जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमारे शुभचिंतक फल लेकर हमसे मिलने आते हैं. सोचा है क्यों? आसान जवाब है- क्योंकि ये पचने में आसान होता है.
सबसे आसानी से पचने वाला भोजन फल है. जटराग्नि - पाचन की आग को सबसे प्रभावी रूप से जलाना है, तो फल निश्चित रूप से सबसे अच्छा ईंधन है.
लंबी जिंदगी के लिए खाएं फल!
2019 में अमेरिका के टुफ्ट्स यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में सब्जी और फल नहीं खाने से दुनिया भर में लाखों लोग हर साल कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की वजह से मौत का शिकार हो जाते हैं.
स्टडी में ये बात सामने आई कि पर्याप्त मात्रा में फल नहीं खाने की वजह से 2010 में 18 लाख लोगों की मौत हो गई. वहीं, दिल की बीमारियों से होने वाली मौत के मामले में 7 में से 1 की मौत पर्याप्त मात्रा में फल नहीं खाने से होती है.
एक मजबूत पाचन तंत्र आपको फल से ज्यादा विटामिन और फाइबर लेने में मदद करता है, जो आपको हेल्दी वेट बनाए रखता है, आपको हार्ट की बीमारियों से बचाता है और भरपूर ऊर्जा देता है.
एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप लंबी और हेल्दी लाइफ चाहते हैं, तो रोजाना फलों और सब्जियों की 5 सर्विंग खाने की कोशिश करें, जिसमें 2 सर्विंग फल की और 3 सब्जियों की हों.
इस रिसर्च के मुताबिक हर रोज फल और सब्जियों की 2 सर्विंग्स का सेवन करने वालों की तुलना में, जिन प्रतिभागियों ने फल और सब्जी की एक दिन में 5 सर्विंग्स का सेवन किया, उनमें सभी कारणों से मृत्यु का जोखिम 13% कम पाया गया; हृदय रोग (स्ट्रोक समेत) से मौत का जोखिम 12% कम; कैंसर से मृत्यु का जोखिम 10% कम और सांस की बीमारियों जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से मृत्यु का जोखिम 35% कम पाया गया.
ये स्टडी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के फ्लैगशिप जर्नल सर्कुलशेन में पब्लिश की गई है.
लेकिन अब सवाल ये है कि हम फल कब खा सकते हैं और कितना खा सकते हैं?
हर किसी की डाइट में ज्यादा से ज्यादा 30% तक फल होने चाहिए.
सुबह की पहली डाइट हो- फ्रूट डाइट
जब आपने रात के बाद काफी समय तक कुछ नहीं खाया होता है, तो पाचन जल्दी और आसानी से होता है. आपका शरीर फलों को पचाने के लिए एक खास एंजाइम का इस्तेमाल करता है. जब ये एंजाइम अन्य खाद्य पदार्थों के बिना अपना काम करते हैं, तो शरीर फलों को बेहतर तरीके से प्रोसेस करता है. इससे सभी पोषक तत्व, फाइबर और शुगर ज्यादा से ज्यादा एब्जॉर्ब हो पाते हैं.
भोजन और फल खाने के बीच हो अंतर
फलों में शुगर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो खाने के साथ या तुरंत बाद खाने पर पेट में मौजूद बैक्टीरिया के साथ फर्मंटेशन (किण्वन) की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. इससे डाइजेशन (पाचन) में परेशानी हो सकती है. इसलिए कम से कम 30 मिनट का अंतर रखने की सलाह दी जाती है.
न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन कहती हैं कि अगर आप नाश्ते में फल नहीं खा रहे हैं, तो भोजन और फल खाने के बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर रखें.
“आदर्श रूप से फलों को नाश्ते के रूप में, भोजन से कुछ देर पहले खाना चाहिए क्योंकि ये दो उद्देश्यों को पूरा करता है. पहला भूख को कम करता है और दूसरा आपके शरीर को ऊर्जा देता है, साथ ही ये आसानी से पच भी जाता है. अगर आप भोजन के बाद फल खाना चाहते हैं, तो 30 मिनट का अंतर रखें.”कविता देवगन
एकसाथ कई फल खाना सही है?
सभी फल एक क्षारीय एश छोड़ते हैं. अगर आपको अल्सर या हाइपर एसिडिटी जैसी परेशानी है, तो अलग-अलग फलों (जैसे अम्लीय, न्यूट्रल और शर्करा) का मिश्रण एक चिंता की बात हो सकती है. हालांकि, इसके अलावा, वास्तव में कोई समस्या नहीं है.
“अगर आपका पेट अच्छी तरह से काम कर रहा है, तो शरीर इन संयोजनों को संभाल सकता है. सिर्फ कमजोर पेट या गंभीर एसिडिटी जैसी पेट की बीमारी वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.”कविता देवगन
वर्कआउट से पहले और बाद में फल खाना- अच्छी बात
वर्कआउट से पहले फल खाना बहुत अच्छा होता है. भरपूर शुगर और कार्बोहाइड्रेट के जरिये फल आपको ऊर्जा से भर सकता है. ये आपको जरूरी विटामिन भी देता है.
इसका एक उदाहरण पोटैशियम है. जब आप वर्कआउट करते हैं तो ये आपके इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. वर्कआउट से पहले 2 फल आम और केले खाना काफी फायदेमंद है.
वहीं वर्कआउट के बाद मांसपेशियों की रिकवरी के लिए इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस काफी सहायक होता है.
रात में सोने से पहले फल खाने से बचें
अगर आप रात में सोने जा रहे हैं तो उस समय फल खाने से बचें क्योंकि शुगर आपको जगाए रख सकती है. अगर आपको जागना है, तो रात में भी आप कुछ फल खा सकते हैं!
अगर आप प्रिडायबिटीक, डायबिटीक हैं या एसिडिक फूड के प्रति संवेदनशील हैं, तो खाली पेट फल खाने पर आपको सावधान रहना चाहिए.
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