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हर फैट सेहत के लिए बुरा नहीं, खाने में शामिल करें ये गुड फैट फूड

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फैट (वसा) का जिक्र आमतौर पर मोटापे या बढ़ते वजन, बुरी सेहत से जोड़कर किया जाता है. लेकिन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की तरह ही वसा भी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जिसकी शरीर को जरूरत होती है.

वसा की एक छोटी मात्रा स्वस्थ, संतुलित आहार का एक जरूरी हिस्सा है. फैट शरीर को विटामिन A, विटामिन D और विटामिन E को अवशोषित करने में मदद करता है. इसलिए इसे अपने डाइट से बाहर मत कीजिए और बैड फैट की जगह गुड फैट फूड को खाने में शामिल कीजिए.

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गुड फैट और बैड फैड

खाने की चीजों से हमें मुख्य रूप से 3 तरह के फैट मिलते हैं:

  1. अनसैचुरेटेड फैट
  2. सैचुरेटेड फैट
  3. ट्रांस फैट

अनसैचुरेटेड फैट को गुड फैट माना जाता है. हमारा सबसे बड़ा दुश्मन ट्रांस फैट है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL-लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) बढ़ता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL- हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) घटता है. इसका संबंध दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, डायबिटीज और दूसरी बीमारियों के रिस्क से है.

ये गुड फैट फूड खाने में शामिल करें

1. एवोकाडो

ज्यादातर फलों में मुख्य रूप से कार्ब्स होते हैं, एवोकाडो फैट से भरे होते हैं. एवोकाडो में करीब 77% फैट होता है. इसमें मांस की तुलना में भी ज्यादा फैट होता है.

एवोकाडो पोटेशियम के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है, यहां तक कि इसमें केले से 40% ज्यादा पोटेशियम पाया जाता है.

भले ही इनमें फैट और कैलोरी ज्यादा होती है, लेकिन एक स्टडी से पता चलता है कि जो लोग एवोकाडो खाते हैं, उनका वजन इसे न खाने वालों की तुलना में कम होता है और बेली फैट भी कम होती है.

2. फुल-फैट योगर्ट

फुल-फैट योगर्ट काफी हेल्दी होता है. इसमें अन्य हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट की तरह सभी जरूरी पोषक तत्व हैं. लेकिन ये स्वस्थ, प्रोबायोटिक बैक्टीरिया से भी भरा हुआ है, जो आपके स्वास्थ्य पर शक्तिशाली प्रभाव डाल सकते हैं.

योगर्ट पाचन स्वास्थ्य में बड़े सुधार का कारण बन सकता है, और हृदय रोग और मोटापे से लड़ने में भी मदद करता है.

लेकिन फुल फैट योगर्ट लेते वक्त लेबल जरूर पढ़ें. कई बार स्टोर के योगर्ट में फैट तो कम होता है, लेकिन उसमें काफी मात्रा में शुगर होती है.

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3. नारियल और नारियल का तेल

नारियल और नारियल का तेल, सैचुरेटेड फैट का सबसे रिच सोर्स है. उनमें पाया जाने वाला करीब 90% फैटी एसिड सैचुरेटेड होता है.

स्टडी बताते हैं कि नारियल में पाया जाने वाला मीडियम चेन फैट भूख दबाता है, जिससे लोगों को कम कैलोरी खाने में मदद मिलती है और ये प्रति दिन 120 कैलोरी तक मेटाबोलिज्म को बूस्ट कर सकता है.

कई स्टडीज ये भी कहती हैं कि इस तरह के फैट अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी हो सकते हैं और इससे पेट की चर्बी कम करने में भी मदद मिलती है.

4. फैटी फिश

फैटी फिश जैसे सैल्मन, ट्यूना, मैकेरल, हेरिंग, ट्राउट, सार्डिन और फिश ऑयल गुड फैट सोर्स वाले बेहतरीन एनिमल प्रोडक्ट हैं. ये हार्ट-हेल्‍दी ओमेगा -3 फैटी एसिड और प्रोटीन और कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.

स्टडी से पता चलता है कि जो लोग मछली खाते हैं उनमें हृदय रोग, अवसाद, डिमेंशिया और सामान्य बीमारियों का जोखिम कम होता है.

5. पनीर

पनीर कैल्शियम, विटामिन बी 12, फास्फोरस और सेलेनियम का एक बड़ा स्रोत है और इसमें सभी प्रकार के अन्य पोषक तत्व शामिल होते हैं.

पनीर के एक मोटे स्लाइस में एक गिलास दूध के बराबर 6.7 ग्राम प्रोटीन होता है.

अन्य हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स की तरह पनीर में भी फैटी एसिड होते हैं जो कई फायदों के साथ टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क भी कम करते हैं.

तो फैट से परहेज मत कीजिए और गुड फैट फूड खाइए. आपके लिए रोजाना जरूरी कुल कैलोरी में से 20% से 35% कैलोरी वसा से मिलनी चाहिए.

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