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COVID-19 FAQ: ‘क्या प्लेन में मुझे कोरोना संक्रमण का खतरा है?’

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Health News
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एयरलाइंस हवाई यात्रा शुरू करने की तैयारी में लगी हैं और भारत में लोग 25 मई से फिर उड़ान भर सकेंगे. भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक हर कदम पर सावधानी और सुरक्षा के साथ प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

मंत्रालय द्वारा पेश की गई गाइडलाइंस के अनुसार, ये चीजें पहले से ही तय हैं:

  1. यात्रियों को घर से निकलने/टैक्सी से उतरने के समय से ही मास्क पहनना होगा
  2. लोग सिर्फ अधिकृत टैक्सियों में यात्रा करेंगे
  3. लोगों की थर्मल स्कैनर द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी और उनका टेंपरेचर नोट किया जाएगा
  4. लोगों को खुद घोषणा करनी होगी कि वे किसी कंटेनमेंट जोन से नहीं आ रहे हैं/उनके पास आरोग्य सेतु ऐप है
  5. एयरपोर्ट पर कई सैनिटाइजेशन प्वाइंट होंगे
  6. जहां तक मुमकिन हो, न्यूनतम शारीरिक संपर्क होगा
  7. बोर्डिंग से पहले मुसाफिरों को थ्री-लेयर मेडिकल मास्क और सेनेटाइटर के साथ एक सुरक्षा किट दी जाएगी

लेकिन बुकिंग खुलने के साथ ही लोगों में डर भी है. किसी के भी मन में ये सवाल हो सकता है कि क्या प्लेन में सह-यात्री से कोरोना का संक्रमण हो सकता है? इसका जवाब हालात की एक श्रृंखला पर निर्भर करता है. हम यहां एक-एक कर उनका जवाब देने की कोशिश करेंगे.

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क्या मुझे ट्रैवल करना चाहिए?

ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी वायरस मौजूद है और इसलिए कोई भी हवाई यात्रा तभी करनी चाहिए, जब बहुत जरूरी हो.

  • अगर आप ज्यादा उम्र वाले हैं या को-मॉर्बिटीज (पहले से ही किसी बीमारी से ग्रस्त) वाले बुजुर्ग व्यक्ति हैं, तो यात्रा न करें.

  • जब तक एकदम जरूरी न हो, बच्चों के साथ यात्रा न करें.

  • अगर आप गंभीर को-मॉर्बिटीज वाले नौजवान शख्स हैं, तो यात्रा न करें.

अगर आपके लिए यात्रा बहुत जरूरी है, तो सभी सावधानियां बरतें. अपनी स्थिति का खुद मूल्यांकन करें.

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प्लेन में क्या मुझे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए?

आपको आपकी सेफ्टी किट में एक सैनिटाइजर दिया जाएगा. फिर भी सुरक्षा के लिए घर से भी सैनिटाइजर लेकर चलें. आप वाइप्स भी लेकर चल सकते हैं. सीट के हैंडल, टेबल की सतह, सीट बेल्ट को साफ करें. साथ ही मैगज़ीन पॉकेट को पोछें और कुछ लोगों का सुझाव है कि आपको अपने ऊपर के एयर वेंट को भी पोछना चाहिए. एयरलाइंस भी अपनी क्लीनिंग प्रोसीजर पर अमल करेंगी और उम्मीद है कि वे सतहों को समय-समय पर साफ करती रहेंगी.

इस सैनिटाइजर को हमेशा साथ रखें. एयरलाइंस में सबसे गंदगी वाली जगह टॉयलेट है. नल, दरवाजे के हैंडल को साफ करें और जब आप अपनी सीट पर लौटें तो कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को फिर से सैनिटाइज करें. इसमें शर्म न महसूस करें, आपकी सुरक्षा जरूरी है.

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विमान में किसी संक्रमित शख्स से मुझे संक्रमण होने की कितनी आशंका है?

