कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) तेज करने के इरादे से केंद्र सरकार ने हैदराबाद की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड की कोविड वैक्सीन (Biological-E Vaccine) की 30 करोड़ डोज बुक कर दी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 जून को कहा कि बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट किया जाएगा.
Biological-E की कोविड Vaccine के बारे में क्या पता है?
बायोलॉजिकल-ई की COVID वैक्सीन SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) पर आधारित है. इसमें 'टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट' में डेवलप किया गया एक एंटीजन “RBD N1C1” है.
इस वैक्सीन में Dynavax Technologies Corporations का एडवांस्ड एडजुवेंट CpG 1018TM भी है. एडजुवेंट (adjuvant) एंटीजन की उपस्थिति में इम्यून सिस्टम का रिस्पॉन्स बढ़ाने के लिए जाना जाता है. वैक्सीन के प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है.
ये वैक्सीन रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एक नुकसान न करने वाले एजेंट से इम्युन प्रतिक्रिया शुरू करती है.
Biological-E की COVID वैक्सीन: फेज I/II क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे
कंपनी ने अपनी कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट का फेज I/II क्लीनिकल ट्रायल पिछले साल नवंबर 2020 के दूसरे हफ्ते से शुरू किया था. फेज I/II क्लीनिकल ट्रायल में 360 हेल्दी वॉलंटियर्स को शामिल किया गया था.
ट्रायल्स के दौरान पार्टिसिपेंट्स को दो वैक्सीन डोज 28 दिन के अंतराल पर दी गई थीं. कंपनी के मुताबिक इस ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित और अच्छी तरह टोलरेटेड और इम्युनोजेनिक पाई गई.
कंपनी ने 24 अप्रैल 2021 को घोषणा की थी कि भारत में अपने COVID-19 सबयूनिट वैक्सीन कैंडिडेट के फेज I/II क्लीनिकल ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने तीसरे फेज का ट्रायल करने की मंजूरी दे दी है.
Biological-E की COVID वैक्सीन: तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल जारी
पहले/दूसरे फेज के ट्रायल में पॉजिटिव रिजल्ट दिखने के बाद बायोलॉजिकल-ई अब वैक्सीन के तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है.
तीसरे फेज के ट्रायल के लिए भारत में 15 साइट निर्धारित किए गए हैं. कंपनी की ओर से तीसरे फेज के ट्रायल में 18 से 80 साल के बीच 1268 वॉलंटियर्स को शामिल किए जाने की जानकारी दी गई थी.
कब उपलब्ध होगी Biological-E की COVID वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी. सरकार ने बताया कि कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की तरफ से 100 करोड़ रुपये की सहायता दी गई थी.
मंत्रालय ने कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच बायोलॉजिकल-ई वैक्सीन डोज मैन्युफैक्चर और स्टॉकपाइल करेगी.
ऐसी संभावना है कि जून-जुलाई के दौरान इसके ट्रायल पूरे हो जाएंगे और सरकारी नियामक की मंजूरी भी मिल जाएगी. इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने के बाद ही इसका टीकाकरण में इस्तेमाल शुरू होगा.
कई COVID वैक्सीन बना रही कंपनी
बायोलॉजिकल-ई भारत की सबसे पुरानी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है. कंपनी टेटनस, मीसल्स, रूबेला जैसी बीमारियों की वैक्सीन बनाती है. कोविड महामारी शुरू होने के बाद से बायोलॉजिकल-ई कई वैक्सीन पर काम कर रही है.
जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-शॉट वैक्सीन की 600 मिलियन डोज भारत में मैन्युफेक्चर करने का जिम्मा इसी कंपनी पर है.
1 जून को बायोलॉजिकल ई कंपनी ने कहा था कि कनाडा की एक कंपनी प्रोविडेंस थेराप्यूटिक्स होल्डिंग्स (Providence Therapeutics Holdings) के साथ साझेदारी हुई है, जो भारत में mRNA vaccines निर्माण के लिए जरूरी तकनीक ट्रांसफर करेगी. कंपनी का लक्ष्य एक अरब वैक्सीन निर्माण का है. कंपनी 2022 तक 60 करोड़ मिलियन डोज तैयार करने का टारगेट रखती है.
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