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भारत में भी डेल्टा वेरिएंट के नये म्यूटेशन AY.4.2 की पहचान

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Health News
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राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC- नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल) की जीनोम सिक्वेंसिंग पर एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में COVID-19 बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के नये सब-लिनीअज AY.4.2 का पता चला है. ये वही वेरिएंट है, जिस पर यूके में भी निगरानी की जा रही है.

NCDC की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर में इस नये Covid वेरिएंट AY.4 (डेल्टा वेरिएंट का एक उप-वंश) के सात मामलों का पता चला है, जबकि महाराष्ट्र में पिछले महीने लिए गए सैंपल में से 1 प्रतिशत सैंपल में इसका पता चला.

भारत में अब तक कुल 17 सैंपल में इस वेरिएंट की पहचान हुई है.

NCDC के एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि AY.4.2 से भारत में कोरोना के मामलों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ये भारत में मौजूद है. इसके अलावा AY.33 और AY.4.1 का भी भारत में पता चला है.

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यूके में वैज्ञानिक डेल्टा वेरिएंट के इस नये रूप की निगरानी कर रहे हैं और हाल ही में AY.4.2 वेरिएंट को 'वेरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन' घोषित किया है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट में ये नया म्यूटेशन यूके में COVID-19 मामलों के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हो सकता है और मूल डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है.

The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार, यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया कि एक डेल्टा सब-लिनीअज (उप-वंश), जिसे AY.4.2 नाम दिया गया है, के मामले इंग्लैंड में बढ़ रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि 27 सितंबर से शुरू होने वाले हफ्ते में सिक्वेंस किए गए कोरोना वायरस के मामलों में 6 प्रतिशत मामलों में AY.4.2 का पता चला है और इसमें बढ़त देखी जा रही है.

अब तक इस वेरिएंट के बारे में क्या पता चला है, यहां जानिए.

AY.4.2 वेरिएंट क्या है?

AY.4.2 डेल्टा वेरिएंट से निकला है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करने वाले नये म्यूटेशन हैं. AY.4.2 डेल्टा से आने वाली 45 उप-वंशों (sub-lineages) में से एक है, जिसे दुनिया भर में दर्ज किया गया है.

बीबीसी ने बताया कि पहली बार जुलाई 2021 में इसकी पहचान की गई थी और तब से यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है.

इसमें दो म्यूटेशन Y145H और A222V शामिल हैं. महामारी की शुरुआत के बाद से दूसरे कई वेरिएंट में ये म्यूटेशन देखे गए हैं, लेकिन ये म्यूटेशन अभी किसी मौजूदा वेरिएंट ऑफ कंसर्न में नहीं हैं.

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क्या AY.4.2 अधिक ट्रांसमिसिबल (संचरणीय) है?

अभी तक इस बात का कोई संकेत नहीं है कि स्पाइक प्रोटीन में बदलाव से AY.4.2 का ट्रांसमिशन ज्यादा हो रहा हो, लेकिन इसका अभी भी अध्ययन किया जा रहा है.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि AY.4.2 मूल डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिशिबल हो सकता है. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, 9 अक्टूबर को समाप्त पखवाड़े में AY.4.2 के मामले इंग्लैंड में सभी संक्रमण के मामलों का लगभग 10 प्रतिशत था. हालांकि, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि AY.4.2 दूसरे वेरिएंट की तुलना में अधिक घातक हो.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने बीबीसी से कहा, "यह संभावित रूप से थोड़ा अधिक संक्रामक हो सकता है. अभी इसकी जांच चल रही है."

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AY.4.2 और कहां मिला है?

cov-lineages.org के मुताबिक इसके सबसे ज्यादा मामले यूके में पहचाने गए हैं, इसके बाद डेनमार्क और जर्मनी हैं.

Business Insider के मुताबिक नये वेरिएंट पर अमेरिका और इजराइल में भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

बीबीसी ने बताया कि डेनमार्क में कुछ मामले थे, लेकिन AY.4.2 के साथ तब से नए संक्रमण कम हो गए हैं.

अमेरिकी सेंट्रर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक अमेरिका में AY.4.2 अभी भी "बहुत दुर्लभ" है.

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आप खुद को कोरोना के नये वेरिएंट से कैसे बचा सकते हैं?

वायरस म्यूटेट होते हैं और COVID-19 बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 वायरस के नये वेरिएंट सामने आना कोई नई बात नहीं है.

किसी भी कोरोना वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है टीकाकरण, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन जारी रखना है.

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