ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID, स्वाइन फ्लू या सीजनल फ्लू? ये एक-दूसरे से कितने अलग हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत के कुछ हिस्सों में अस्पतालों में– जहां कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में कमी की अभी शुरुआत ही हुई है– स्वाइन फ्लू (swine flu) और फ्लू जैसे (flu-like) लक्षणों के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है.

राजधानी दिल्ली में हाल में किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 41 फीसद घरों में कम से कम एक सदस्य में फ्लू जैसे लक्षण थे.

इसी सर्वे में यह भी पाया गया कि इनमें से 80 फीसद मामले सीजनल फ्लू (seasonal flu) के थे और 20 फीसद स्वाइन फ्लू के, और 0.1 फीसद से कम कोविड पॉजिटिव थे.

आप इन तीनों में किस तरह फर्क कर सकते हैं? फिट इसे यहां विस्तार से समझा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कम समय में समझने के लिए नीचे दिए हमारे सिम्प्टम ट्रैकर से शुरू करें.

स्वाइन फ्लू बनाम सीजनल फ्लू बनाम कोविड

सबसे पहले बुनियादी बातों पर झटपट एक नजर डालते हैं.

तीनों बीमारियां अलग-अलग वायरस से होती हैं, जो एक जैसा व्यवहार करते हैं और खासतौर से आपकी सांस की प्रणाली (respiratory system) पर हमला करते हैं.

स्वाइन फ्लू पहली बार अमेरिका में साल 2009 में मिला था, जहां वायरल संक्रमण सूअरों से इंसानों में फैला था.

मेयो क्लिनिक के मुताबिक यह फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस के H1N1 स्ट्रेन की वजह से होता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 11 जून 2009 को स्वाइन फ्लू को महामारी (pandemic) घोषित किया गया था और 10 अगस्त 2010 को इसके अंत की घोषणा की गई थी.

दूसरी ओर कोविड-19 की पहचान पहली बार चीन में हुई थी, यह SARS-CoV-2 वायरस से होता है और माना जाता है कि यह चमगादड़ों से इंसानों में आया.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 11 मार्च 2020 को वैश्विक महामारी (global pandemic) घोषित किया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID-19, स्वाइन फ्लू और सीजनल फ्लू इन्फेक्शन की तीव्रता

स्वाइन फ्लू और आम सीजनल फ्लू की तुलना में कोविड-19 बहुत ज्यादा संक्रामक है.

जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, 23 अगस्त 2021 तक दुनिया भर में कोविड के अनुमानित रूप से 21 करोड़ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं.

लेकिन कोविड मामले की फ्लू से तुलना मुश्किल है, क्योंकि स्वाइन फ्लू के वैश्विक मामलों का कोई भरोसेमंद आंकड़ा नहीं है, और दूसरी बात, फ्लू के मामले हमेशा रिपोर्ट या दर्ज नहीं किए जाते हैं.

COVID-19, स्वाइन फ्लू और सीजनल फ्लू से मौतें

अमेरिकी CDC (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के आकलन के मुताबिक स्वाइन फ्लू से दुनिया भर में 1,51,700 से 5,75,400 के बीच मौतें हुई हैं.

वहीं कोविड-19 से दुनिया भर में 23 अगस्त 2021 तक 44 लाख से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं.

स्वाइन फ्लू अब एंडेमिक (endemic) हो चुका है और सीजनल फ्लू के साथ मिल गया है, जो नियमित रूप से हर साल आता है.

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल फरीदाबाद के एडिशनल डायरेक्टर और पल्मोनोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. रवि शेखर झा कहते हैं, “हमने पाया कि स्वाइन फ्लू के मामले आमतौर पर हर बार एक साल के अंतराल के बाद बढ़ते हैं. ऐसा 2019 में हुआ था और यह अब हो रहा है, इसलिए यह अप्रत्याशित नहीं है.”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID-19, Swine Flu और सीजनल फ्लू के लक्षण

हालांकि तीनों इन्फेक्शन पूरी तरह अलग-अलग वायरस से होते हैं, लेकिन उनके लक्षण अजीब संयोग से एक जैसे हो सकते हैं, जिससे सिर्फ लक्षण के आधार पर उनकी पहचान करना मुश्किल होता है.

इनमें से किसी से भी इन्फेक्टेड लोगों में होने वाले सबसे आम लक्षण हैं,

  • बुखार

  • शरीर दर्द

  • थकान

  • सिरदर्द

  • नाक बहना

  • खांसी

  • गले में खराश

  • ठंड लगना

लेकिन लक्षणों के दिखने के तरीके में कुछ बारीक फर्क है.

