स्टार इमेजिंग पैथ लैब के डायरेक्टर समीर भाटी ने लिखा है.)
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