दावा
भारत में कोरोना वायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के मामले बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस और इसके इलाज को लेकर कई तरह के भ्रम और गलत सूचनाएं भी बढ़ रही हैं.
हाल ही में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलू ने कहा, "दिन में तीन बार हल्दी और नमक के पानी से गरारा करें. ठंडे पानी की बजाए गर्म पानी पीएं. मैं डॉक्टर नहीं हूं लेकिन चीन में कई लोग हल्दी-नमक से गरारा कर और गर्म पानी पीकर ठीक हुए हैं."
इससे पहले फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने भी कहा था कि नींबू और हल्दी COVID-19 के खिलाफ कारगर है और हमने इस दावे की सच्चाई पता की थी.
क्या हल्दी-नमक से गरारा COVID-19 में असरदार है?
फिट ने इस सिलसिले में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी से बात की, उन्होंने कहा, "इन नुस्खों को COVID-19 का ट्रीटमेंट नहीं कहा जा सकता है. गले में दर्द या खांसी में थोड़ी राहत पाने के लिए लोग कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये COVID-19 का इलाज नहीं है."
उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की बातों से लोगों में कन्फ्यूजन होता है.
इससे पहले, गर्म पानी से COVID-19 को ठीक करने के दावे पर उन्होंने कहा था,
हालांकि गुनगुना पानी गले में खराश के दौरान फायदेमंद होता है और आमतौर पर कुछ लक्षणों से लड़ने में मददगार होता है. लेकिन ये कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है. कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है जो ये कहता हो कि गर्म पानी खासकर COVID-19 के खिलाफ असरदार हो.
क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे ने बताया कि वायरस वास्तव में शरीर को कैसे प्रभावित करता है. उन्होंने कहा, "वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमारे शरीर की कोशिकाओं में हेरफेर करता है और यह बीमारियों का कारण बनता है. हम सभी संक्रमण का स्रोत बन जाते हैं. इस तरह से मुंह की सफाई का ख्याल रखना हमेशा अच्छा होता है, लेकिन कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं है कि ऐसा करने से कोरोनावायरस का इलाज होता है."
फिट को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस दावे की पुष्टि हुई हो कि चीन में लोग हल्दी-नमक से गरारा कर ठीक हो रहे हों. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और चीनी अधिकारियों की ओर से भी इस तरह का कोई दावा नहीं किया है.
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