हर किसी के लिए यह एक बड़ी चिंता है. एमोरी यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इन्फ्लूएंजा या ड्रॉपलेट (छोटी बूंदों) से फैलने वाली किसी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त यात्री द्वारा एक कतार से ज्यादा दूर तक संक्रमण (कोरोना वायरस भी एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जो ड्रॉपलेट के माध्यम से फैलता है) फैलाने की संभावना नहीं है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी एक संक्रमित व्यक्ति से कॉन्टैक्ट को एक दूसरे से दो कतारों के अंदर बैठाए जाने के रूप में परिभाषित करता है. (नीचे फिगर 1 देखें)

जब संक्रमित शख्स खांसता या छींकता है और ये ड्रॉपलेट्स आप पर पड़ती हैं. अगर आप इन ड्रॉपलेट को छूते हैं और फिर अपने चेहरे को छूते हैं, तो आप संक्रमित हो सकते हैं. आप इस बारे में यहां पढ़ सकते हैं कि ये ड्रॉपलेट कितनी दूर तक जा सकती हैं.

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अगर मैं संक्रमित शख्स के करीब या उसके साथ की कतार में नहीं बैठा हूं, क्या तब भी मेरे लिए रिस्क है?

लेकिन जैसा कि इंसानी फितरत है, हम सिर्फ अपनी सीटों से चिपके नहीं रहेंगे (हालांकि छोटी यात्राओं में, नहीं उठने में कोई खराबी नहीं है- बशर्ते की यात्रा शुरू करने से पहले या बाद में अपनी टॉयलेट की जरूरतों का ख्याल रखें). आपके खड़े होने, टॉयलेट जाने, पानी पीने के लिए (बोतलों को गैली एरिया में रखा जाएगा), अपने केबिन बैग वगैरह से कुछ निकालने के लिए खड़े होने की संभावना है.

अध्ययन के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने की संभावना- फ्लाइट में आपकी मूवमेंट, एक-दूसरे से संपर्क (फिगर 2 देखें). और अगर आप एक केबिन क्रू मेंबर हैं, तो आपकी संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं (लेकिन फिर से बता दें कि, मंत्री ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि क्रू ‘फुल प्रोटेक्टिव गियर’ पहनेगा और फ्लाइट में खाना नहीं दिया जाएगा- न्यूनतम संपर्क होगा).

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सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है जिसे बुक कराऊं?

विंडो सीट. एक अध्ययन के अनुसार गैलरी साइड में बैठने वालों की तुलना में विंडो सीट वालों के चलने-फिरने की संभावना 43% कम होती है.

केबिन एयर फिल्टर कितने असरदार हैं?

देखिए WHO प्लेन में संक्रामक रोगों का शिकार बनने के बारे में क्या कहता है.

“प्लेन के केबिन की हवा की गुणवत्ता को सावधानी से नियंत्रित किया जाता है. वेंटिलेशन दर इतनी होती है कि हवा हर घंटे कुल 20-30 बार बदलती है. ज्यादातर आधुनिक विमानों में रीसर्क्युलेशन सिस्टम होते हैं, जो 50% तक केबिन की हवा को रीसायकल करते हैं. रीसर्क्युलेटेड हवा आमतौर पर HEPA (हाई-एफिसिएंशी पार्टिकुलेट एयर) फिल्टर से गुजरती है, जो कि अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर और इंटेंसिव केयर यूनिट में इस्तेमाल किए जाते हैं. यह फिल्टर धूल कण, बैक्टीरिया, फंगस और वायरस को रोकते हैं.”

यह याद रखना चाहिए कि आप एक संक्रमित शख्स के ठीक बगल में नहीं बैठे हैं और वह शख्स ठीक आप पर ही नहीं छींकता है. सुनिश्चित करें कि आपने जो मास्क पहना है, वह ठीक से लगाया गया हो. कुछ विशेषज्ञ वियरिंग गॉगल्स या फेस शील्ड पहनने की सलाह देते हैं, क्योंकि वायरस आंखों से भी शरीर में आ सकता है.

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क्या फेस मास्क से मदद मिलती है?

सर्जिकल मास्क (जो कि आपकी सेफ्टी किट का हिस्सा होगा) आपकी नाक या आपके मुंह पर बड़ी बूंदों को आने से रोकता है. यह आपको अपना चेहरा छूने से भी रोकता है. अगर आप संक्रमित हैं, तो इसके प्रयोग से संक्रमण को दूसरों तक पहुंचने की संभावना कम होती है. लेकिन सिर्फ मास्क अकेले पूरी सुरक्षा नहीं है क्योंकि यह आपको ड्रॉपलेट्स सांस से अंदर लेने से नहीं रोकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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