उत्तर प्रदेश में कोरोना की वैक्सीन को लेकर तैयारियां चल रही हैं. वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन बनाने से लेकर वैक्सीन को लगाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते तक वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
इन तैयारियों पर यूपी के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश दुबे ने फिट से बताया, “वैक्सीन को लेकर हमने पूरी तैयारी कर ली है. पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगनी है. इनकी संख्या करीब 7 लाख 83 हजार है. वैक्सीन लगाने के लिए करीब 70 हजार वैक्सीनेटर्स को ट्रेन किया जा रहा है.”
डॉ. राकेश दुबे ने 16 दिसंबर को एक आदेश भी जारी किया है. इस आदेश में लिखा है, ‘जनवरी की शुरुआत में कोविड वैक्सीन लगाना प्रस्तावित है जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है. ऐसे में महानिदेशालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी की छुट्टियां निरस्त की जाती हैं.’
वैक्सीन आने के बाद यूपी में तीन चरणों में वैक्सीन लगाए जाने की योजना है.
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मी, दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स और तीसरे चरण में 50 साल से ऊपर के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
पहले चरण में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, लैब असिस्टेंट, लैब टेक्नीशियन, क्लास फोर्थ कर्मचारी और एंबुलेंस ड्राइवर को वैक्सीन लगाई जाएगी.
वैक्सीन के स्टोरेज के लिए 35 हजार केंद्र
यूपी में वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन बनाई जा रही है. इसके लिए करीब 35 हजार केंद्र बनाए गए हैं. इस बारे में यूपी के अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल ने 12 दिसंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“वैक्सीन के आने पर उसके स्टोरेज की उसके कोल्ड चेन की और वैक्सीनेटर की व्यवस्था सरकार द्वारा अभी से प्रारंभ कर दी गई है. वैक्सीनेटर्स की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. कोल्ड स्टोर और कोल्ड चेन बनाने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है. लगभग 35 हजार जगह स्टोरेज के लिए केंद्र बनाए जाएंगे. सभी स्थानों पर कोल्ड चेन बनाने का काम लगभग हो गया है.”
यूपी की राजधानी लखनऊ के ऐशबाग में भी वैक्सीन के लिए एक कोल्ड स्टोर (डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर) तैयार किया जा रहा है. यहीं से लखनऊ के अलग-अलग केंद्रों तक वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. यहां वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री टेम्परेचर में रखने के लिए 4 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर आ चुके हैं. इसी तरह के कोल्ड स्टोर पूरे प्रदेश में बनाए जा रहे हैं.
‘जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते से वैक्सीन लगने की उम्मीद’
लखनऊ के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और लखनऊ में कोरोना वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने फिट से बताया, “लखनऊ में पहले चरण में 55 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. उम्मीद है जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह से वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा. हम कोल्ड स्टोरेज लगभग तैयार कर चुके हैं. अब वैक्सीनेटर्स की ट्रेनिंग शुरू हो गयी है. गाइडलाइन के मुताबिक जहां वैक्सीन लगेगी वहां वेटिंग रूम, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जरवेशन रूम होगा."
तीन रूम के इस प्रोसेस को समझाते हुए डॉ. एमके सिंह ने बताया:
जिसे भी वैक्सीन लगनी है वह सेंटर पर आकर अपनी पहचान की प्रकिया पूरी करेगा.
अगर उसका नाम लिस्ट में है तो उसे वेटिंग रूम में भेजा जाएगा.
यहां से जब उसकी बारी आएगी तो वैक्सीनेशन रूम में जाने दिया जाएगा, जहां उसे टीका लगेगा और
आखिर में उसे ऑब्जरवेशन रूम में 30 मिनट बिठाया जाएगा.
अगर इस बीच उस व्यक्ति को कोई दिक्कत होती है तो उसकी देखभाल के लिए टीम मौजूद रहेगी. पहले चरण का टीका लगने के बाद इन लोगों को 28 दिन बाद दूसरा टीका लगेगा.
लखनऊ की तरह यूपी के अलग-अलग जिलों में पहले चरण के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की लिस्ट तैयार की गई है, जैसे - गाजियाबाद में करीब 25 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टिके लगेंगे तो गोरखपुर में करीब 23 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे.
इसी तरह अलग-अलग जिलों से कुल मिलाकर यूपी में 7 लाख 83 हजार लोगों को टीके लगने हैं.
वैक्सीन के लिए इंसुलेटेड वैक्सीन वैन
वैक्सीन को डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर से जिलों के अलग-अलग केंद्रों तक पहुंचाने के लिए इंसुलेटेड वैक्सीन वैन का इस्तेमाल किया जाएगा.
डॉ. एमके सिंह बताते हैं,
“इंसुलेटेड वैक्सीन वैन खास तरह की वैन है. इसे ऐसे बनाया गया है कि इसमें हवा न बाहर जा सकती है, न ही बाहर से हवा अंदर आ सकती है. इसी वैन से वैक्सीन को अलग-अलग केंद्रों पर पहुंचाया जाएगा.”
भारत में कब आएगी वैक्सीन?
यूपी में वैक्सीन से जुड़ी इन तैयारियों का परिणाम तभी देखने को मिलेगा जब भारत में किसी वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी. फिलहाल कई कंपनियों ने भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इजाजत मांगी है.
हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने दावा किया कि उनकी कंपनी के कोविशील्ड वैक्सीन को इस महीने के अंत तक इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल जाएगी. इसके अलावा फाइजर इंडिया, भारत बायोटेक भी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांग चुके हैं.
(रणविजय सिंह, लखनऊ में स्वतंत्र पत्रकार हैं. इनके काम के बारे में और जानकारी यहां ली जा सकती है.)
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