“फ्लू और यहां तक कि स्वाइन फ्लू में भी लोगों को आमतौर पर अचानक और तेज बुखार महसूस होता है. कोविड के मामले में बुखार आमतौर पर एक स्तर पर बना रहता है और 101 या 102 डिग्री से ऊपर नहीं जाता.”
डॉ. रवि शेखर झा, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

कोविड-19 के कुछ खास लक्षण जो फ्लू के मामलों में मुश्किल से होते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • महक और स्वाद नहीं मिलना

  • सांस फूलना

  • शरीर पर चकत्ते

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड में उल्टी, मिचली और दस्त भी बहुत आम है, हालांकि ये फ्लू के कुछ गंभीर मामलों में भी हो सकते हैं (खासकर वयस्क लोगों में).

डॉ. रवि शेखर झा कहते हैं, “सीजनल फ्लू और स्वाइन फ्लू में छींक आना काफी आम है, जबकि यह कोविड-19 में बहुत कम है.”

कोविड-19 लंबे समय तक रहने वाले और देर से शुरू होने वाले लक्षण भी पैदा कर सकता है जिसे ‘लॉन्ग कोविड’ (long covid) कहा जाता है, रक्त के थक्के (blood clots) का खतरा और यहां तक कि कई अंगों को नुकसान (multiple organ damage) भी हो सकता है, ये सभी लक्षण फ्लू यहां तक कि स्वाइन फ्लू में भी नहीं होते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीमारी सामने आने में कितना समय लगता है?

US CDC के अनुसार स्वाइन फ्लू सहित इन्फ्लूएंजा वायरस से इन्फेक्टेड शख्स में आमतौर पर 1-4 दिन के भीतर लक्षण दिखना शुरू होते हैं.

कोविड-19 के मामले में लक्षण दिखने में इन्फेक्शन के बाद 5 -14 दिनों के बीच का समय लग सकता है.

इन्फेक्शन का पता लगाना

लक्षणों में बहुत ज्यादा एकरूपता होने की वजह से सिर्फ निश्चित टेस्ट ही बीमारी की पुष्टि कर सकते हैं.

इन तीनों वायरल इन्फेक्शन के लिए किए जाने वाले टेस्ट काफी हद तक एक जैसे हैं.

डॉ. रवि शेखर झा इसे समझाते हैं,

“टेस्ट के लिए गले और नाक के स्वैब का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका जीनोमिक सीक्वेंसिंग की मदद से विश्लेषण किया जाता है. टेस्ट में जो बात अलग है, वह यह है कि आप क्या पता लगाना चाहते हैं.”

आम सीजनल फ्लू से जुड़े कम जोखिम को देखते हुए आपका डॉक्टर आपको तब तक टेस्ट कराने के लिए नहीं कहेगा, जब तक कि आपको गंभीर समस्याएं न हों, अस्पताल में भर्ती न हों या फ्लू से जुड़ी समस्याओं का गंभीर खतरा न हो.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्रीटमेंट और वैक्सीन

कोविड के ज्यादा नुकसानदायक होने की वजहों में से एक यह है कि हमारे पास एक तयशुदा इलाज नहीं था और अभी भी नहीं है और हम कोशिशों के सहारे चल रहे थे. तीनों इन्फेक्शन में सिम्प्टम मैनेजमेंट (यथासंभव जल्द लक्षण की पहचान कर इलाज) सबसे आम तरीका है.

इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू: फ्लू में ज्यादातर मामलों में मरीज कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि कभी-कभी इन्फेक्शन गंभीर हो सकता है और निमोनिया सहित दूसरी गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है.

US CDC के अनुसार 5 साल से कम और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों में गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है.

ज्यादातर फ्लू, जिसमें स्वाइन फ्लू भी शामिल है, का एंटीवायरल फ्लू ड्रग्स (antiviral flu drugs) जैसे ओसेल्टामिविर फॉस्फेट (oseltamivir phosphate) देकर इलाज किया जा सकता है.

“ओसेल्टामिविर इन्फ्लूएंजा और यहां तक कि स्वाइन फ्लू के इलाज में भी अगर इन्फेक्टेड होने के 5 दिन के भीतर लिया जाता है, तो ज्यादा असरदार होती है.”
डॉ. रवि शेखर झा, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

कोविड-19: हालांकि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल (monoclonal antibody cocktails) जैसे कुछ ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं, लेकिन वे बहुत सीमित मामलों में ही असरदार पाए गए हैं.

फ्लू और कोविड-19 दोनों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं. डॉ. झा कहते हैं, “सालाना इन्फ्लूएंजा वैक्सीन स्वाइन फ्लू को रोकने में भी उतनी ही असरदार पाई गई है.”

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×